- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
जल प्रबंधन के क्षेत्र में लीडर बनी ग्रेसिम नागदा यूनिट
पानी, पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों की जीवनरेखा है। साथ ही यह इस ग्रह पर साझा किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण संसाधन भी है। पानी आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है तथा यह स्वास्थ्य को बरकरार रखने, खाद्य उत्पादों को उगाने, ऊर्जा उत्पादन करने, पर्यावरण का प्रबंधन करने और इससे भी आगे रोजगार के अवसर पैदा करने के संदर्भ में भी बहुत महत्वपूर्ण है।
ग्रेसिम में जल संरक्षण तथा पानी बचाने के लिए तीन R (रिड्यूस, रिसाइकल तथा रीयूज़) के सिद्धान्त को प्रभावी तरीके से लागू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप ग्रेसिम की फाइबर प्रोडक्शन यूनिट्स में ताजे पानी का उपयोग महत्वपूर्ण रूप से कम हो गया और बड़े पैमाने पर स्वच्छ जल की बचत होने लगी। जल प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयास, पानी के सुचारू संरक्षण की दिशा में ग्रेसिम की प्रतिबद्धता का अभिन्न हिस्सा है। इसमें पानी के उपयोग में कमी लाने तथा एक ही पानी का बार बार उपयोग करने वाली प्रक्रियाओं की क्षमता को सुधारने में लिए किये जाने वाले इनोवेशन्स शामिल हैं। इसके लिए ग्रेसिम ने विभिन्न अत्याधुनिक और नवीन तकनीकों को अपनाया है जैसे कि मेम्ब्रेन प्रोसेसेस, जो कि गन्दे और बचे हुए पानी को साफ और रिसाइकल करती है।
श्री दिलीप गौर, मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा-‘हमारा नागदा प्लांट वीएसएफ व्यवसाय के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे कम पानी का उपयोग करने के मामले में अग्रणी बना हुआ है।’ श्री गौर ने आगे कहा-‘इतना ही नहीं यह प्लांट ग्रेसिम द्वारा निर्मित 30 बिलियन लीटर क्षमता के पानी के स्टोरेज के के जरिये पूरे शहर, रेलवे और खेती के लिए किसानों की पानी की जरूरत को पूरा करता है।’
श्री के. सुरेश, यूनिट हेड, एसएफडी नागदा ने कहा – ‘ग्रेसिम नागदा प्लांट बड़ी रेंज में डोप-डाईड फाइबर्स बनाता है जिसको फाइबर की ही मैन्यूफैक्चरिंग के समय डाई (रंगा) किया जाता है। इस तकनीक में 50 प्रतिशत कम कैमिकल लगता है और इसमे रंगने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं लगता। इसकी वजह से फाइबर को बाद में रंगने के लिए पानी की जरूरत बिल्कुल नही रहती।’ उन्होंने आगे कहा-‘ हाल ही में हमारे द्वारा विकसित लिवा इको प्रोडक्ट वर्तमान में मौजूद सर्वोत्तम यूरोपियन तकनीक की तुलना में 40 प्रतिशत कम पानी का उपयोग करते हैं।’
पिछले सालों में ग्रेसिम-नागदा ने ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए बहुत बड़े और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस संदर्भ में कार्य प्रगति पर है और 2021 में ही पूरा हो जाएगा। इस तरह नागदा प्लांट दुनिया में ZLD की उपलब्धि पाने वाली पहली विस्कोज़ यूनिट बन जाएगी।
पानी की सुरक्षा, संरक्षण और अपने आस पास मौजूद वाटर इको-सिस्टम्स के रीजेनरेशन के लिए UN SDG 6 से प्रेरणा लेते हुए, ग्रेसिम इस दिशा में और भी काम करने को प्रतिबद्ध है। ताकि सभी के लिए, सबसे कीमती साझा किए जाने वाले इस संसाधन यानी पानी की उपलब्धता की स्थिति में सुधार किया जा सके।
2020 में ग्रेसिम इंडस्ट्री का शुमार, इसकी सस्टेनिबिलिटी तथा सीएसआर गतिविधियों के लिए ईटी तथा फ्यूचरस्कैप 7 वीं रिस्पांसिबल बिजनेस रैंकिंग में टॉप 10 भारतीय कॉरपोरेट्स में 9 वीं रैंक पर किया गया था। साथ ही इसने टैक्सटाइल और अपैरल सेक्टर में गोल्डन पीकॉक ग्लोबल अवॉर्ड फ़ॉर सस्टेनिबिलिटी भी प्राप्त किया था। और इस तरह यह अपने स्टेकहोल्डर्स के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शा रही है।
अपने सामाजिक दायित्वों के प्रति और समाज से जो पाया उसको वापस लौटाने में ग्रेसिम विश्वास भी रखती है और उसके लिए प्रतिबद्ध भी है। नागदा के आर्थिक विकास के साथ ग्रेसिम की वृद्धि भी गहराई से जुड़ी हुई है। ग्रेसिम इंडस्ट्रीज अपने प्लांट्स के आस पास मौजूद ग्रामवासियों के जीवन को गिनवत्तापूर्ण रूप से उन्नत बनाने के दिशा में ध्यान केंद्रित कर काम कर रहा है।
सरपंच श्री नरसिंग इस बारे में जानकारी देते हुए कहते हैं-‘ग्रेसिम नागदा टीम ने कई सारे चेक डैम, पीने के पानी के टैंक, तालाब आदि बनवाने और पुनर्निर्माण करने में बहुत अच्छी सेवाएं दी हैं। इन्होंने ग्रामीणों के लाभ के लिए एक RO प्लांट भी स्थापित किया है।’
ग्रेसिम का सर्वांगीण सीएसआर कार्यक्रम आदित्य बिरला सेंटर फॉर कम्युनिटी इनिशिएटिव्स एन्ड रूरल डेवलपमेंट के संरक्षण में चलाया जा रहा है, जिसका नेतृत्व इस सेंटर की चेयरपर्सन श्रीमती राजश्री बिरला द्वारा किया जाता है। सीएसआर टीम के अलावा ग्रेसिम, जिला ग्रामीण विकास अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, ग्राम पंचायतों, जिला पशु पालन/चिकित्सा, कृषि व हॉर्टिकल्चर विभाग, आदि के साथ मिलकर भी कार्य करता है। ग्रेसिम नागदा का कम्युनिटी इंगेजमेंट प्रोग्राम (सामुदायिक जुड़ाव का कार्यक्रम) 55 गांवों तथा 25 शहरी झुग्गियों तक फैला हुआ है और 1 लाख से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचा रहा है।