- सोनिक द हेजहॉग 3’ में अपनी भूमिका के बारे में जिम कैरी ने मजाक में कहा, ‘‘मुझे बहुत देर से अहसास हुआ कि मैं एक ही भुगतान के लिए दोगुना काम कर रहा था’’
- “Until I realized I was doing twice the work for the same pay,” says Jim Carrey jokingly about his role in Sonic the Hedgehog 3
- स्टेबिन बेन से लेकर अरिजीत सिंह तक: 2024 के यादगार लव एंथम देने वाले सिंगर्स पर एक नज़र!
- अक्षय कुमार और गणेश आचार्य ने "पिंटू की पप्पी" फ़िल्म का किया ट्रेलर लॉन्च!
- Sonu Sood Graced the Second Edition of Starz of India Awards 2024 & Magzine Launch
हर गुत्थी को सुल्झा देता है वक़्त
सजी अखंड संडे की 1142 वी मुशायरे की महफल
इंदौर. सर्द हवाओं के बीच ठीठुरती शाम को नेहरू पार्क में सजी अखंड संडे की 1142 वी मुशायरे की महफिल में शायरी ने अलाव का काम किया. शायरों ने इक से बढ़कर इक अशआर सुनाकर फिज़ा की रंगत को गर्माहट में बदल दिया.
भोपाल से आए दिनेश भोपाली ने जि़दगी के फलसफे को बयां करते शेर सुनाकर दाद बटोरी- हर गुत्थी को सुल्झा देता है वक़्त/कभी हँसा तो कभी रूला देता है वक़्त/ बुलन्दियों में जो करता गुरूर बसर/ पल में उठा पल में गिरा देता है वक़्त।
वहीं रायसेन से आए शुभम सार्थक के नसीहत देते हुए शेर काफी पसंद किये गऐ – तुम कितने शरीफ हो मालूम है हमको/ दूसरों पर ऊँँगली उठाना छोड़ दो/ जिगर हो तो कमाओ फिर ऐश करो/ बाप की कमाई से गुलछर्रे उड़ाना छोड़ दो/ घर में अपनी हैसियत मालूम हो जाएगी / बस कुछ दिनों के लिए कमाना छोड़ दो ।
मुकेश इन्दौरी ने बिगड़ते परिवेश पर अपनी गज़ल सुनाकर दाद बटोरी – ग़म के घेरे दिखाई देते हैं/ बस अंधेरे दिखाई देते हैं/ अब भरोसा करे तो किस पर वो/ सब लुटेरे दिखाई देते हैं/ पहले बुझते हें द्वीप रातों के/ जब सवेरे दिखाई देते हैं।
राहुल वर्मा – नज़र को नज़र का इशारा चाहिये/ डूबते को तिनके का सहारा चाहिये. श्याम बाघौरा ने बदलते परिवेश पर अपनी अंर्तमन की पीड़ा वयक्त की जो अंर्तमन को छू गई – आधुनिक मोबाईल युग में हम मदारी को भूल गऐ/ बाजारू तमाशों का अलग आनंद होता है/ सामुहिक रूप से हँसना ताली बजाना खुशी देता है- मेहरबान कदरदान बांसुरी की धुन डमरू के साथ बजाकर/ बच्चा लोग बैठ जाओ तमाशा होने वाला है/ सबको एक सूत्र में पिरोनेवाला मदारी जाने कहाँ खो गया. रामआसरे पांडे , भीमसिंह पंवार, ओमउपाध्याय श्याम बाघौरा आदि ने रचना पाठ किया. संचालन मुकेश इन्दौरी ने किया। आभार दिनेशचंद्र तिवारी ने माना.