रीडिंग के शिकायतें मिली तो कठोर कार्रवाई होगीः ऊर्जामंत्री

बिजली जोन व केंद्रों पर उपभोक्ताओं के लिए हेल्प डेस्क होगी

इंदौर. बिजली उपभोक्ता हमारे लिए सम्माननीय हैं, शहरों में कुछ केंद्रों, जोन पर हेल्प डेस्क बनाई जाए, जहां एक व्यक्ति उपभोक्ताओं को उपर्युक्त जानकारी दे, बुजुर्ग उपभोक्ता की मदद करे. इससे सकारात्मक संदेश जाएगा. शहरों में मीटर रीडरों की लापरवाही पर अंकुश लगाया जाएगा, जेई, एई सौ में से एक रीडिंग स्वयं जाचेंगे, रीडिंग को लेकर कोई लापरवाही शिकायतें नहीं आना चाहिए, ऐसे होने पर कठोर कार्रवाई होगी.

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह बात कही. शुक्रवार की शाम पोलोग्राउंड इंदौर के सभागार में उन्होंने कहा कि कंपनी के पोर्टल एवं बेबसाइट पर जानकारी हिंदी में हो, ताकि ज्यादा उपभोक्ता लाभ ले पाएं.

उन्होंने कहा कि मैं स्वयं बिजली उपभोक्ताओं से फोन पर सीधा संवाद करता हूं, जहां भी जाता हूं आपूर्ति, बिल के बारे में पूछता हूं, बिजली कंपनी के एमडी एवं अन्य अधिकारी भी इस तरह का संवाद सतत करें, इससे उपभोक्ता कंपनी एवं सरकार के प्रति संतुष्ट होगा.

श्री तोमर ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्रीजी से अनुरोध किया हैं कि माह में पांच उपभोक्ताओं से वे भी बिजली के संबंध में बात करेंगे। इससे वस्तु स्थिति पता चलेगी, सकारात्मक माहौल बनेगा।

बिजली चोरी रोकी जाए

ऊर्जामंत्री श्री तोमर ने कहा कि बिजली चोरी रोकी जाए, जहां रात चोरी हो रही है, वहां वीडियो रिकार्डिंग कराई जाए, इससे चोरी करने वालों में भय होगा। श्री तोमर ने कहा कि 100 रूपए में 100 यूनिट बिजली का उपयोग करने वाले पात्र उपभोक्ताओं से शत प्रतिशत वसूली होना चाहिए.

कोई भी परिवार ऐसा नहीं हैं जो 100 का बिजली बिल सतत न दे पाए. बड़े बकायादारों से सख्ती से वसूली हो. उन्होंने इंदौर शहर में और सुधार की जरूरत बताई एवं स्मार्ट मीटर की खूबियों की जानकारी अन्य शहरों के लिए रिपोर्ट की रूप में भोपाल भेजने के निर्देश भी दिए.

एलआरयू से ट्रांसफार्मर फेल रेट घटा

मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने जानकारी दी कि हमारा ट्रांसफार्मर रेट सतत घट रहा है, यह प्रदेश में सबसे कम है. कंपनी के विभिन्न परिसरों में  संचालित लोकल रिपेयरिंग यूनिट(एलआरयू) से फेल रेट घटाने में मदद मिली है, अब तक एलआरयू में 8000 से ज्यादा ट्रांसफार्मर रिपेयर हो चुके है.

बैठक में मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर, निदेशक मनोज झंवर, कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, वरिष्ठ अधिकारी सर्वश्री कैलाश शिवा, एसएल करवाड़िया, एसआर बमनके, अशोक शर्मा, कामेश श्रीवास्तव, डीएन शर्मा आदि भी प्रमुख रूप से मौजूद थे.

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