सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 के दौरान बरतें यह सावधानियां

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ

सूर्य ग्रहण को आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के दौरान आपको अपनी आंखों पर ग्रहण के दौरान प्रयोग किये जाने वाले चश्में लगाने चाहिए। इसके अलावा सामान्य दर्पण या तस्तरी में पानी डालकर सूर्य ग्रहण को देखा जाना चाहिए।

इस दौरान तेज किनारों वाली वस्तु जैसे, चाकू, छुरी का प्रयोग न करें।

ग्रहण के दौरान भोजन और पानी का सेवन न करें।

इस समय पूजा करना और स्नान करना भी शुभ नहीं माना जाता।

ग्रहण के दौरान आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

नीचे दिये गये मंत्र का जाप करना भी आपके लिये अच्छा रहेगा।

मंत्र- “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात”

सूर्य ग्रहण 2020: सूतक काल- ग्रहण के दौरान अशुभ अवधि

सूतक काल ग्रहण शुरु होने से पहले वाली अवधि को कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस समय काल में किसी भी तरह का शुभ काम नहीं करना चाहिए। सूतक काल ग्रहण शुरु होने से काफी समय पहले ही शुरु हो जाता है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले यानि 4 पहर पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। बता दें कि एक पहर 3 घंटों का होता है।

सूतक ग्रहण समाप्त होते ही खत्म हो जाता है। सूतक के बाद शुद्ध जल से स्नान अवश्य करना चाहिए। साल 2020 में घटित होने वाला पहला सूर्य ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा इसलिये सूतक का असर भारत के लोगों पर भी पड़ेगा। यह थी सूर्य ग्रहण 2020 के द्वारा सूतक काल के दौरान अशुभ अवधि की जानकारी।

सूर्य ग्रहण 2020 के दौरान सूतक काल का समय

सूर्य ग्रहण 2020 के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को घटित होगा और यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। ग्रहण की अवधि 09:15:58 से 15:04:01 तक है, यह सूर्य ग्रहण भारत के साथ-साथ साउथ ईस्ट यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका और अमेरिका के कुछ भागों से भई देखा जा सकता है। चुंकि सूर्य ग्रहण भारत में भी दृश्य होगा इसलिये सूतक काल भी यहां प्रभावी होगा। नीचे तालिका में सूतक के समय के बारे में जानकारी दी गई है।

सूतक शुरु21:15:58, 20 जून कोसूतक समाप्त15:04:01, 21 जून को…

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