जीवन के अनुभवों से निखरती है एक्टिंग: अंकित शर्मा 

इंदौर. एक्टिंग एक स्किल है जिसे डेवलप किया जा सकता है. मेरा मानना है कि एक्टिंग के लिए ट्रेनिंग जरूरी है. साथ ही यह बहुत कुछ जीवन के अनुभव पर भी निर्भर करती है. कलाकार के जीवन के जितने अनुभव होंगे एक्टिंग उससे उतनी ही निखरेगी.
यह कहना है शहर के कलाकर अंकित शर्मा का. वे फिल्म टर्टल के प्रमोशन के लिए शहर में थे. फिल्म में मुख्य किरदार के बेटे हरि की भूमिका निभा रहे हैं. इंडियन टेलीविजन एकेडमी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह फिल्म डे जीरो के बारे में है यानि जब पानी धरती पर खत्म हो जाएगा. पानी की समस्या को दिखाती यह फिल्म राजस्थान में फिल्माई गई है. इसमें एक गांव में पानी के खत्म होने की समस्या दिखाई गई है.
इसमें किस तरह एक व्यक्ति गांव में पानी लाने की कोशिश करता है और असफल होता है. बाद में वह यह जिम्मेदारी अपने बेटे को सौंप देता है. अंतत: फिल्म यही संदेश देती है कि वर्तमान में हम पानी की कीमत को समझें. अगर समय पर नहीं जागे तो गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि फिल्म के डायरेक्टर और लेखक महेश्वर के दिनेश यादव है. फिल्म 65 मिनट लंबी है और 2 फिल्म समारोह में दिखाई जा चुकी है. अगले महीने फिल्म को चाइना फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा.

बचपन से ही था एक्टिंग का शौक

अंकित ने बताया कि मुझे बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. इसलिए शुरू से ही थियेटर कर रहा था. मेरे दादाजी शिक्षाविद थे तो उन्होंने कहा कि पहले पढ़ाई पूरी करो. इसलिए मैंने एक्टिंग के साथ पढ़ाई पर भी फोकस किया. इसीलिए मैंने ईएमआरसी में एडमिशन लिया ताकि पढ़ाई के साथ मेरा शौक भी पूरा हो क्योंकि वहां शार्ट फिल्में बनती थी. 11वीं क्लास में मैंने बड़ौदा से डिप्लोमा कोर्स किया था.
 मेरी किस्मत अच्छी रही कि उन्हीं दिनों में दो सीरियल में काम भी किया. फिर पढ़ाई के लिए मैं इंदौर लौट आया. पढ़ाई के साथ मैंने थियेटर ग्रुप भी बनाया और प्ले करता रहा. पढ़ाई के बाद मैंने पुणे में फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया और कोर्स किया. मैं खुशकिस्मत रहा कि कोर्स के कुछ दिन बाद भी मुझे फिल्म भी मिल गई. मैंने गुलाब गैंग फिल्म की है और तारक मेहता के कुछ एपिसोड कर चुका हूं.

इंदौर में आर्ट सेंटर खोलना चाहता हूं

अंकित ने बताया कि मेरा पहला प्यार तो एक्टिंग ही है लेकिन भविष्य में प्रोडक्शन हाउस खोलना मेरा लक्ष्य है. साथ ही इंदौर के कलाकारों को भी सुविधा देना चाहता हूं. एक आर्ट सेंटर खोलना चाहता हूं जहां वर्कशॉप हो सके. एक्टिंग में आने वाले युवाओं से यही कहूंगा कि एक्टिंग के लिए ट्रेनिंग ले. ऑडिशन देने का कोई मौका न छोड़े. लेकिन इसके पहले अपनी पढ़ाई पूरी करें. एक्टिंग की खास बात यह है कि इसमें अनुशासन अनिवार्य है.

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