स्वच्छता के लिए मालिनी गौड़ और आशीष सिंह को किया सम्मानित

इंदौर. स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश गत कई वर्षों से देश में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. स्वच्छता सर्वेक्षण में हमारा इंदौर शहर गत 4 वर्षों से लगातार भारत का स्वच्छतम शहर चुना जा रहा है. इंदौर स्वच्छता में किसी को भी टिकने नहीं देता. इंदौर ने वेस्ट कचरे को वेल्थ में बदला है. कचरे का निपटान कर आमदनी का नया स्त्रोत सृजित किया है.

यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल से आयोजित स्वच्छता सेवा सम्मान समारोह 2020 के के दौरान संबोधित कर रहे थे. इसका लााइव प्रसारण भी किया गया और इंदौर के वार्ड – 73 के रहवासियों से संवाद के भी किया गया.

उन्होंने कहा कि इंदौर के रहवासियों ने आपदा को अवसर में बदलने का कार्य किया है. हमने तो सुना था पीला सोना, पर इंदौर ने कचरे को काले सोने में बदलने का कार्य किया है. मुझे विश्वास है कि इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में स्वच्छता का पंच लगाएगा. इसके साथ ही हमारे अन्य नगरीय निकाय भी स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बन रहे हैं. हम सब मिलकर संकल्प लेते हैं कि हम मध्यप्रदेश को स्वच्छता के सभी घटकों में नं-1 बनाएंगे.

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल के मिंटो हॉल में स्वच्छता सेवा सम्मान-2020 वितरित किए. उन्होंने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में विभिन्न क्षेत्रों में अव्वल आने वाले प्रदेश के इंदौर, भोपाल, उज्जैन, सागर, जबलपुर सहित कई नगरीय निकायों को सम्मानित किया. इंदौर चार बार नंबर वन स्वच्छ शहर का तमगा मिलने पर इंदौर की पूर्व महापौर मालिनी गौड़ व पूर्व निगमायुक्त आशीष सिंह को प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने इस दौरान जीरो वेस्ट वार्ड 73 की भी घोषणा की और इसी वार्ड के सैफी नगर गार्डन में रहवासियों से सीधा संवाद किया. रहवासी अम्मार फईम ने मुख्यमंत्री को बताया कि रहवासियों ने निगम और एनजीओ की टीम के साथ मिल कर वार्ड को जीरो वेस्ट बना दिया है।

वार्ड 73 जीरो वेस्ट वार्ड

नगर निगम के वार्ड क्रं-73 की सुश्री फातिमा और अन्य ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने वार्ड को जीरो वेस्ट वार्ड बनाया है. अर्थात उनके वार्ड में निकलने वाले गीले एवं सूखे कचरे को वे रियूज व रिसाइकिल कर लेते हैं। गीले कचरे से खाद आदि बन जाती है व सूखे कचरे से विभिन्न कलात्मक चीजें बना लेते हैं. इस प्रकार उनके वार्ड से कोई कचरा नहीं निकलता. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि हमें मध्यप्रदेश को भी जीरो वेस्ट प्रदेश बनाना है.

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