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स्टरलाइट पावर को जम्मू एवं कश्मीर में दूसरी विद्युत संप्रेषण परियोजना मिली
संप्रेषण प्रणाली परियोजना (ट्रांसमिशन सिस्टम प्रोजेक्ट) के लिये चेनाब घाटी में पकलडुल हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (एचईपी) से बिजली निकालने हेतु लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआइ) मिला; अनुमानित सीओडी अप्रैल 2025 है
नई दिल्ली, मार्च 2022: प्रमुख विद्युत संप्रेषक विकासक (ट्रांसमिशन डेवलपर) एवं समाधान प्रदाता स्टरलाइट पावर को जम्मू एवं कश्मीर (जे एंड के) में 35 वर्षों की अवधि के लिये एक महत्वपूर्ण संवहन परियोजना के निर्माण, स्वामित्व, परिचालन और रख-रखाव के लिये पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन कंसल्टिंग लिमिटेड से लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआइ) मिला है। स्टरलाइट पावर को यह परियोजना टैरिफ बेस्ड कॉम्पीटिटिव बिडिंग प्रोसेस (टीबीसीबी) के माध्यम से मिली है।
जम्मू एवं कश्मीर में स्थित इस परियोजना में किश्तवाड़ में एक 400/132 केवी जीआईएस सबस्टेशन और किश्तवाड़ सबस्टेशन में लगभग 10 रूट किलोमीटर्स की 400 केवी एलआईएलओ (लाइन इन लाइन आउट) किशनपुर-दुलहस्ती ट्रांसमिशन लाइन है।
स्टरलाइट पावर के प्रबंध निदेशक श्री प्रतीक अग्रवाल ने कहा, “हम किश्तवाड़ परियोजना मिलने से बहुत खुश हैं, जिसकी कश्मीर के लोगों की भरोसेमंद और स्वच्छ बिजली तक पहुँच बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह दूसरी बड़ी परियोजना है, जिसका निष्पादन स्टरलाइट पावर चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में करेगी। हम इस महत्वपूर्ण परियोजना की समयबद्ध आपूर्ति के लिये अपनी विशेषज्ञता और पिछले अनुभव का इस्तेमाल करेंगे।”
इस संप्रेषण प्रणाली का उपयोग पकलडुल हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से 1000 मेगावाट बिजली निकालकर किश्तवाड़ सबस्टेशन पहुँचाने में होगा। भविष्य में इस परियोजना के संवर्द्धन की बड़ी संभावना है, जिसमें 765केवी और 220केवी का वोल्टेज एडिशन और आईसीटी और नेशनल ग्रिड से जुड़े हुए खण्ड होंगे। इसके अलावा, किशनपुर-दुलहस्ती 400केवी डी/सी (क्वाड) के एक सर्किट की एलआईएलओ द्वारा किश्तवाड़ में कॉमन पूलिंग स्टेशन स्थापित होने से भी इस क्षेत्र के किरू (624 मेगावाट) और क्वार (540 मेगावाट) को आगामी एचईपी परियोजनाओं से कनेक्टिविटी मिलेगी। यह परियोजना अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और स्थानीय समुदाय को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और साथ ही जम्मू एवं कश्मीर समेत उत्तर भारत में भरोसेमंद हरित बिजली की आपूर्ति करेगी।
यह एनआरएसएस-29 के बाद जम्मू एवं कश्मीर में स्टरलाइट पावर की दूसरी परियोजना है। एनआरएसएस-29 अब पंजाब से कश्मीर घाटी में 1000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करती है। इस परियोजना ने नेशनल ग्रिड को मजबूती दी है और जम्मू एवं कश्मीर की विद्युत संवहन क्षमता को कम से कम 33% बढ़ाया है। अपनी शुरूआत से ही 414 कि.मी. लंबी यह महत्वपूर्ण परियोजना इस क्षेत्र में बिजली की कमी को दूर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर सर्दियों के महीनों में, जब आमतौर पर बिजली की कटौती हुआ करती थी।