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मध्यभारत में पहली बार अपोलो अस्पताल, इंदौर द्वारा की गई “सेम डे डिस्चार्ज एंजियोप्लास्टी”
इंदौर, दिसंबर 2021 | अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर ने पहली बार डे केयर या सेम डे डिस्चार्ज एंजियोप्लास्टी करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। यह प्रक्रिया 69 वर्षीय पुरुष के इलाज के दौरान की गई। डे केयर यानि एक ही दिन में प्रक्रिया पूरी कर मरीज को डिस्चार्ज देने पर समय और पैसों की बचत होती हैं।
एंजियोप्लास्टी में मरीज की सिकुड़ चुकी या ब्लॉक हो गई धमनियों को मशीन की सहायता से चौड़ा किया जाता हैं ताकि मरीज का रक्त प्रवाह सुचारु रूप से होता रहे। मरीज श्री राधावल्लभ टाँक की कोरोनरी नस में ब्लॉकेज था, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, और छाती में भारीपन था। इस ब्लॉकेज को हटाने के लिए उन्हें एंजियोप्लास्टी की सलाह दी गई थी। एंजियोप्लास्टी,एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसे आमतौर पर बड़े अस्पतालों में किया जाता हैं और मरीज को विशेष देखभाल के लिए दो से तीन दिन अस्पताल में ही रखा जाता हैं।
अपोलो हॉस्पिटल्स इंदौर के डायरेक्टर डॉ अशोक वाजपेई ने कहा, “अपोलो अस्पताल हमेशा अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक लाने में सबसे आगे रहा है जो मरीजों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने में मदद करता है। वर्तमान समय में, हम देख रहे हैं कि मरीज जल्दी ठीक होकर अपने घर लौटना चाहते हैं, जो आज इमेजिंग तकनीक, रोबोटिक्स, क्लीनिकल और इंटरवेंशन टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति के कारण अब पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। डॉ. रोशन और डॉ सरिता ने मध्यभारत में इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में जो काम किया है, उस पर हमें गर्व है और डे केयर एंजियोप्लास्टी चिकित्सा जगत में एक और महत्वपूर्ण माइल स्टोन है।”
सीनियर कंसल्टेंट डॉ सरिता राव ने कहा,” महामारी से लड़ते हुए अस्पताल में बिस्तरों की कमी के कारण दुनिया भर में लाखों लोगों को परेशानी के दौर से गुजरना पड़ा। हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया हैं कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं। मरीजों का जल्दी से उपचार कर उन्हें डिस्चार्ज करके हम अस्पतालों में बिस्तरों और अन्य सुविधाओं को अधिक मरीजों के लिए उपलब्ध करा सकेंगे।”
अपोलो में हम हृदय की देखभाल (कार्डियक केयर) के तरीके को बदलने की कोशिश कर रहे हैं और हमारा मानना है कि इन छोटे कदमों से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती हैं।
कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख डॉ. रोशन राव ने कहा, ‘रोगी की सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और हमेशा रहेगी। हम वैकल्पिक कम जोखिम वाले पीसीआई करवाने वाले मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार उसी दिन डिस्चार्ज करने या फिर रात भर के अवलोकन के लिए अस्पताल में रखने का निर्णय लेते हैं।
‘सेम डे डिस्चार्ज एंजियोप्लास्टी’ को व्यापक रूप से अपनाने से पैसे और संसाधनों की बचत होगी। साथ ही इससे इलाज के दौरान मरीजों के अस्पताल में रहने का समय कम होगा, जिससे मरीज अधिक संतुष्ट भी होंगे और अन्य जरूरतमंद मरीजों को भर्ती होने के लिए अस्पताल में जल्दी बिस्तर मिल पाएंगे।
अपोलो हॉस्पिटल्स इंदौर के यूनिट हेड श्रीमान अभिलाष पिल्लई ने कहा, डे-केयर एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया अत्यंत दुर्लभ थी और अस्पताल में सभी विभागों के बीच उत्कृष्ट समन्वय के साथ संभव थी। इस प्रक्रिया में केवल निश्चित संकेतों जैसे हृदय के सामान्य या लगभग सामान्य पंपिंग फ़ंक्शन, मल्टी-वेसल डिसीस या किसी गंभीर बीमारी के ना होने पर ही मरीज को उसी दिन डिस्चार्ज करना संभव हैं।