सफल उद्यमियों ने अनुभव सुनाए अपने

बीजेएस के नेशनल बिजऩेस कॉन्क्लेव
इंदौर. भारतीय जैन संगठन के नेशनल बिजनेस कॉन्क्लेव के दूसरे दिन होटल द ग्रैंड भगवती में देशभर के 300 से ज्यादा युवा उद्यमियों ने भाग लिया.
कॉन्क्लेव में जहां सफल उद्यमियों ने अपने अनुभव सुनाएं, तो वहां आए नए उद्यमियों ने उनसे अपनी जिज्ञासाओं को भी पूछा. दिन भर चले सेशन में 10 से ज्यादा उद्यमियों ने अपनी कहानियां लोगों से शेयर की.
दूसरे दिन नेशनल बिजनेस कॉन्क्लेव में डायास्पार्क के एमडी विनय छजलानी, इन्फ़ोबिन्स के एमडी सिद्धार्थ सेठी, अशोक बडज़ात्या, आईपीएस एकेडमी के अचल चौधरी, विटीफीड के विनय सिंघल, इंजीनियर बाबू की अदिति चौरसिया और पल्पी पपाया के अभिनीत अग्रवाल के अलावा आईआईएम के प्रोफेसर नेगोसिएशन एक्सपर्ट कमल कुमार जैन ने भी बात की.
कॉन्क्लेव चेयरमैन राकेश जैन व कॉन्क्लेव सेक्रेक्टरी अनिल रांका ने बताया की बी.जे.एस की ओर से यह विशेष बिज़नेस कॉन्क्लेव देश में पहली बार इंदौर में आयोजित हुआ है।  इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य यंग एंटरप्रेन्योर्स को मार्गदर्शन प्रदान करवाना है। ताकि वह सफल उद्योगपतियों के लाइफ जर्नी के बारे में सुनकर प्रेरणा ले सके के कैसे उन्होंने शुन्य से लेकर शिखर तक का सफर तय किया व आज इस मुकाम पर हैं की उन्हें लोग पहचानते है।
पहले सेशन  में डायस स्पार्क के एमडी विनय छजलानी ने बताया कि किस तरह से तकनीक बिजनेस में सहायता कर रही है। तकनीकी सहायता से 25 फ़ीसदी इंफिसिएंसी से बढ़ाकर 25 फीसदी सेविंग भी कर सकते हैं।
इंफोबिंस के एमडी सिद्धार्थ सेठी ने उदाहरण दिए और कहा कि कैसे मल्टीनेशनल कंपनियां आज इस देश में बर्गर की कीमत को कम कर रही है, जबकि भारतीय खानपान की कीमतें लगातार बढ़ रही है। ऐसे में लोग विदेशी खानपान की ओर बढ़ रहे हैं। हमें यह सोचना होगा कि कैसे मैन्यूफैक्चर कॉस्ट को कम करके हम कस्टमर को अपनी तरफ खींच सकते हैं, कम दामों से।
इसी सेशन में सुमित मारू ने भी बात की। उन्होंने कहा कि समय तेजी से बदल रहा है। यह आंखें मूंद कर बैठने का समय नहीं है। समय से कदम से कदम मिलाने का है। अब ऑनलाइन पर आना बहुत जरूरी हो गया है। यह आसान है, क्योंकि हम दुनिया भर के लोगों से इसके जरिए जुड़ सकते हैं। हालांकि यह थोड़ा चुनौती भरा है, लेकिन कोशिश करके हम अपने कारोबार में लगातार सफलता पा सकते हैं।
इंजीनियर बाबू की अदिति चौरसिया ने अपनी कंपनी की कहानी बताई तो पल्पी पपाया के अभिनीत अग्रवाल ने कहा कि कैसे दोस्तों के साथ बैठकर हमें इस स्टार्टअप का आईडिया आ गया था। हम पूरी दुनिया के हैंडीक्राफ्ट पर काम कर रहे हैं।
विटिफिड के विनय सिंघल ने कहा कि जब 2010 में मैंने यह शुरू किया था। तब कई चुनौतियां सामने आई थी। स्टार्टअप शुरू करने में कई बार पैसा लेट आता है, लेकिन ऐसे में हमें हार नहीं मानना चाहिए। हर चीज कुछ वक्त लेती है। साथ ही एक उद्यमी को यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि उसका कोई बॉस नहीं है। उद्यमी को भी अपने एंप्लोई से लेकर परिवार तक को जवाब देना पड़ता है। बिजनेस में व्यक्ति 24 घंटे काम करता है।
कॉन्क्लेव में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रफुल पारेख, संजय सिंगी, अनिल रांका, राज्य अध्यक्ष डॉ. शरद दोषी, दिलीप डोसी, वीरेन्द्र नाहर, हेमलता अजमेरा आदि उपस्थित थे।

Leave a Comment