- गाडरवाड़ा सुपर थर्मल पावर स्टेशन को किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (KBL) की शक्ति
- सिंगा का 'फक्कर' फिल्म के लिए नया और दमदार लुक महाकुंभ यात्रा के दौरान फैंस को दंग कर दिया
- Singga’s Bold New Avatar for ‘Fakkar’ Leaves Fans in Awe During Mahakumbh Pilgrimage
- पुष्पा के को-डायरेक्टर पवन हुए कशिका कपूर की परफॉर्मेंस से प्रभावित, कहा – "वो कैमरे के सामने कमाल करती हैं, LYF के बाद बहुत बिजी हो जाएंगी"
- Pushpa Co-Director Pavan Impressed by Kashika Kapoor’s Performance in His Next Directorial ‘LYF’, Says She is an Amazing Performer and Does Wonders in Front of the Camera and she will get very busy after LYF release
टिकटॉक ने #SafeHumSafeInternet कैंपेन लॉन्च किया
- टिकटॉक ने सेफर इंटरनेट डे संस्थान के साथ साझेदारी में #BetterMeBetterInternet ग्लोबल कैंपेन के हिस्से के तौर पर स्थानीय सुरक्षा पहल को आरंभ किया
- टिकटॉक ने ऑनलाइन सुरक्षा पर पोस्टर जारी करने के लिए साइबर पीस फाउंडेशन के साथ भी साझेदारी की घोषणा की, इन पोसटर्स को देशभर के स्कूलों एवं कॉलेजों में बांटा जाएगा
- यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, टिकटॉक ने टेक्नोलॉजी का संयोजन मजबूत कंटेंट मॉडरेशन टीम से किया है जिसकी पहुंच भारत में प्रमुख प्रादेशिक भाषाओं तक है
इस साल के सेफर इंटरनेट डे (एसआइडी) के सहयोग में, दुनिया के अग्रणी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक ने #SafeHumSafeInternet लॉन्च किया है। यह एक भारत विशिष्ट कैंपेन है जोकि टिकटॉक की ग्लोबल #BetterMeBetterInternet पहल का हिस्सा है।
ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए साइबर पीस फाउंडेशन से साझेदारी
भारत में सेफर इंटरनेट डे मनाने के लिए #SafeHumSafeInternet के हिस्से के तौर पर, टिकटॉक ने ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए साइबर पीस फाउंडेशन के साथ भी गठजोड़ किया है। यह एक पुरस्कृत एनजीओ और साइबर सिक्युरिटी एवं नीति विशेषज्ञों का वैश्विक थिंकटैंक है। इनके द्वारा नई दिल्ली में आज एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व, सुरक्षा अभ्यासों को अपनाने के लिए इंटरनेट यूजर्स को शिक्षित करने और ऑनलाइन सुरक्षा के प्रचार के लिए किये जाने वाले प्रयासों पर जोर दिया गया और इन पर चर्चा हुई।
टिकटॉक और साइबर पीस फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ऑनलाइन सुरक्षा पर अपने विचार साझा करने एवं चर्चा करने के लिए एक्सपर्ट एकसाथ आये। प्रतिभागियों में निम्नलिखित प्रतिनिधि शामिल हुए :
- डॉ. एंजेल रत्नाबाई, असिस्टेंट प्रोफेसर,सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशनल टेक्नोलॉजी (सीआइईटी), नेशनल काउंसिल ऑफ एजूकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी)
- डॉ. अमिता देव, प्रो वाइस चांसलर, इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन
