टाई के टॉईकॉन-2024 में बिजनेस लीडर ने कहा कि स्टार्टअप के क्षेत्र में आने वाला समय भारत का है

इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुआ द इंडस आंत्रप्रेन्योर्स का स्टार्टअप सम्मेलन, 450 स्टार्टअप के बीच मौजूद रहे 21 स्पीकर

इंदौर। द इंडस आंत्रप्रेन्योर्स (टाई) द्वारा टाईकॉन एमपी-24 का आयोजन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में किया गया। इसमें देशभर के 21 से ज्यादा आंत्रप्रेन्योर्स, फंड हाउस, इन्वेस्टर्स और बिजनेस लीडर्स ने 450 से ज्यादा स्टार्टअप को संबोधित किया। इसमें फंड मैनेज करने वाले फंड हाउस के अधिकारी भी मौजूद थे।

टाई ग्लोबल वूमेन प्रोग्राम भी हुआ जिसमें 10 स्टार्टअप ने अपनी कहानी साझा की। पिच सेशन में स्टार्टअप ने अपने प्रोडक्ट और सर्विसेस के बारे बताया। पांच स्टार्टअप को फंडिंग देने पर भी विश्वास जताया गया। टाई एमपी के प्रेसिडेंट जय जैन ने कहा कि टाई का यह सम्मेलन मध्यप्रदेश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बूस्ट करने का काम करेगा। देशभर से आए वक्ताओं ने अपने स्टार्टअप की सक्सेस स्टोरी बताते हुए यहां के युवाओं को उत्साहित करने का काम किया। कुछ इन्वेस्टर्स अगले स्टेज में भी स्टार्टअप के साथ बातचीत जारी रखेंगे।

ज्वाइंट सेक्रेटरी सावन लड्ढा और जनरल सेक्रेटरी मयूर सेठी ने कहा कि देश की नामी कंपनियों के ज्यादातर फाउंडर ने स्वीकारा कि स्टार्टअप के मामले में इंदौर का नाम देश के टॉप शहरों में लिया जाता है और उन्हें विश्वास है कि आने वाले वर्षों में बड़ा इकोसिस्टम बनेगा। यहां प्रॉपर जमीन, सुविधाएं, यूथ और कनेक्टिविटी होने से बाहर के शहरों की आईटी कंपनियां भी लगातार इंदौर की ओर मूव कर रही है। टाई का यह पहला राष्ट्रीय सम्मेलन था और इसमें जिस तरह का उत्साह स्टार्टअप और इन्वेस्टर्स के बीच देखा गया है, उससे उम्मीद की जा सकती है कि अगले वर्षों में शहर के स्टार्टअप को अच्छी फंडिंग मिलेगी।

यह शामिल हुए :

बॉम्बे शेविंग कंपनी के फाउंडर शांतनु देशपांडे ने बताया, आपका प्रोडक्ट में अगर दम है और आप कस्टमर को वैल्यू दे रहे हैं तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। हमने एक हजार कस्टमर से शुरुआत की और आज हजारों कस्टमर हमारे साथ जुड़े हैं।

हंगामा के को-फाउंडर नीरज रॉय ने बताया, जब स्मार्ट फोन आए तो हमने सोचा कि इसमें म्यूजिक भी चलना चाहिए। यहीं से आइडिया और और इस सेक्टर में काम करना शुरू कर दिया। डिजिटल मीडिया का दौर कभी खत्म नहीं होगा, क्योंकि कहानियां कभी खत्म नहीं होती। हजारों साल पहले भी इंटरटेनमेंट में कहानियां परोसी जाती थी और आगे भी यह कई रूपों में आती रहेगी।

चलो मोबिलिटी की को-फाउंडर प्रिया सिंह ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ही देश के ट्रेफिक सिस्टम को व्यवस्थित रखा जा सकता है। हम अब ईवी बसें चलाने पर काम कर रहे हैं और इंदौर में भी नए ईवी बसें लाने वाले हैं।

इंफोबींस के को- फाउंडर अविनाश सेठी, रेडक्लिफ लैब्स के संस्थापक धीरज जैन, वी फाउंडर सर्कल के को- फाउंडर गौरव सिंघवी, 14 ट्रीज फाउंडेशन के डायरेक्टर किरण देशपांडे और फाउंडर डॉ. प्रवीण भागवत, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी के प्रो चांसलर अभिषेक मोहन गुप्ता, वोक्सी टेक्नोलाॅजी के फाउंडर एंड सीईओ मुरली बुक्कपट्नम, सीफंड के जनरल पार्टनर नरेंद्र भंडारी, टाई इंडिया एंजेल्स एंड राजस्थान एंजेल्स (रैन) के चेयरमैन और को-फाउंडर महावीर प्रताप शर्मा, यूअरनेस्ट वेंचर्स कैपिटल के एमडी सुनील गोयल, सॉफ्ट्यूड के फाउंडर सुनील रावत सहित अन्य वक्ताओं ने भी स्टार्टअप से टॉक किया और पैनल डिस्कशन में अपने विचार रखें।

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