- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
- Mere Husband Ki Biwi Opens Up To Great Word Of Mouth Upon Release, Receives Rave Reviews From Audiences and Critics
- Jannat Zubair to Kriti Sanon: Actresses who are also entrepreneurs
एप्लास्टिक एनीमिया नियंत्रण के लिए लंदन अपनायेगा होम्योपैथी इलाज की खूबियाँ और इंदौरी खानपान

हेनिमैन कॉलेज ऑफ़ होम्योपैथी, यूनाइटेड किंगडम द्वारा आयोजित 16वें अन्तराष्ट्रीय होम्योपैथी कॉन्फ़्रेंस में डॉ द्विवेदी ने संबोधित किया
केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद आयुष मंत्रालय,भारत सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए. के. द्विवेदी ने सात समंदर पार फहराया भारतीय आहार-विहार का परचम
इंदौर। हमारे इंदौर समेत समूचे उत्तर और मध्य भारत में सर्दियों के दौरान गुड़ और तिल की बनी गजक खासतौर पर खूब खाई जाती है। यूँ तो इस गजक की कई खूबियाँ हैं मगर सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसे खाने से खून बढ़ता है। जिसका सीधा फायदा एप्लास्टिक एनीमिया जैसी खून की कमी से होने वाली बीमारियों से बचाव में होता है। इससे रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है क्योंकि इन लड्डुओं में मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन विटामिन, नियासिन, फास्फोरस, प्रोटीन के साथ-साथ कई अन्य मिनरल्स भी पाये जाते हैं। इसी तारतम्य में तिल-गुड़ के लड्डू और चक्की भी इस्तेमाल की जाती है। इस तरह भारतीय खानपान में ऐसी ही कई चीजें शामिल हैं जो सेहत को बेहतर बनाने के लिहाज से बेहद फायदेमंद हैं।

ये अत्यंत दिलचस्प और बहु-उपयोगी जानकारी भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. ए. के. द्विवेदी ने गुरुवार को यूनाइटेड किंगडम स्थित हेनमैन कॉलेज ऑफ होम्योपैथी द्वारा आयोजित इंटरनेशनल काँग्रेस में एप्लास्टिक एनीमिया पर अपना रिसर्च पेपर साझा करते हुए दी। पाँच मरीजों के सफल इलाज की अपनी केस स्टडी शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि एप्लास्टिक एनीमिया में गोंद के लड्डू, मेवे के लड्डू और खसखस का हलवा जैसी कई भारतीय रेसेपीज बहुत फायदा पहुँचाती हैं। हालाँकि वहाँ के लोग इन शानदार व्यजनों का लुत्फ अमूमन ठंड के मौसम में ही उठा पाते हैं क्योंकि बाकी समय वहाँ मौसम आमतौर पर गर्म रहता है और इन सभी व्यंजनों की तासीर भी गर्म है। इसलिए वहाँ इन्हें साल भर खाना संभव नहीं होता है। लेकिन यहाँ लंदन में तो इस तरह की चीजें साल के 8 से 9 महीने इस्तेमाल की जा सकती हैं। जो आपकी सेहत भी सुधारेंगी और शरीर में गर्माहट भी बनाये रखेंगी।
बेहद अहम साबित होगी डॉ. द्विवेदी की रिसर्च
चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व के अनेक मंचों पर इंदौर और देश का नाम रोशन कर चुके डॉ. द्विवेदी ने बताया कि वो लंबे समय से एप्लास्टिक एनीमिया के अनेक मरीजों का समुचित इलाज कर उनका जीवन बेहतर बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि गोंद के लड्डू में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम और आयरन सहित अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो खासतौर पर हड्डियों की कमजोरी को दूर करते हैं और रक्त बढ़ाते हैं। इसी तरह अलसी के लड्डूओं में विटामिन के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन बी जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं । जिससे हड्डी मजबूत होती और रक्त भी बढ़ता है। पिन्नी के लड्डू खासतौर पर गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए लाभदायक हैं। भारतीय खान-पान बीमारियों को रोकने वाला और खून बढ़ाने वाला होता है। इसीलिए मेरी रिसर्च का सार यही है कि जो मरीज होम्योपैथिक चिकित्सा के साथ साथ जो आयरन और प्रोटीन रिच भोज्य पदार्थों का सेवन करते है वो जल्दी ठीक हो जाते हैं । कॉन्फ्रेंस के बाद डॉ. द्विवेदी ने एनीमिया और ब्लीडिंग डिसऑर्डर के चुनिंदा जरूरतमंद मरीजों का चेकअप कर उन्हें जरूरी होम्योपैथिक दवाइयां भी निःशुल्क मुहैया कराईं।
डॉ. द्विवेदी इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित
इस अवसर पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर की एक्जीक्यूटिव कमेटी के मेंबर डॉ. द्विवेदी को इंटरनेशनल अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। आयोजक संस्थान के निदेशक डॉ. शशिमोहन शर्मा ने कहा कि होम्योपैथी का अविष्कार बेशक जर्मनी में हुआ है लेकिन अब डॉ. द्विवेदी जैसे कर्मठ और लगनशील होम्योपैथिक चिकित्सक सिद्ध कर रहे हैं कि इस चिकित्सा पद्धित का भविष्य में भारत ही है। इस इंटरनेशनल होम्योपैथिक कांग्रेस के जरिये उनके जैसे विशेषज्ञों के सुझावों पर अमल करके हम एप्लास्टिक एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे अपने प्रयासों और तेज कर सकते हैं। इसमें डॉ. द्विवेदी की रिसर्च बहुत अहम साबित हो सकती है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेयर इन कौंसिल ऑफ़ सलाफ़ यूनाइटेड किंगडम के श्री अमजद अब्बासी जी आपने कहा कि यूनाइटेड किंगडम में हेल्थ केयर के लिए इस तरह के कॉन्फ़्रेंस सेमिनार का वे सदैव स्वागत करते हैं. आपने कहा कि यूनाइटेड किंगडम में होम्योपैथी ट्रीटमेंट काफ़ी पॉपुलर है.
उक्त अवसर पर यूनाइटेड किंगडम,भारत, सर्बिया, इटली, सिंगापुर, पाकिस्तान, श्रीलंका सहित विश्व के अन्य देशों के होम्योपैथिक चिकित्सकों ने भाग लिया तथा अपने अनुभव साझा किए. प्रोग्राम को डॉ पद्मप्रिया नायर और गायत्री नायर द्वारा संचालित किया गया. डॉ शशीमोहन शर्मा ने विभिन्न देशों से आए सभी होम्योपैथिक चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया