जानापाव पहाड़ी को जमदग्नि तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा

इंदौर. मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान आज महू के पास भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव में विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुये कहा कि भगवान परशुराम सभी जातियों के भगवान थे और सबसे कल्याण के लिये विष्णु अवतार लिया था। वे अच्छे लोगों की मदद करते थे और सभी जातियों के कल्याण के लिये काम किया। उन्होंने सभी जाति के लोगों को शस्त्र और शास्त्र विद्या प्रदान की। वे सभी विषयों में पारंगत थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान इस अवसर पर कहा कि जानापाव पहाड़ी ”जमदग्नि तीर्थ स्थल”  के रूप में विकसित किया जायेगा, जिसके लिये आवश्यक बजट प्रदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जमदग्नि तीर्थ स्थल  को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल किया जायेगा, जिससे श्रद्धालु दर्शन के लिये आ सकें। इस पहाड़ी को पर्यटन स्थल और श्रद्धा के केन्द्र में विकसित किया जायेगा। उन्होंने घोषणा कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण के उपरांत इस पहाड़ी के नीचे गुरुकुल और विशाल तालाब निर्मित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस पहाड़ी से निकलने वाली सातों नदी को पुनर्जीवित किया जायेगा। इन सब कामों के लिये उन्होंने 12 करोड़ रूपये स्वीकृत करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि सड़क, धर्मशाला और मंदिर निर्माण पर अभी तक 20 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिये कृत संकलपित है। शासन द्वारा किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक श्री कैलाश वियजवर्गीय ने कहा कि जानापाव पहाड़ी को श्रद्धा केन्द्र के रूप में विकसित करने में धन की कमी नहीं आयेगी। राज्य शासन इसके विकास के लिये कृतसंकल्पित है। पिछले 14 वर्षों में इस तीर्थ स्थल के लिये अनेक काम किये गये है। भविष्य में और भी निर्माण कार्य कराये जायेंगे। भगवान परशुराम के पुराने मंदिर का भी जीर्णोद्धार भी किया जायेगा। इंदौर- भिण्ड एक्सप्रेस ट्रेन का नाम परशुराम एक्सप्रेस रखने का प्रस्ताव भारत सरकार के रेल मंत्रालय को भेजा जायेगा और इस ट्रेन को महू तक बढ़ाया जायेगा। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद श्रीमती सावित्री ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता पाटीदार, विधायक श्री रमेश मेंदोला, कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े, एडीजीपी श्री अजय शर्मा, डॉ. के.के. पाण्डे, श्री राम किशोर शुक्ल, मंदिर के पुजारी श्री बद्रीनाथ और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

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