रेडसीर और शैडोफैक्स ने लॉन्च किया ‘डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स’
उभरते ब्रांड्स और प्लेटफॉर्म्स ने 3पीएल कंपनियों – रेडसीर एवं शैडोफैक्स द्वारा डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स के दम पर डिलीवरी का बेहतर अनुभव प्रदान किया
बेंगलुरू. पिछले चार सालों के दौरान भारत में ऑनलाइन रिटेल बाजार में तीन गुणा से अधिक का इजाफा हुआ है। कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत में ऑनलाइन रिटेल बाजार का आकार 38 अरब डॉलर का रहा है और अगले पांच सालों के दौरान इसमें पांच गुणा से अधिक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। वर्ष 2025 में इसका आकार 140 अरब डॉलर का होने का अनुमान है। ऑनलाइन रिटेल में हुई इस वृद्धि की वजह से वर्ष 2025 तक खुदरा बाजार में इसकी हिस्सेदारी मौजूदा करीब 5 फीसदी से बढ़कर 11 फीसदी होने का अनुमान है।
पिछले कुछ सालों के दौरान ऑनलाइन रिटेल और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों के विकसित होने की वजह से ऑनलाइन माध्यमों से उपभोक्ताओं की पसंद और उनकी उम्मीदों में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। 3-4 साल पहले तक छूट, ऑफर्स और खरीदारी के दौरान मिलने वाली प्रॉडक्ट वर्गीकरण जैसी सुविधा की वजह से उपभोक्ता ऑनलाइन माध्यमों के जरिए खरीदारी करते थे, हालांकि अब डिजिटल इकोसिस्टम और डिजिटल परिपक्वता के कारण ऑनलाइन खरीदारी ग्राहकों के बीच पसंदीदा विकल्प बन कर उभरा है। ग्राहक अब सुविधा संबंधी मानदंडों मसलन ‘सबसे तेज डिलीवरी’, ‘सुरक्षा और साफ-सफाई’ जैसे अनुभव को छूट के मुकाबले ज्यादा वरीयता दे रहे हैं।
इसके अलावा ऑनलाइन रिटेल का इकोसिस्टम विकसित होने की वजह से डिजिटल देसी ब्रांड्स उभर कर सामने आए हैं और कोविड-19 की वजह से पारंपरिक ब्रांड्स और खुदरा विक्रेताओं की डिजिटल यात्रा में तेजी आई है। ये उभरते हुए प्लेटफार्म्स अपनी तकनीक और उत्पाद को बेहतर तरीके से नियंत्रित करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें ग्राहकों को जोड़ने में सफलता मिलती है। हालांकि, दायरा छोटे होने की वजह से इन्हें निश्चित तौर पर ग्राहकों को डिलीवरी पहुंचाने के लिए थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी करने की आवश्यकता होती है। चूंकि, ग्राहकों की संतुष्टि के मामले में डिलीवरी एक अहम कारक के तौर पर उभर कर सामने आया है, इसलिए इन ब्रांड्स या प्लेटफॉर्म्स के लिए ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए उत्कृष्ट डिलीवरी सेवा देना जरूरी हो जाता है।
डिलीवरी डिलाइन इंडेक्स के लॉन्च के मौके पर टिप्पणी करते हुए शैडोफैक्स के सीईओ और फाउंडर अभिषेक बंसल ने कहा, ‘मैं पहले भी कहता रहा हूं और अभी भी देख रहा हूं कि अगले पांच सालों में ई-कॉमर्स अधिकतम दो दिनों में डिलीवरी कर रहे होंगे। अब ग्राहकों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग की वजह प्रॉडक्ट्स या उत्पादों पर मिलने वाली छूट भर नहीं है बल्कि डिलीवरी की गति, सुरक्षा और स्वच्छता जैसे मानक हैं और यह चलन पिछले कुछ महीनों के दौरान ज्यादा प्रमुखता से उभर कर सामने आया है। ऐसे में सुरक्षित और त्वरित गति से डिलीवरी के मामले में थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स की अहम भूमिका उभर कर सामने आएगी।’
