शहर की तरह दिल भी रखें साफ : सैयदना

जिस भी वतन में रहो वहां के प्रति वफादार रहो
इंदौर. दाऊदी बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन गुरुवार सुबह उज्जैन से सड़क मार्ग द्वारा इंदौर पहुंचे. वे मुंबई से अवंतिक एक्सप्रेस से उज्जैन पहुंचे थे. वे उज्जैन में तीन घंटे रुके और फिर इंदौर के लिए प्रस्थान किया. दौर पहुंचते ही हजारों समाजजनों ने उनका इस्तकबाल किया. सभी उनको एक झलक पाने को आतुर थे. जिसे जहां जगह मिली उनका दीदार किया. उनकीझलक पाकर उनकी खुशी से आंखें भर आई.
बोहरा समाज के धर्मगुरु सैयदना साहब लगभग 11.15 पर सैयदना मंच पर पहुंचे. उनके मंच पर आते ही समाज के लोगों ने हाथ उठाकर दीदार का सबब से नवाजा. सैयदना साहब ने मंच से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि इंसानियत की भलाई के लिए हमें हर कोशिश करना है. इंसानियत हमेशा बरकरार रहना चाहिए.
मैं यहां मोहब्बत और अमन का पैगाम लेकर आया हूं. मैं इमाम हुसैन का जिक्र करने आया हूं. यहां तीन अशरा मुबारका हो चुकी है. 52 वे धर्म गुरु यहाँ बार-बार आते थे. यहां उन्हें बहुत ख़ुशी होती थी. आपकी मोहबत मुझे यहाँ खीचकर लाई है.
उन्होंने आगे कहा कि जिस भी वतन में रहो अच्छे बाशिंद बनकर रहो और वहां के प्रति वफादार रहो. वतन की तरक्की में अपनी भूमिका निभाओ. उन्होंने कहा कि उज्जैन से इंदौर तक मुझे बहुत हरियाली दिखी. इसे हमेशा ऐसा ही हराभरा रखना. 17 साल पहले सैयदना साहब आए थे, तब से अब तक काफी बदलाव आया है. इंदौर बहुत अच्छा ही साफ शहर है. यह हमेशा ऐसे साफ रहे. पैगंबर साहब ने भी सिखाया है सफाई बहुत जरूरी है.
शहर की तरह अपना दिल भी साफ रखें. किसी का बुरा नहीं सोचे. बुरे विचार मन में न लाए. सभी कौम के साथ मिलजुलकर रहें और हमेशा मुस्कुराते रहें. उल्लेखनीय है कि अशरा मुबारका की वाअज के लिए सैयदना साहब 20 सितंबर तक शहर में रहेंगे. इस दौरान देश-दुनिया के लाखों श्रद्धालु जुटेंगे.

सैयदना साहब की झलक पाने को जुटे लाखों लोग

दाऊदी बोहरा समाज के 53वें अल-दाई अल-मुलतक और धर्मगुरु डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन, शहर में आशरा मुबारका वाअज के लिए आज इंदौर पहुंचे. सरकारी सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ धर्मगुरु सांघी गाउण्ड माणिक बाग रोड पर कार से पहुंचे जहां हजारों दाऊदी बोहरा समाज के लोगों ने उनका स्वागत किया. कार्यक्रम में गणमान्य नागरिक और समाज के सदस्य उपस्थित थे. वहीं सैयदना साहब को झलक देखने के लिए शहर में लाखों लोग जुटे थे. उनकी झलक पाक वे भावविभोर हो उठे और आंखों से आंसू बह निकले. समाजजन मौला मौला मुफ्फदल ौला की सदाएं बुलंद कर रहे थे. साथ ही सैयदना साहब की उम्र दराजी की दुआ कर रहे थे
गुरुवार सुबह अवंतिका एक्सप्रेस से उज्जैन पहुंचने पर सैयदना साहब की अगवानी समाजजनों द्वारा की गई. इसके पश्चात वे कमरी मार्ग स्थित मजारे नजमी पहुंचे जहां उन्होंने 47वें धर्मगुरु दाई सैयदना अब्दुल कादरी नजमुद्दीन की मजार पर जियारत की. उज्जैन से मुहर्रम का आगाज करने के बाद वे वाहनों के काफिले के साथ इंदौर के लिए रवाना हुए. उज्जैन से रवाना होने के बाद लगभग 11 बजे सैयदना साहब इंदौर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सांघी ग्राउंड पहुंचे.
सैयदना साहब गुरुवार सुबह इंदौर पहुंचे। 11.20 पर सैयदना मंच पर पहुंचे. उनके मंच पर आते ही समाज के लोगों ने हाथ उठाकर दीदार का सबब से नवाजा. मौला मौला मुफ्फदल मौला के नारों से पांडाल गूंज उठा. समाजजनों ने इमाम हुसैन का मातम कर मोल स्वागत किया. स्वागत भाषण मोहलिम ने जिगर किया. उन्होंने पिता की याद दिलाई और कहा कि जो जोश आज हम आप में देख रहे हैं वही समाज के हर सदस्य में आएगा. कुरान शरीफ की तिलावत सैयदना के शहजादे ने की.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, इंदौर की महापौर मालिनी गौड़, सांसद कांतिलाल भूरिया, विधायक जीतू पटवारी सहित अन्य वरिष्ठ लोगों ने भी सैदयना साहब का स्वागत किया. साथ ही डोम में 50 हजार से अधिक समाजजनों ने उनका स्वागत किया. स्वच्छता की थीम पर बनाए गए डोम के मंच पर शहर की सभी 13 मस्जिदों और मरकजों के आमिल ने उनका स्वागत किया. इस दौरान समाजजन मौला मौला मुफ्फदल मौला की सदाएं बुलंद कर रहे थे. साथ ही सैयदना साहब की उम्र दराजी की दुआ कर रहे थे

