रामानुज स्वामीजी का अभिषेक और कुमकुम से महालक्ष्मीजी अर्चना 

इन्दौर. श्री पावनसिद्धधाम श्री लक्ष्मी वेकटेश देवस्थान छत्रीबाग पर ब्रहृाोत्सव का दिव्य शुभारंभ प्रात: गोविन्दा-गोविन्दा की गुंज व शहनाई की मधुर लहरियों के बीच गरूढ़ ध्वजारोहण, अंकुरार्पण, कंकणधारण व विद्धजनों के वरण के साथ प्रारंभ हुआ.
दक्षिण भारत से पधारे अर्चकों द्वारा शास्त्रोक्त पद्धति से पूजन अर्चन करके स्वामीजी श्री विष्णुप्रपलाचार्यजी द्वारा ध्वजारोहण किया गया और ब्रहृाोत्सव का शुभारंभ हुआ. प्रात: 9 बजे शेषावतार रामानुज स्वामी का महाअभिषेक किया गया। महोत्सव समिति के अनुसार आज सुबह के सत्र में भगवती देवी श्रीमहालक्ष्मीजी की आराधना की गई. अनुनय नीमा, बाबूलालजी तिवारी व सुनील मालू के साथ सैकड़ों भक्तों ने श्रींश्रिये नम: के सम्पुर के साथ 1008 नामों से भगवती श्रीमहालक्ष्मी की कुमकुम अर्चना की जिसमें श्रीयंत्र का पूजन महालक्ष्मीजी के चित्र के साथ हुआ.
अंतर्मन को भी बनाए नं.1
अनंतानंत श्री विभूषित जगद्गुरू श्री निम्बार्काचार्य श्री श्यामशरण देवाचार्यजी महाराज आज प्रथम नगर आगमन के साथ लक्ष्मीवेकटेश देव स्थान छत्रीबाग पर पधारे और उन्होंनों भक्तों को अपने आर्शीवर्चन में कहा कि जिस तरह इन्दौर स्वच्छता में नं. 1 है और भक्ति भाव में भी यहां के भक्त नं. 1 है उसी तरह सभी भक्त अपने अन्तर्मन को भी नं. 1 रूप से पवित्र और शुद्ध बनाये और सदा भगवत अर्चन करें. श्रीजी महाराज ने आगामी धर्नुमास उत्सव में तीन दिवसीय गोपी गीत उत्सव लक्ष्मी वेंकटेश देव स्थान छत्रीबाग में मनाने की स्वीकृति दी।
इस अवसर पर धर्मसभा में श्री स्वामीजी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्यजी ने कहा कि ब्रहृाोत्सव में  सेवा करने का मौका मिला है। तन-मन-धन से यहां सेवा करके मनुष्य जन्म को सफल बनाये और पुण्य लाभ लेवे. म्ंदिर समिति के पंकज तोतला एवं नितिन तापडिय़ा ने बताया संध्या के सत्र में रामानुज स्वामी की सवारी गज वाहन पर विराजित हो मंदिर परिसर में निकली परिक्रमा में स्त्रोत्र पाठ के साथ भजन गायक सुधीरजी व्यास ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी. इस अवसर पर अंकित पाठक, भरत तोतला, रामकृष्ण जाखेटिया, परिक्षित जाजू आदि मौजूद थे।

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