उन्होंने कहा, ‘हमने रेडसीर के साथ मिलकर ब्रांड्स के लिए डिलाइट डिलीवरी इंडेस्क की शुरुआत की है। इंडेक्स की मदद से ग्राहकों के बर्ताव और उनकी पसंद को गहराई से समझने में मदद मिलेगी और इसकी मदद से ब्रांड्स अपने ग्राहकों को ज्यादा बेहतर तरीके से सेवा दे पाएंगे। इंडेक्स में उपभोक्ताओं के बर्ताव में हुए बदलाव से जुड़े रोचक तथ्यों को भी शामिल किया गया है। डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स की मदद से ब्रांड्स और प्लेटफॉर्म्स को डिलीवरी की गति और डिलीवरी अनुभव जैसे मानकों पर ग्राहकों की संतुष्टि के स्तर को समझने में मदद मिलेगी। कुछ पारंपरिक/रिटेल और देसी डिजिटल ब्रांड्स, जिन्होंने थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स के साथ साझेदारी की है, डिलीवरी के मामले में बेहतर कर रहे हैं। यह बताता है कि इंडस्ट्री को थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (पीएल) की तरफ से मुहैया कराई जाने वाली एक कुशल सप्लाई चेन मैनेजमेंट और वेयरहाउसिंग सॉल्यूशंस की जरूरत है ताकि डिलीवरी अनुभव के स्कोर में सुधार करके प्रति ग्राहक ज्यादा राजस्व को बढ़ावा दिया जा सके।’
इसी वजह से रेडसीर और शैडोफैक्स ने साथ मिलकर डिलीवरी डिलाइट इंडेस्क को लॉन्च किया है, जो ब्रांच और प्लेटफॉर्म्स को डिलीवरी अनुभव के मामले में उनकी स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद करेगा। साथ ही उन्हें ऐसे उपायों की शुरुआत करने की प्रेरणा मिलेगी ताकि वह अपने डिलीवरी अनुभव से जुड़े स्कोर में वृद्धि कर सकें। इससे उन्हें ग्राहकों को संतुष्ट करने में मदद मिलने के साथ ही प्रति ग्राहक राजस्व की स्थिति को भी सुधारने में मदद मिलेगी।
‘डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स’ को 9,000 उपभोक्ता सर्वेक्षण के आधार पर विकसित किया गया है, जिसमें ई-टेलिंग मार्केटप्लेस, हायपर लोकल मार्केट प्लेस, देसी डिजिटल ब्रांड्स और पारंपरिक ब्रांड्स/रिटेलर्स समेत चार तरह के प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद 34 कंपनियों को शामिल किया गया।
‘डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स’ दो प्रमुख डिलीवरी मानकों में विभिन्न कंपनियों के लिए अंतिम उपभोक्ताओं के संतुष्टि स्तर को मापता है;
- डिलीवरी की गति और
- डिलीवरी अनुभव
डिलीवरी अनुभव को डिलीवरी से जुड़े 7 अहम मानकों पर मापा जाएगा, जिसमें
- डिलीवरी से पहले
- डिलीवरी के दौरान
- डिलीवरी के बाद का अनुभव शामिल है।
डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स के लॉन्च के मौके पर रेडसीर कंसल्टिंग के फाउंडर और सीईओ ने कहा, ‘डीडीआई रिपोर्ट उपभोक्ताओं की मानसिकता के बारे में नजरिया प्रदान करता है और इससे ई-कॉमर्स और पारंपरिक ब्रांड्स को उनके डिलीवरी अनुभव को बेहतर बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने में मदद मिलेगी। यह पहली बार है जब ई-कॉमर्स सेक्टर में ऐसा समग्र अध्ययन किया गया है ताकि विभिन्न ब्रांड्स और प्लेटफॉर्म्स के डिलीवरी अनुभव को समझा जा सके। लॉजिस्टिक्स भारत में ई-कॉमर्स की सफलता के लिए प्रमुख स्तंभों में से एक रहा है। यह अध्ययन ऑऩलाइन रिटेल इकोसिस्टम को डिलीवरी से जुड़े मानकों के मामले में ग्राहकों के अनुभव को समझने में बेहतरीन नजरिया प्रदान करेगा। यह रिपोर्ट बताती है कि थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियां समान और कुछ मामलों में कंपनियों की निजी डिलीवरी व्यवस्था के मुकाबले ज्यादा बेहतर अनुभव प्रदान करने में सक्षम हैं।”