- डॉ. नेहा बाजपेई, प्रोजेक्ट मैनेजर, इनफॉर्मेशन सिक्युरिटी एजूकेशन एवं अवेयरनेस (आइएसईए), सीडीएसी
- डॉ. मनोज कुमार शर्मा, प्रोफेसर, क्लिनिकल साइकोलॉजी, एसएचयूटी क्लिनिक (सर्विस फॉर हेल्दी यूज ऑफ टेक्नोलॉजी), एनआइएमएचएएनएस, बेंगलुरू
- सिद्धार्थ जैन,एसीपी, साइबर सेल, क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस
- संध्या शर्मा, डायरेक्टर, पब्लिक पॉलिसी (भारत), टिकटॉक
- शिवानी कपिला, चर्चित टिकटॉक क्रिएटर
उन्होंने भारत में मौजूदा ऑनलाइन सुरक्षा के परिदृश्य,इंटरनेट यूजर्स के बीच ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर जागरुकता, इंटरनेट उपयोग के विभिन्न मनोवैज्ञानिक पहलुओं और ऑनलाइन सुरक्षा पर कानूनों के साथ ही महिला एवं युवा सुरक्षा के परिदृश्य पर बात की।
इंटरनेट यूजर्स को ऑनलाइन सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक बताने और शिक्षित करने के लिए, टिकटॉक एवं साइबर पीस फाउंडेशन ने ग्यारह पोस्टर्स को लॉन्च किया जिसे स्कूलों एवं कॉलेजों में व्यापकता से बांटा जाएगा।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुये, पूर्णेंदु सिंह, साइबर पीस फाउंडेशन के डायरेक्टर- स्ट्रैटेजी एवं ऑपरेशंस ने कहा, “हमें ऑनलाइन सुरक्षा पर काम करने के लिए टिकटॉक और अपने शेष हितधारकों के साथ सहयोग कर खुशी हो रही है। जरूरत सिर्फ जागरुकता की नहीं है बल्कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अग्रसक्रिय कदम उठाना चाहिये कि प्रत्येक नेटिजन साइबरस्पेस में सुरक्षित है।”
टिकटॉक में पब्लिक पॉलिसी (भारत) की डायरेक्टर संध्या शर्मा ने कहा, “वैश्विक कम्युनिटी के तौर पर, सुरक्षा टिकटॉक की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। साइबर पीस फाउंडेशन के साथ हमारी साझेदारी और हमारी सुरक्षा पहलों के माध्यम से, हम दीर्घकालिक साझेदारी तथा ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने में ज्यादा बेहतरीन भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं। यूजर शिक्षा के अतिरिक्त, टिकटॉक सुरक्षा को प्रमोट करने के लिए अतिरिक्त फीचर्स लाने पर निरंतर काम कर रहा है। टिकटॉक का अपनी तरह का पहला डिजिटल वेलबीईंग फीचर जोकि यूजर द्वारा एप्प पर बिताए जाने वाले समय को सीमित करता है, ऐसा ही एक उदाहरण है।”
टिकटॉक पर #SafeHumSafeInternet इन-एप्प क्विजेज, नये स्टिकर्स क्रिएटर और सेलेब्रिटी वीडियोज
भारत में टिकटॉक के यूजर्स #SafeHumSafeInternet (#सेफहमसेफइंटरनेट) ऑनलाइन चैलेंज में भाग ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें कस्टमाइज्ड स्टिकर्स को आवेदन करना होगा, जिन्हें सकारात्मक ऑनलाइन आदतों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इन स्टिकर्स के साथ, यूजर्स पॉजिटिव हैशटैग्स जैसेकि #likes, #Respect, #Positivity, #Creativity, #Security, को अपना सकते हैं। #5badhabits #Cyber-bullying, #Negativity, #Trolls, #Anxiety, and #Haters जैसे हैशटैग्स से दूर रह सकते हैं…यह चैलेंज फिलहाल चल रहा है और अभी तक इसे तकरीबन 40 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं।
