2 फरवरी 2025 को होगा इंदौर मैराथन का ग्यारहवां संस्करण

इंदौर, 5 अक्टूबर 2024।एकेडमी ऑफ इंदौर मैराथनर्स (एआईएम) द्वारा आयोजित बहुप्रतीक्षित इंदौर मैराथन का 11वां संस्करण 2 फरवरी, 2025 को आयोजित किया जाएगा। एकेडमी के मुख्य संरक्षक एवं मध्यप्रदेश के मंत्री, माननीय कैलाश विजयवर्गीय ने एक सादे समारोह में इस प्रतिष्ठित मैराथन की शुरुआत की घोषणा की।

श्री विजयवर्गीय ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोल इंडिया मैराथन का मुख्य प्रायोजक होगा। उन्होंने कहा कि एकेडमी ऑफ इंदौर मैराथनर्स इंदौर और आसपास के की शहरों के नागरिकों को स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।

रेस डायरेक्टर विजय सोहनी ने बताया कि इस वर्ष भी विभिन्न श्रेणियों में दौड़ आयोजित की जाएगी। जहां एक ओर हाफ मैराथन (21किमी) सुबह 5:30 बजे, 10 किमी दौड़ सुबह 6:30 बजे नेहरू स्टेडियम से शुरू होगी, वहीं 5 किलोमीटर की हैरिटेज वॉक सुबह 8:30 बजे राजवाड़ा से और 3 किमी की फैमिली रन सुबह 8:00 बजे यशवंत क्लब से शुरू होगी। ये सारी दौड़ नेहरू स्टेडियम पर समाप्त होंगी। श्री सोहनी ने बताया कि यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष भी 42 किमी की फुल मैराथन का आयोजन नहीं किया जाएगा।

एकेडमी ऑफ इंदौर मैराथनर्स के अध्यक्ष श्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि “इंदौर मैराथन अब शहर का एक प्रमुख आयोजन बन चुका है। हम हर साल इस आयोजन को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।”इंदौर मैराथन का उद्देश्य शहरवासियों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना, फिटनेस को बढ़ावा देना है।

एकेडमी के संरक्षक डॉ अरुण अग्रवाल ने कहा कि इस बार हमारा फोकस महिलाओं के सशक्तिकरण खास कर उनकी सेहत, फिटनेस और खेलकूद से जुड़े विषयों पर होगा।

सचिव श्री सुमित रावत ने कहा कि सभी प्रतिभागियों को एआईएम की कैप, टी-शर्ट, बिब और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य पूरा करने वाले प्रतिभागियों को मेडल दिए जाएंगे।हम आशा करते हैं कि सभी प्रतिभागी इस मैराथन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।

मैराथन में भाग लेने के लिए इच्छुक प्रतिभागी www.indoremarathon.in पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। समूहों के लिए विशेष रूप से ‘ग्रुप रजिस्ट्रेशन’ की सुविधा भी उपलब्ध है।

इस आयोजन को सफल बनाने में पुलिस, प्रशासन, सरकारी विभाग, अधिकारी, कर्मचारी, सामाजिक संगठन और व्यावसायिक संस्थानों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।

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