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महामारी के दौरान भारत में कारोबारी धोखाधड़ी 46% बढ़ी
एक्सपीरियन ने ‘क्रॉसकोर’ का एक विकसित व उन्नत संस्करण पेश किया है, जो एक ही क्लाउड प्लेटफॉर्म पर जोखिम-आधारित सत्यापन करता है, पहचान प्रमाणित करता है तथा धोखाधड़ी का पता लगाता है
मुंबई, 21 मई, 2021: भारत में तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण, धोखाधड़ी और ऑनलाइन वित्तीय हमलों के चलते जोखिम और खतरा बहुत बढ़ गया है। एक्सपीरियन की ग्लोबल इनसाइट्स रिपोर्ट (जनवरी/फरवरी 2021) दर्शाती है कि भारत में कारोबारी धोखाधड़ी 46% बढ़ चुकी है।
ई-कॉमर्स के आगमन के साथ कारोबारों के लिए डिजिटल धोखाधड़ी एक बहुत बड़ी चुनौती रही है। धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे के बावजूद 40% भारतीय कारोबारों की तरफ से यही संकेत मिलता है कि वे धोखाधड़ी का पता लगाने की बजाए राजस्व पैदा करने पर अधिक जोर दे रहे हैं। इसका खामियाजा उन्हें घाटे में वृद्धि तथा ग्राहकों का भरोसा खोने के रूप में उठाना पड़ सकता है। यह देखते हुए कि भारत में 56% उपभोक्ता अपनी एक गंभीर चिंता के तौर पर ऑनलाइन गोपनीयता का हवाला देते हैं, कारोबारों के लिए यह अपरिहार्य हो जाता है कि वे संभावित डिजिटल खतरों के विरुद्ध स्वयं को और अपने ग्राहकों को बचाने के लिए मजबूत कदम उठाएं।
हालांकि भारत के 90% कारोबारों का दावा है कि उन्होंने अपने विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर मौजूद ग्राहकों की पहचान करने वाली रणनीतियां लागू कर रखी हैं (यह ग्लोबल रिपोर्ट में सर्वेक्षण के लिए शामिल किए गए क्षेत्रों का सर्वाधिक प्रतिशत है), लेकिन भारत के सर्वेक्षण में शामिल मात्र 18% संगठन ही आश्वस्त हैं कि वे नए किस्म की धोखाधड़ियों को निश्चित तौर पर रोक सकते हैं। धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए विश्व की अग्रणी ग्लोबल सूचना सेवा कंपनी एक्सपीरियन ने अपने एक प्रमुख उत्पाद ‘क्रॉसकोर’ को अपग्रेड और समुन्नत किया है।
एक्सपीरियन का ‘क्रॉसकोर’ ऐसा पहला प्लेटफॉर्म है, जो कारोबारों को निर्बाध रूप से कनेक्ट करने, एक्सेस प्राप्त करने तथा अनेक समाधानों से जुड़े निर्णयों को संयोजित एवं लागू करने में सक्षम बनाता है। इसका नया संस्करण क्लाउड आर्किटेक्चर, उन्नत जोखिम आकलन, तेज प्रतिसाद, सेल्फ-सर्विस वर्कफ्लो तथा रिपोर्ट देने वाले विभिन्न डैशबोर्ड की सुविधाओं से युक्त है। ये सुविधाएं ग्राहकों के अनुभव से छेड़छाड़ किए बगैर हर एप्लीकेशन और लेन-देन के लिए जरूरी निगरानी व नियंत्रण करने, प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का वास्तविक समय में विश्लेषण करने तथा धोखाधड़ी का शीघ्रता से पता लगाने में कारोबारों को सक्षम बनाती हैं।
‘क्रॉसकोर’ के सहारे कारोबार निम्नलिखित लाभ प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं:
• ऑल-इन-वन, तेज, प्रतिरोध रहित समाधान – तेज व्यावसायिक निर्णय लेने हेतु पहचान एवं दस्तावेज सत्यापित करने, वीडियो केवाईसी संपन्न करने, धोखाधड़ी का पता लगाने तथा अन्य कदम उठाने के लिए वन-प्वाइंट समाधान।
