- “I WAS ALWAYS FORCED THROUGH THIS PRISM OF…”: TOM HANKS REFLECTS ON FEELING A DEEP CONNECTION WITH THE STORY OF HIS UPCOMING FILM HERE
- शर्वरी के स्टाइलिश दिवाली लुक्स ने बटोरी सुर्खियां
- Weekend ka Vaar: Salman Khan sides with Vivian Dsena, says Shrutika Arjun’s playing victim card
- A day in Somy Ali’s life, urges for support to save more lives
- Bigg Boss: Ravi Kishan Says Vivian Dsena and Friends Have the Only Genuine Bond in the House
हमें कल में नहीं आज में जीना चाहिए: जिनमणिप्रभ
इन्दौर. किसी भी समाज की शक्ति समाजजनों में साधार्मिक बंधुत्व की भावना से ही दिखाई देती है. समाज का अर्थ ही होता है सम-आज. सम यानी बराबर. जिसका आज एक जैसा हो उसे समाज कहते है. हमारे हाथ की अगुलियां आकृति में भले ही भिन्न हो लेकिन किसी कार्य की परिणीति में उनकी भूमिका एक साथ होती है. समाज मे हर अवस्था मे लोग रहते है लेकिन हमें कल मे नहीं आज में जीना चाहिए, व्यक्ति आज खुश रहेगा यह भाव का होना ही समाज है.
यह बात आचार्य जिनमणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज ने महावीर बाग में आज , साधार्मिक बंधुओ के प्रति हमारे कर्तव्य, विषय पर धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कही। आपने कहा कि साधार्मिक बंधुत्व की भावना को विकसित करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। समाज का हर कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी वर्ग का हो उसके प्रति हमेशा बंधुत्व की भावना होना चाहिए।
आचार्यश्री ने कहा की हमारे हाथों की अगुलियां समाज का प्रतिरूप है। समाज को कैसे जमाया जाय इसकी सीख हमे हाथ की अंगुलियों से लेना चाहिए। हममें भी यही भाव होना चाहिए कि हम एक परिवार, एक समाज के है। सबको साथ लेकर चलने व काम करने को ही साधर्म कहा गया है। आज हमें साधार्मिक बंधु होने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि खून की बजाय हृदय का संबंध टिकाऊ होता है। खून के रिश्ते में शत्रुता आ सकती है लेकिन हृदय का संबंध हमे संसार से तोड़कर मुक्ति का मार्ग दिखता है। हर व्यक्ति के अंतर में यही भाव होना चाहिए कि हम सब के प्रति भाई का भाव नही हृदय या भाव का संबंध स्थापित करे। महावीर हमारे परमात्मा है। शाश्वत संम्बंध भगवान महावीर से जुडऩे का है। तुम्हारे सवाल का जवाब किसी दूसरे के पास नही स्वयं तुम्हारे पास ही होता है, लेकिन हम दूसरों के सामने भटकते रहते है।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति के प्रचार सचिव संजय छांजेड़ एवं चातुर्मास समिति संयोजक छगनराज हुंडिया एवं डूंगरचंद हुंडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि महावीर बाग स्थित मंदिर तथा उपाश्रय में प्रतिदिन भक्ति तथा उपासना का क्रम जारी है। शनिवार को नियमित प्रवचन के साथ आचार्यश्री जिनमणि प्रभजी श्रावक श्राविकाओं द्वारा पूछे प्रश्नों के उत्तर देगे।