कई लोकप्रिय भारतीय सेलेब्रिटीज और टिकटॉक यूजर्स जैसे अर्जुन कानूनगो, शर्ली सेतिया, नेहा कक्कड़ और तमिल टेकगुरुजी ने #SafeHumSafeInternet पहल में शामिल हुए हैं। इन्होंने टिकटॉक पर शॉर्ट वीडियोज बनाकर पब्लिश किये हैं जोकि सेफर इंटरनेट डे को बढ़ावा दे रहे हैं। सुरक्षा को बेहतर ढंग से समझाने और ऑनलाइन सेफ्टी टिप्स से सुसज्जित करने में यूजर्स की मदद के लिए, टिकटॉक ने अंग्रेजी और हिंदी में इन-एप्प सेफ्टी क्विज भी लॉन्च की है।
भारत में सुरक्षा एवं डिजिटल भलाई के लिए टिकटॉक की जारी प्रतिबद्धता
टिकटॉक एक प्लेटफॉर्म के तौर पर ट्रेंड्स का जश्न मनाता है और डाइवर्सिटी को अपनाता है। यह अभिव्यक्ति के लिए एक पसंदीदा मंच बन चुका। शेयरिंग, क्रिएटिंग, डिस्कवरिंग के लिए अपनी न्यून सीमाओं के मद़्देनजर, इसने मोबाइल पर सब कुछ करना आसान बना दिया है। इसकी ग्लोबल कम्युनिटी क्रिएटिविटी एवं एक्सप्रेशन को लेकर उत्सुक रहती है। टिकटॉक अपने लाखों यूजर्स को कम्युनिटी में सुरक्षित एवं सहज महसूस कराने में मदद के लिए प्रतिबद्ध है। यही कारण है कि यह लगातार अपनी नीतियों, टूल्स, एवं संसाधनों को बेहतर बना रहा है और उनमें सुधार कर रहा है ताकि एक सकारात्मक एवं सुरक्षित एप्प परिवेश को बढ़ावा दिया जा सके।
अपने प्रयासों के हिस्से के तौर पर, टिकटॉक ने कंटेंट मॉडरेशन तकनीक का संयोजन मजबूत मानव मॉडरेशन टीम से कर सुरक्षात्मक उपायों को लागू किया है। यह टीम, जोकि 20 से अधिक देशों एवं क्षेत्रों में मौजूद है, अब 36 से अधिक भाषाओं को कवर करती है, एक साल पहले के भाषायी सहयोग के लिहाज से इसमें 400 प्रतिशत का जबर्दस्त उछाल आया है। भारत में, मॉडरेशन टीम की पहुंच प्रमुख भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगू, बंगाली, गुजराती आदि तक है।
सेफर इंटरनेट डे की शुरुआत 2004 में ईयू के सेफबॉर्डर्स प्रोजेक्ट की पहल के तौर पर हुई थी और 2005 में इसे इसके शुरुआती ऐक्शंस में से एक के रूप में सेफर इंटरनेट सेंटर्स के इनसेफ नेटवर्क तक ले जाया गया। इतने सालों में एसआइडी वैश्विक ऑनलाइन सुरक्षा कैलेंडर में एक प्रमुख कार्यक्रम बन चुका है और अब इसे दुनिया भर के लगभग 140 देशों में मनाया जाता है।
इस साल का स्लोगन “टुगेदर फॉर ए बेटर इंटरनेट” सभी हितधारकों को एक साथ जुड़ने और सभी के लिए बेहतर इंटरनेट निर्मित करने में अपना योगदान करने के लिए एक आह्रवान है। एसआइडी के साथ अपने सहयोग के जरिये, टिकटॉक वर्तमान में ऑनलाइन सुरक्षा में गंभीर एवं नवीनतम चुनौतियों को लेकर जागरुकता बढ़ाने और इन्हें संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।
सुरक्षित एवं सकारात्मक एप्प परिवेश को बढ़ावा देना टिकटॉक की शीर्ष प्राथमिकता है। इसके पास दुरुपयोग को रोकने के लिए कई सारे उपाय मौजूद हैं। इनमें प्राइवेसी सेटिंग्स, एन-एप्प रिपोर्टिंग, और मॉडरेशन शामिल हैं। टिकटॉक के सुरक्षा प्रयासों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया विजिट करें – https://www.TikTok.com/safety/.