नगमे नए पुराने-2: संगीतमय हुई शाम, सदाबहार गीतों ने बाँधा समां

इंदौर, 10 फरवरी 2024। संगीत आत्मा का स्वर होता है। यदि ऐसे में कहीं सदाबहार नए पुराने गीत मिल जाए तो तन मन झूम उठता है। इंदौर में ऐसी ही एक शाम सजी जब संस्था “हार्मनी” द्वारा संगीत कार्यक्रम “नगमे नए पुराने- 2” का आयोजन किया गया। जाल सभागृह में शनिवार 10 फरवरी 2024 को शाम 6:30 बजे से आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य गायक डॉ. प्रमोद झवर, शीतल अत्रे और शक्ति सिंह ने संगीत संयोजक हर्षद शेवगांवकर, अमित शर्मा, लोकेश उपाध्याय और विकास जैन के साथ मिलकर अपनी सुरीली आवाज़ से बेहतरीन समां बाँध दिया। आयोजन में बड़ी संख्या में श्रोता शामिल हुए जिन्होंने इस आयोजन की खूब सराहना की।

इस महफ़िल में डॉ. झवर ने तू प्यार “है किसी और का, फूलों के रंग से और तुम्हें अपना बनाने की कसम जैसे गीत गुनगुनाए। शक्ति सिंह ने जब किसी नज़र को तेरा और जिस गली में तेरा घर न हो गीत गाए तो श्रोतागण झूम उठे, वहीँ शीतल अत्रे ने दिल ए नादान, यारा सिली सिली बिरहा जैसे गीतों से महफ़िल में चार चाँद लगा दिए। बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा गीत में शक्ति सिंह ने डॉ. झवर का खूब साथ दिया। बाद में डॉ. झवर और शीतल अत्रे ने जबसे तुमको देखा है सनम और शक्ति सिंह और शीतल अत्रे ने याद रहेगा प्यार का ये रंगीन जमाना, पत्ता- पत्ता बूटा – बूटा जैसे गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आखिरी में तीनों गायकों ने मिलकर आती रहेंगी बहारें, जानू मेरी जान से गीतों की संगीतमय प्रस्तुति दी एक के बाद एक आवाज को इस तरह निभाया कि श्रोता गीतों की लड़ियों में बंधकर रह गए। इस आयोजन को सुधि श्रोताओं ने खूब सराहा और साथ में गीत गुनगुनाए एवं झूमे।

कार्यक्रम के आयोजक एवं लीड सिंगर डॉ. प्रमोद झवर ने कहा, “आज के कार्यक्रम को न केवल श्रोताओं ने बल्कि हमारे कलाकारों ने भी खूब एन्जॉय किया। हमें बहुत ख़ुशी होती है जब ऐसी ऑडियंस मिलती है जो वाकई संगीत को जानती और पहचानती है, इन श्रोताओं का आनंद ही हमारा पुरुस्कार है। नगमे नए पुराने के पहले एडिशन के बाद इसकी लगातार मांग की जा रही थी, हमें लगता है हम लोगों की उम्मीद पर खरे उतरे हैं, और यह वादा करते हैं कि जल्द इसके तीसरे एडिशन को लेकर आएंगें।

विद्याधर मुले द्वारा संचालित इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए टी आई श्री सतीश पटेल, वरिष्ठ उद्योगपति – समाजसेवी श्री ओमप्रकाश एवं डॉ गुणवंत यशलाहा को उनके अतुलनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

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