‘डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स’ के महत्वपूर्ण नतीजे
- पारंपरिक ब्रांड/प्लेटफॉर्म्स और देसी डिजिटल ब्रांड्स उन कंपनियों के मुकाबले ज्यादा बेहतर और समान डिलीवरी अनुभव मुहैया कराने में सक्षम हैं, जिनकी थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों के साथ साझेदारी की वजह से लॉजिस्टिक्स के मामले ज्यादा बड़ी हिस्सेदारी है।
- ई-टेलिंग के शुरुआती सालों में जब लॉजिस्टिक्स के लिए इकोसिस्टम का निर्माण हो रहा है, कंपनियों ने इन-हाउस लॉजिस्टिक्स ईकाई को स्थापित करने पर ध्यान दिया ताकि ग्राहकों को बेहतर डिलीवरी सेवा दी जा सके। हालांकि, ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स के ही क्षेत्र में काम करने वाली थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों के प्रवेश से डिलीवरी की प्रक्रिया का लोकतांत्रिकरण हुआ है और ऐसी कई सफल कहानियां हमारे सामने हैं, जिसमें थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स की मदद से कंपनियां बेहतर ग्राहक अनुभव देने में सफल रही है।
- टियर 2 शहरों में ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से उभरते ब्रांड या प्लेटफॉर्म्स के लिए थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स के साथ साझेदारी करना जरूरी हो गया ताकि वह अपनी पहुंच में वृद्धि कर सकें। वहीं ब्रांड या प्लेटफॉर्म्स को वेयरहाउसिंग और डिलीवरी अनुभव को बेहतर बनाने के लिए भी थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियों के साथ साझेदारी करने की आवश्यकता है।
‘डिलीवरी डिलाइट इंडेक्स’ के अहम मानदंड
ई-टेलिंग मार्केटप्लेस- 1mg, अमेझॉन और फार्मईज़ी
हायपरलोकल मार्केटप्लेस– अमेझॉन पैंट्री, बिग बास्केट, डुंजो, फ्लिपकार्ट सुपरमार्ट, ग्रोफर्स, स्विगी और ज़ोमैटो
पारंपरिक ब्रांड्स या रिटेलर्स– डिकैथलन, डी-मार्ट
देसी डिजिटल ब्रांड्स- एमआई, जिवामे
34 कंपनियों को शामिल किए जाने का तर्क- ये 34 कंपनियां ई-टेलिंग और हायपरलोकल मार्केट में 90 फीसदी से अधिक जीएमवी का योगदान देती हैं। इसके अलावा ई-टेलिंग मार्केटप्लेस के भीतर हमने 12 ऐसे कंपनियों को चुना है, जिनकी हायपरलोकल मार्केटप्लेस में 95 फीसदी से अधिक जीएमवी हिस्सेदारी है। इसके साथ ही हमने 8 ऐसी कंपनियों को चुना है, जो इस सेगमेंट में 95 फीसदी से अधिक जीएमवी का योगदान देती हैं। ई-टेलिंग और हायपरलोकल मार्केट में इन मार्केटप्लेस की भूमिका बाजार के 95 फीसदी के बराबर हैं जबकि डीएनबी प्लेटफॉर्म और पारंपरिक ब्रांड या प्लेटफॉर्म्स ई-टेलिंग और हायपरलोकल मार्केट के बचे हुए 5 फीसदी हिस्से का योगदान देती हैं।
हालांकि, डीएनबी प्लेटफॉर्म और पारंपरिक ब्रांड या रिटेल प्लेटफॉर्म्स तेजी से उभरने वाले सेगमेंट हैं, इसलिए हमने इस क्षेत्र की अहम कंपनियों को चुना ताकि अंतिम उपभोक्ताओं को डिलीवरी अनुभव के मामलेमें उनके प्रदर्शन को समझा जा सके और बड़ी कंपनियों के साथ उनकी बेंचमार्किंग की जा सके। यह कंपनियों को साथ ही बड़े हॉरिजोंटल एवं हाइपरलोकल खिलाड़ियों को इन वर्गों के भीतर उनकी स्थिति का बेहतर बोध कराता है।