मेहनत, ईमानदारी, लगन और निष्ठा वकालत में जरूरी : मिश्र

इंदौर जिला न्यायालय भवन का भूमिपूजन
इंदौर. इंदौर जिला न्यायालय के नवीन भवन का भूमिपूजन आज लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता एवं सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में किया गया.
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधिपति हेमंत गुप्ता, राज्य सरकार के विधि एवं विधायी मंत्री रामपाल सिंह, उच्च न्यायालय के इंदौर खण्डपीठ के प्रशासनिक न्यायमूर्ति पी.के. जयसवाल, भवन निर्माण समिति मध्य्रपदेश उच्च न्यायालय के चेयरपर्सन न्यायामूर्ति जे.के. माहेश्वरी और इंदौर जिले के पोर्टफोलियो जज एस.सी शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे.
भूमि पूजन के अवसर पर मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने आज के दिन को इंदौर के न्यायिक इतिहास का गौरवशाली दिन बताया. उन्होंने कहा कि आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व इंदौर में मां तुल्य अहिल्याबाई होलकर का समय था. उनकी न्यायप्रियता हम सबके लिए प्रेरणा है. न्यायमूर्ति श्री मिश्र ने कहा कि यह न्यायालय भवन वकीलों और जजों के लिए ना होकर गरीबों और आम जनों के लिए बने उन्हें ऐसी उम्मीद है.
उन्होंने न्याय व्यवस्था को प्रजातंत्र के लिए महत्वपूर्ण बताया. आज यह आत्म-चिंतन का विषय है कि न्याय व्यवस्था किसके लिए है. न्यायाधीशगणों, अधिवक्तागणों को न्याय व्यवस्था में आम जन को सर्वोपरि रखना होगा. उन्होंने नए अधिवक्ताओं को निरंतर परिश्रम करने की सीख दी. उन्होंने कहा कि मेहनत, ईमानदारी, लगन और निष्ठा वकालत के पेशे में जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि जिला न्यायालय इंदौर के लिए 15 लाख वर्गफीट से अधिक भूमि पर सर्व सुविधायुक्त भवन बनेगा. यह भवन सर्व सुविधायुक्त रहेगा. यह भवन 9 मंजिला रहेगा. इस भवन में 21 लिफ्ट, 18 स्केलेटर, एक हजार से ज्यादा चार पहिया वाहनों की पार्किंग, सेंकड़ो अधिवक्तागणों के चेम्बर, डाकघर, बैंक, विकलांगों के लिए विशेष सुविधाएं, छोटे बच्चों के साथ आने वाली माताओं-महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं, झूलाघर, खिलौना घर आदि की विश्व स्तरीय सुविधाएं रहेंगी. इस भवन के निर्माण से इंदौर को एक नई पहचान मिलेगी.

अनावश्यक तारीखें नहीं बढ़े इसका चिंतन करें: महाजन

लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जिला न्यायालय का यह भवन न्याय और विश्वास का भवन बने, ऐसा मैं भूमि पूजन के अवसर पर भू माता से कह कर आयी हूं. श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि इंदौर के पुराने जिला न्यायालय भवन एवं उसके परिसर में स्थान की कमी थी. अब इस नए भवन के बनने से न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ता गणों और मुवक्किलों को भी सुविधाएं मिलेंगी. श्रीमती महाजन ने कहा कि पीआईएल का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. उन्होंने आग्रह किया कि अधिवक्तागण न्याय दिलाने के संकल्प के साथ यहां कार्य करें. मुवक्किलों की मदद हो और अनावश्यक तारीखें नहीं बढ़े, इसका चिंतन अवश्य करना चाहिए।

न्याय का मंदिर बनेगा

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा कि यह वही नगरी है जहां देवी अहिल्ल्याबाई होलकर ने उच्च न्यायिक प्रतिमान स्थापित किए थे। उन्होंने आशा जताई कि जिला न्यायालय का बनने वाला भवन भी न्याय का मंदिर बनेगा. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के विधि मंत्री श्री रामपाल सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में न्यायिक क्षेत्र में बेहतर आधारभूत संरचनाएं बनाई जा रही है और सभी आवश्यक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. जबलपुर में विधि के लिए नवीन विश्वविद्यालय आरंभ हो गया है. प्रदेश में विधि आयोग का गठन भी किया जा चुका है और अपना अर्थ खो चुके कानूनों का परीक्षण भी किया जा रहा है.  जस्टिस जे.के. माहेश्वरी ने जिला न्यायालय भवन की वास्तु संरचना से सभी को अवगत कराया. जस्टिस पी.के. जायसवाल ने स्वागत भाषक दिया. कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार अनिल वर्मा, महाधिवक्ता पुष्पेंद्र कौरव, अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी, बार काउंसिल के अध्यक्ष श्री गिरीश पटवर्धन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव श्रीवास्तव, संभाग आयुक्त राघवेंद्र सिंह, कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र, आयुक्त नगर निगम आशीष सिंह एवं अधिवक्तागण भी उपस्थित थे।

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