भक्त-भगवान को जोडऩे का सेतु भागवत कथा

शोभायात्रा के साथ हंसदास मठ पर भागवत ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ
इंदौर. भागवत भगवान कृष्ण का वांगमय अवतार है. यह कथा केवल कथा नहीं जीवन की व्यथा को दूर करने का सबसे सरल माध्यम है. दुनिया में एकमात्र भागवत ही ऐसी रचना है जो नित्य नूतन अनुभूति प्रदान करती है. हजारों बार सुनने के बाद भी भागवत हर बार नूतन आनंद देती है. भक्त और भगवान को जोडने का काम भागवत रूपी सेतु से ही संभव है.
ये विचार हैं आचार्य पं. नारायण शास्त्री के, जो उन्होंने बड़ा गणपति, पीलियाखाल स्थित हंसदासमठ परिसर पर महंतश्री रामचरणदास महाराज के सानिध्य में आज से प्रारंभ भागवत ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए.
इसके पूर्व छीपाबाखल से  भागवत की शोभायात्रा बैंड-बाजों सहित निकाली गई जिसमें भजन एवं गरबा मंडलियों के साथ मंगल कलशधारी महिलाएं भी शामिल थीं.
शोभायात्रा छीपाबाखल से मल्हारगंज, एमजी रोड़, बडा़ गणपति होते हुए हंसदास मठ पहुंची जहां मंगलाचरण के बीच संयोजक श्रीमती सावित्री सोनी, श्यामसुंदर सोनी, गोविंद भवण, गिरधर, बालकृष्ण, श्याम सुंदर, मुरली एवं गोवर्धनदास सोनी आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया।
विद्वान वक्ता की अगवानी सोनी परिवार ने की. संयोजक श्याम सुंदर सोनी ने बताया कि पं. शास्त्री 16 सितंबर तक प्रतिदिन दोपहर 3 से 6 बजे तक व्यासपीठ पर विराजित होकर कथामृत की वर्षा करेंगे. कथा प्रसंगानुसार उत्सव भी मनाए जाएंगे.

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