- इंदौर एनिमल लिबरेशन की पहल: जानवरों के अधिकारों का हो समर्थन
- सपनों को साकार करने का मंच बन रहा है ‘प्लास्ट पैक 2025’
- शुरू हुआ मध्यभारत का सबसे बड़ा एक्जीबिशन “प्लास्टपैक 2025”, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया उद्घाटन
- आईडी फ्रेश फूड इंदौर में लेकर आया है ऑथेंटिक साउथ इंडियन इडली डोसा बैटर
- शाओमी इंडिया ने रेडमी 14C 5G को बाज़ार में उतारा और रेडमी नोट 14 5G सीरीज़ के लिए 1000 करोड़ रुपए की शानदार उपलब्धि हासिल की
‘नई शिक्षा नीति 2020’ स्पोर्ट्स और खेल-कूद के माध्यम से सर्वांगीण शिक्षा को बढ़ावा देती है
इंडिया. भारत में युवाओं का सबसे बड़ा स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म स्पोर्ट्ज विलेज बुधवार को मंत्रिमंडल द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिए जाने का समर्थन करता है। एक बार एनईपी के अमल में आ जाने के बाद बच्चों को संतुलित एवं बहुमुखी विकास पर ध्यान केंदित किए जाने का छोटी उम्र से ही लाभ मिलने लगेगा।
मोदी सरकार की इस नई पहल पर टिप्पणी करते हुए स्पोर्ट्ज विलेज के को- फाउन्डर, सीईओ एवं मैनजिंग डायरेक्टर सौमिल मजमुदार ने कहा कि, “एक ऐसे समय में, जब महामारी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य, खुशी और रोग प्रतिरोधक शक्ति की अहमियत बढ़ती ही जा रही है, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक स्वागत योग्य परिवर्तन है।
नई एनईपी में ऐसे कई बुनियादी और निर्णायक बिंदु शामिल हैं, जो किसी बच्चे के सर्वांगीण विकास में मददगार सिद्ध होते हैं। पाठ्यक्रम-संबंधी और पाठ्यक्रमेतर गतिविधियों के बीच की दीवार गिराकर एनईपी खेलों को भी अंग्रेजी या विज्ञान जैसे विषय के समान महत्व का मानती है, इस प्रकार से वह मौज-मस्ती और दिलचस्पी बढ़ा देती है, जिसकी तलाश में किसी भी स्कूल के बच्चे भटकते रहते हैं।
खेल-कूद के जरिए बच्चों का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास होता है। हमने यह भी पाया है कि अकादमिक परिणामों, कक्षा में व्यवहार और उपस्थिति के स्तर पर खेल-कूद से जुड़ी क्रियाशीलता का सकारात्मक योगदान रहता है।
इतना ही नहीं, नेशनल असेसमेंट सेंटर का संवर्द्धन और सीखने के परिणामों के आधार पर किसी बच्चे की प्रगति पर निगाह रखने जैसे मूल्यांकन-आधारित सुधार बहुत बड़ी पहल हैं, क्योंकि वे सीखने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जिसके चलते उनका पूरा ध्यान बच्चे के बहुमुखी विकास पर स्थिर रहता है।
हम अपेक्षा करते हैं कि स्पोर्ट्स और खेल-कूद उपलब्ध कराए जाएंगे तथा उनका मूल्यांकन उसी कठोरता और वैसे ही ढांचे के साथ किया जाएगा, जैसा कि मुख्य शैक्षणिक विषयों का किया जाता है। इस प्रकार से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि सभी बच्चे स्पोर्ट्स और खेल-कूद के जादू का अनुभव करेंगे और हम स्कूल प्रणाली के जरिए पहले से कहीं अधिक स्वस्थ और योग्य बच्चों वाला राष्ट्र बना सकेंगे।
बच्चों के बहुमुखी विकास की दिशा में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर देना भी एक बहुत बड़ा कदम है और हम आशा करते हैं कि बच्चे किसी व्यावसायिक विषय की भांति ही शारीरिक गतिविधि और खेल-कूद का चयन कर सकेंगे। हम सीखने के परिपक्व परिणामों वाले लक्ष्य प्राप्त करते हुए पहले से ज्यादा चुलबुले, मौज-मस्ती भरे और दिलचस्प स्कूली माहौल की शक्ल में इस नीति के साकार होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”