एक माह में तीन ग्रहण से मचेगी उथल-पुथल: आचार्य वैदिक

इंदौर. एक माह में तीन ग्रहण से उथल-पुथल मचेगी. अर्थ-व्यवस्था अस्तव्यस्त होगी. जून-जुलाई भारी रहेंगे. स्टॉक मार्केट धड़ाम होगा. प्राकृतिक आपदाओं व नए संक्रामक रोगों से भय बढ़ेगा. पश्चिमी देशों में हाहाकार मचेगा.

यह कहना है भारद्वाज ज्योतिष व आध्यात्मिक शोध संस्थान के शोध निदेशक आचार्य पण्डित रामचन्द्र शर्मा वैदिक का. ग्रहणों को लेकर उन्होंने बताया कि आचार्य शर्मा वैदिक बताते है कि 11 मई को शनि व 14 मई को गुरु वक्री हुए थे. ऐसी स्तिथि 59 वर्षों के बाद निर्मित हुई. देवराज व न्याय के देवता दोनों अपनी अपनी राशि मे उल्टी चाल से चल रहे है.

ऐसे में अर्थव्यवस्था अस्त व्यस्त होगी,स्टॉक मार्केट में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिल सकती है. आचार्य वैदिक ने बताया कि एक महीने में एक के बाद एक तीन ग्रहण के व्यापक प्रभाव देश-दुनिया मे देखने को मिलेंगे. वर्षों बाद इस प्रकार की भयावह स्तिथियाँ बन रही है। जून-जुलाई 2020 के मध्य दो चन्द्र ग्रहण तथा एक सूर्य ग्रहण घटित होगा.

दोनों चन्द्रग्रहण उपच्छाया(मांद्य) होंगे, जो क्रमश:5-6 जून कीदरम्यानी रात और 5 जुलाई को होंगे. वहीं सूर्यग्रहण 21 जून को घटित होगा. 21 जून को आषाढ़ मास की अमावस्या, मृगशिरा नक्षत्र व मिथुन राशि मे होने वाला यह सूर्यग्रहण 12 मिनिट से अधिक दिखाई नहीं देगा। भारत, बंगलादेश, भूटान व श्रीलंका के कुछ शहरों में यह ग्रहण दिखाई देगा.

आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया इस ग्रहण के वैश्विक प्रभाव दिखाई देंगे. संहिता ग्रन्थों की मान्यता है कि एक माह में दो या दो से अधिक ग्रहण हो तो राजा को कष्ट, आंतरिक विद्रोह, गम्भीर आर्थिक समस्या, प्राकृतिक आपदाएं, हिंसा, लूटपाट आदि प्रभाव देखने को मिल सकते है.

संहिता ग्रन्थों में यह भी उल्लेख मिलता है कि यदि आषाढ माह में यह स्तिथि बने तो आजीविका पर मार तथा चीन आदि देशों को विशेष नुकसान के योग बनते है। तीनों ग्रहण का प्रभाव विश्व के लिए नुकसानदेह ही रहेगा. कुल मिलाकर जून,, जुलाई वायरस से अधिक अर्थव्यवस्था को लेकर गम्भीर चिंता, अमेरिका व चीन के मध्य मतभेदों को लेकर बड़ी परेशानी का कारण भी बन सकती है.

राशियों पर प्रभाव
आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि 21 जून के यह ग्रहण मेष,सिंह, कन्या व मकर राशि के जातकों हेतु शुभ,वंही मिथुन, कर्क, वृश्चिक व मीन राशि हेतु अशुभ तथा वृषभ, तुला,धनु व कुम्भ राशि हेतु मिश्रित प्रभाव वाला रहेगा।

यहां पर दिखेगा
यह ग्रहण उत्तरी राजस्थान, पंजाब, उत्तरी हरियाणा, उत्तराखंड के कुछ भागों में कंकण आकृति व शेष भागों में खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा।इस ग्रहण का सूतक 20 जून की रात10.10 बजे प्रारम्भ होगा।इन्दोर व उज्जैन में ग्रहण का स्पर्श 21 जून को प्रात: 10.10 बजे,मध्य 11.51व मोक्ष दोपहर1.42 बजे होगा।।

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