• पहचान सत्यापित करने तथा धोखाधड़ी की रोकथाम करने वाली उन्नत तकनीक – उन्नत मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिवाइस इंटेलिजेंस, व्यावहारिक बायोमेट्रिक्स और इक्सपीरियन के फ्रॉड कंसोरशियम ‘हंटर’ के माध्यम से ग्राहकों की पहचान करना।
• बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने हेतु शीघ्रतापूर्ण निर्णय – वास्तविक समय में धोखाधड़ी की रोकथाम के निर्णय लेना और बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करना।
• बेहतर व्यापार मेट्रिक्स – मैन्युअल समीक्षा लागत तथा धोखाधड़ी से होनेवाले नुकसान में कमी।
एक्सपीरियन इंडिया के प्रबंध निदेशक नीरज धवन ने कहा: “महामारी के परिणामस्वरूप प्राथमिक परिचालन चैनल के रूप में डिजिटल माध्यमों को अपनाने में एक व्यवहारिक बदलाव आया है। इस बदलाव ने साइबर खतरों और नए प्रकार की धोखाधड़ी होने को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। एक्सपेरियन का उन्नत ‘क्रॉसकोर’ कारोबारों के लिए उपभोक्ताओं को केंद्र में रखने का अवसर प्रस्तुत करता है। ‘क्रॉसकोर’ धोखाधड़ी की विभिन्न प्रणालियों को एक खुले मंच से जोड़ता है, जो दृश्यता और तेजी दोनों प्रदान करता है। ‘क्रॉसकोर’ के नवीनतम संस्करण के दम पर एक्सपेरियन धोखाधड़ी के अनगिनत जोखिम संकेतों को एक सिंगल, समग्र मूल्यांकन में समेकित करके कारोबारों को सशक्त बनाता है, जिससे वे परिचालन प्रक्रियाओं में सुधार करने, धोखेबाजों से आगे रहने और अपने ग्राहकों की सुरक्षा करने में समर्थ हो जाते है।“
एक्सपीरियन एशिया पैसिफिक के प्रबंध निदेशक (डिसीजन एनैलिटिक्स) स्टीव ग्रिफिथ्स ने कहा: “भारत अब इस दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते प्रौद्योगिकी बाजारों में से गिना जाता है। कारोबारों को एक ऐसे डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की आवश्यकता है जो इन बदलती गतिशीलताओं के लिए चुस्त और अनुकूल हो। हालांकि भारत के 90% कारोबारों का कहना है कि उन्होंने अपने विभिन्न प्लेटफार्मों पर अपने ग्राहकों को पहचानने से संबंधित रणनीतियां लागू कर रखी हैं, लेकिन धोखाधड़ी की रोकथाम करने पर ध्यान केंद्रित किए बिना लंबी अवधि में उनको नुकसान होने की आशंका है। जो कारोबार धोखाधड़ी की रोकथाम न करने की कीमत पर अपना सारा पैसा डिजिटल अनुभव में लगाते हैं, उनको वे धोखेबाज निशाना बनाएंगे, जिनके पास कमजोर ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों की पहचान करने तथा उन्हें निशाना बनाने के परिष्कृत तरीके मौजूद हैं। ‘क्रॉसकोर’ का उन्नत संस्करण धोखाधड़ी के उभरते खतरों से निपटने के लिए कारोबारों को वास्तविक समय में एक मजबूत तंत्र उपलब्ध कराता है।”
क्रॉसकोर के नए संस्करण ने धोखाधड़ी के विभिन्न संकेतकों की श्रृंखला के लिए डेटा साझा करने के साथ-साथ एकाउंट ओपनिंग और एकाउंट टेकओवर करने वाली धोखाधड़ियों से निपटने हेतु अपनी क्षमताएं बढ़ाई हैं।