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मुझे साझा तौर पर लिखना काफ़ी पसंद है : मेघना गुलज़ार
इन दिनों गोवा में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में मेघना गुलज़ार, जूही चतुर्वेदी, पूजा लाडा सूरती, मोधुरा पलित और सुमेधा वर्मा ओझा ने फ़िल्ममेकिंग की बारीकियों और इसकी प्रक्रियाओं पर विस्तार से बात की. इस सत्र को भारतीय फ़िल्म पत्रकार और फ़िल्म समीक्षक मधुरीता मुखर्जी ने मॉडरेट किया.
विक्की डोनर, पीकू, ऑक्टोबर जैसी फ़िल्में लिखनेवाली लेखिका जूही चतुर्वेदी ने कहा, “मेरे लिए यह ज़रूरी है कि फ़िल्म का ड्राफ़्ट मेरा लिखा हो और ये किसी और शख़्स का लिखा नहीं हो सकता है. जब मैं शूजीत सरकार के साथ काम करती हूं तो उन्हें नहीं पता होता है कि मैं क्या लिखनेवाली हूं, मगर उन्हें हमेशा इस बात का अंदाज़ा रहता है कि मैं क्या लिख रही हूं. किसी और की राय जानना बेशक अहम होता है, मगर किरदारों की दुनिया का जन्म मेरे अंदर से होना ज़रूरी है.”
तलवार और राज़ी जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्में बनाने के लिए जाने जानेवाली मेघना गुलज़ार ने कहा, “मैं लगाव और उससे दूर होने के चक्र से गुज़रती रहती हूं. फ़िल्म बनाने की प्रक्रिया बेहद संतुष्टी प्रदान करनेवाली प्रक्रिया है, लेकिन शूटिंग के बाद जब फ़ुटेज मेरी एडिटिंग टेबल पर आती है, तो मैं उसे बेहद निरपेक्ष भाव से देखती हूं. एडिट के दौरान मैं निरपेक्ष रूप धारण कर लेती हूं, मगर फिर साउंड और म्यूज़िक के वक्त ये फिर से लगाव में तब्दील में हो जाता है.”
मेघना ने आगे कहा, “चूंकि में एक आलसी किस्म की लेखिका हूं, तो ऐसे में मुझे साझा तौर पर स्क्रिप्ट लिखने में काफ़ी मज़ा आता है. अपने सह-लेखकों के साथ परस्पर संवाद करने का अपना अलग ही मज़ा है. अगर कभी स्क्रिप्ट के स्तर पर हमारे बीच रचनात्मक मतभेद होंगे भी, तो ये किसी लड़ाई का संकेत नहीं, बल्कि मत भिन्नता का द्योतक होगा.”
उल्लेखनीय है कि 1952 में आयोजित इस महोत्सव में जहां महज़ 26 देशों ने भागीदारी दर्ज़ कराई थी, तो वहीं इसके 50वें संस्करण के मौके पर दुनियाभर के 76 देश हिस्सा ले रहे हैं. इस तरह ये कहा जा सकता है कि 2019 में IFFI के 50वें संस्करण तक पहुंचते-पहुंचते इसमें कई बड़े बदलाव आये हैं और इसकी लोकप्रियता में भरपूर इज़ाफ़ा हुआ है.
50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव के पैनोरमा सेक्शन में 26 फ़ीचर फ़िल्में और 15 ग़ैर फ़िल्में दिखाईं जाएंगी. उम्मीद की जा रही है कि महोत्सव के स्वर्ण जयंती समारोह के जश्न में देश और दुनिया से 10,000 सिने-प्रेमी शामिल होंगे.