उदय नगर जैन मंदिर में संपन्न हुआ आर्यिका आदर्शमति माताजी का वर्षायोग कलश स्थापना

इंदौर। साधु की तपश्चर्या निर्दोष एवं नीरीह तभी हो पाती है जब साधु एवं श्रावकों का आपसी सही तालमेल बैठे ।अहिंसा मात्र पुस्तकों अथवा साहित्य में ही सीमित ना रह जाए इस विषय पर समाज को चिंतन करना होगा ।हमारा ईमान सही होगा तभी हम चरित्रवान इंसान बन सकेंगे लेकिन हम मदहोश होकर घरों में कोष बढ़ाते जा रहे हैं तभी सभी जगह असंतोष व्याप्त है।

उक्त उद्गार परम पूज्य आचार्य 108 विद्यासागर जी महाराज की परम शिष्या आर्यिका 105 आदर्शमति माताजी ने दिगंबर जैन चंदाप्रभु मंदिर उदय नगर में वर्षायोग कलश स्थापना के अवसर पर महती धर्म सभा में व्यक्त किए।
समारोह के प्रारंभ में प्रतिभा प्रतीक्षा की नन्हीं छात्राओं द्वारा आचार्य श्री के प्रति समर्पित भाव लिए उनके जीवन पर आधारित लघु नाटिका एवं महिला मंडल द्वारा आर्यिका आदर्शमति माताजी के त्याग एवं संयम भरे जीवन पर नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की गई ।उसके पूर्व आचार्य विद्यासागर जी महाराज की संगीतमय पूजन पंकज जैन द्वारा कराई गई।

वर्षा योग कलश स्थापना का सौभाग्य सुंदरलाल जैन बीड़ीवाले,अशोक पाटनी आर के मार्बल,ऋषि राजा भैया सूरत ,नरेंद्र पुष्पा जैन, राहुल जैन स्पोर्ट्स,विशाल जैन एवं आलोक जैन कोयला को प्राप्त हुआ ।
ट्रस्ट के परम संरक्षक संदीप जैन ,आलोक जैन ,अध्यक्ष अशोक जैन, संतोष जैन, भरत जैन,अनिल बाँझल ने अतिथियों का स्वागत तिलक -श्रीफल -माला एवं पचरंगी दुपट्टे से किया ।

आर्यिका संघ को श्रीफल पंडित रतन लाल शास्त्री ,ब्र.अनिल, ब्र. नितिन भैया एवं ब्रह्मचारिणी शांति एवं स्वर्णा दीदी सहित समाज के प्रदीप कासलीवाल ,राजकुमार पाटोदी,प्रजेशजैन ,प्रदीप गोयल ,संजय मैक्स,सचिन जैन,सुशील डब्डेरा,मनीष नायक,प्रकाश जैन शास्त्री,गोटूलाल जी सहित अनेक विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा अर्पित किए गए।
उक्त जानकारी प्रदीप गोयल द्वारा दी गयी ।

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