मरीजों (लोगों) के लिए दवाओं का वही महत्व, जो मकर संक्रांति में तिल गुड़ का

कोरोना से बचाव और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सेंट्रल जेल में कैदियों को निःशुल्क होम्योपैथिक दवा का वितरण

इंदौर। सेंट्रल जेल में फिलहाल 2500 से भी अधिक कैदी हैं जिनमे लगभग 100 महिला बंदी भी हैं। ऐसे में उनके बीच कोरोना की तीसरी लहर में कोई बीमार नहीं हो तथा संक्रमण को रोका जा सके इस हेतु सेंट्रल जेल में कोरोना से बचाव की और इम्यूनिटी बढ़ाने की होम्योपैथिक दवाइयां वितरित की गईं। जिन कैदियों को सर्दी-जुकाम या बुखार था उन्हें विशेष रुप से दवाओं का वितरण किया गया।

जेल अधीक्षक अलका सोनकर की पहल पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय (सी सी आर एच) के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य तथा प्रख्यात होम्योपैथिक डॉ. ए.के. द्विवेदी थे। दवाओं का वितरण करने के साथ-साथ उन्होंने कैदियों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी टिप्स भी दिए।

उन्होंने कहा कि जिस तरह मकर संक्रांति में तिल और गुड़ का महत्व है उसी प्रकार बीमारों की जिंदगी बचाने के लिए दवायें महत्वपूर्ण हैं। मकर संक्रांति के दिन, दान का बहुत महत्व होता है। इसलिए निशुल्क दवा वितरण के लिए हमने यह पावन दिन चुना है। उन्होंने कैदियों को कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव के टिप्स भी दिए। श्रीमति अलका सोनकर ने डॉक्टर द्विवेदी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कैदियों को कोरोना से बचाव में उन्होंने पहले भी अहम भूमिका निभाई थी और इस बार भी वो अपनी जिम्मेदारी को बखूबी पूरी कर रहे हैं।

चिकित्सकीय भार कम करते हैं ऐसे आयोजन

श्रीमती अलका सोनकर जी ने कहा कि डॉक्टर द्विवेदी का यह एक ऐसा अनुकरणीय कदम है, जिससे दूसरे डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को भी प्रेरणा लेनी चाहिए क्योंकि ऐसे आयोजनों से हमारा चिकित्सकीय भार काफी कम हो जाता है। इलाज के लिए कैदियों को बाहर नहीं ले जाने से उनमें.संक्रमण होने की संभावना भी कम हो जाती है। डॉक्टर द्विवेदी ने कोरोना के अलावा भी कई दूसरे रोगों मरीजों के लिए दवाएं वितरित कीं। इस कार्यक्रम में डॉ विवेक शर्मा श्री राकेश यादव श्री दीपक उपाध्याय एवं सेंट्रल जेल के चिकित्सक तथा जेलर और उप जेलर समेत स्टाफ के अन्य सदस्यगण मौजूद थे।

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