आज भी संभालकर रखी है कलम: महापौर

महापौर ने कहा शहर वासियों की ओर से अभिनंदन करती हूं. हमारा सौभाग्य है आप यहां आए. कई वर्षों से इंतजार था. पूरे देश मे इंदौर दो बार प्रथम आया है। बोहरा समाज का योगदान रहा. बड़े सैयदना ने साहब ने मेरे पति को एक कलम भेंट की थी. जो आज में मैने संभाल कर रखी है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें तीसरी बार इंदौर को नंबर वन बनाना है. घर से कम कचरा निकले. घर में ही खाद बने ऐसे प्रयास करना है. सैयदना का आशीर्वाद भी इसके लिए चाहिए.

अनुशासन समन्वय बोहरा समाज से सीखें: सारंग

सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारे देश में अलग-अलग धर्म है लेकिन अनेकता में एकता है. हिन्दुस्तान फूलों का गुलदस्ता है तो बोहरा समाज इसकी खुशबू है. हिंदुस्तान अगर दूध है तो बोहरा समाज मिठास है. सैयदना साहब के निर्देशन में समाज में अनुशासन और समन्वय के साथ कैसे स्पेस देकर जिंदगी जी जाती है यह बोहरा समाज से सीखें. राष्ट्र सेवा और जीने के लिए बोहरा समाज उदाहण है. उन्होंने कहा कि मुझे भी बड़े सैयदना साहब का आशीर्वाद मिला है.

सबसे ईमानदार कौम

कांतिलाल ने कहा कि मैंने बड़े सैयदना साहब की उज्जैन में आगवानी की थी. उन्होंने मुझे शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया था जिसे मैंने आज भी संभालकर रखा है. बोहरा समाज अनुशासित है और देश की सबसे ईमानदार कोम है।

अशारा वाअज के साथ तीन मस्जिदों का उद्घाटन भी करेंगे

समाज की जनसंपर्क समिति के मीडिया प्रभारी मजहर हुसैन सेठजी वाला ने बताया कि शहर में रहने के दौरान अशारा वाअज करने के अलावा सैयदना साहब शहर में तीन मस्जिदों का उद्घाटन भी करेंगे. वे स्थानीय समाज के सदस्यों से बातचीत करेंगे और उनकी समस्याएं सुनकर उन्हें परामर्श भी देंगे. राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और अन्य समुदायों के नेता भी सैयदना साहब से मिलेंगे और शहर और समाज के सुधार से संबंधित विषयों पर चर्चा करेंगे.
बुरहानुद्दीन शकरूवाला ने बताया कि सैयदना साहब के दीदार करने देवास, कुक्षी, बड़वानी, रतलाम, महू, डही, खरगोन, खंडवा, अलीराजपुर, बुरहानपुर आदि गांव व कस्बों से बड़ी संख्या में समाजजन इंदौर आए थे. डही के समाजजन मौला डही पधारो की तख्तियां लेकर सैयदना साहेब से डही तशरीप लाने की आर्ज कर रहे थे. सैयदना साहेब शुक्रवार को मसाकिन सोफिया की नवनिर्मित मस्जिद का शुभारंभ कर जौहर व अशर की नमाज अदा कराएंगे.

40 देशों के लोग आएंगे

यात्रियों के लिए इंदौर जमात द्वारा की गई विस्तृत व्यवस्था की बात करते हुए लोकल पीआर कोर्डिनेटर खोजेमा पेटिवाला ने कहा कि इस साल इंदौर में 40 से अधिक देशों के 1.7 लाख से अधिक व्यक्ति पहले ही उपस्थित होने के लिये पंजीकृत हैं. इंदौर के कमर्शियल सेंटर जहाँ बोहरा समुदाय की सैफी मस्जिद स्थित है वहां से आए मेहमानों को रूकवाने की व्यवस्था की है, जिनसे वे पहले कभी मिले भी नहीं है. बस कंपनियों को शहर के विभिन्न हिस्सों से मेहमानों की सेवा के लिए किराए पर लिया गया है. हमने आवास,परिवहन, भोजन, बैठने की व्यवस्था और अन्य सुविधाओं को संभालने के लिये विभिन्न समितियां गठित की है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दुनिया भर से आने वाले मेहमानों को आरामदायक सेवा दी जा सके. एक विशेष टीम बनाई गई है जो स्वच्छता बनाए रखने का प्रयास करेगी. आसपास का वातावरण साफ रखेगी.

उज्जैन में स्वागत के लिए उमड़ा समाज

इंदौर आने से पहले वे सुबह 8.00 बजे अवंतिका एक्सप्रेस से उज्जैन पहुंचे। यहां रेलवे स्टेशन पर उनको सलामी दी गई और गाडिय़ों के काफिले के साथ कमरी मार्ग स्थित मजारे नजमी पर ससम्मान उन्हें लाया गया। पालकी में सवार वह अपने मेहमान कक्ष में गए। उसके बाद 9.30 बजे वह पुन: अपने कक्ष से बाहर निकले और मस्जिद के अंदर और बाहर खड़े हजारों लोगों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने मजार पर सजदा किया इसके बाद कुछ प्रवचन दिए। फिर वह इंदौर के लिए 9.48 पर रवाना हो गए.

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