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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्षों से बहु-आयामी धोखाधड़ी के माध्यम से इंडियन ओवरसीज बैंक को कथित रूप से 200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने के लिए मुंबई स्थित एक फर्म के खिलाफ अपराध दर्ज किया
सीबीआई की बैंकिंग एंड सिक्युरिटीज फ्रॉड यूनिट ने शनिवार (03/12/2022) को विनोद जातिया ग्रुप के आवास और कार्यालय पर व्यापक छापेमारी की। इंडियन ओवरसीज बैंक की शिकायत पर दिलशाद ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (विनोद जातिया समूह की कंपनी), उसके निदेशकों श्री विनोद जातिया, श्रीमती नीता जातिया, श्री प्रतीक विनोद कुमार जातिया और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के क्रम में यह छापा मारा गया। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने आरोपियों के मुंबई के महालक्ष्मी स्थित घर और सुखिया बिल्डिंग, हॉर्निमैन सर्कल, फोर्ट, मुंबई स्थित उनके कार्यालय से कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। दस्तावेज़, जातिया ग्रुप द्वारा सर्कुलर ट्रेडिंग, फर्जी बिलिंग और रियल एस्टेट में फंड के डायवर्जन की ओर इशारा करते हैं।
समूह के पास कल्याणी नगर, पुणे में बेलमैक रेजिडेंस और नवी मुंबई के पनवेल में बेलमैक रिवरसाइड के नाम से रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं, जो भी जांच के दायरे में आ गई हैं। ऐसा लगता है कि समूह ने अपने ट्रेडिंग व्यवसाय से धन को अपने रियल एस्टेट व्यवसाय में स्थानांतरित कर दिया है। फ्लैट खरीदारों को फ्लैटों की डिलीवरी में देरी और जिस जमीन पर परियोजना का निर्माण किया जा रहा है, उसका स्पष्ट शीर्षक न होने के कारण उनका पुणे का प्रोजेक्ट पहले से ही विवादों में है। सीबीआई ने छापे के दौरान करोड़ों रुपये की संपत्तियों का ब्योरा बरामद किया है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह धोखाधड़ी के पैसे से वित्तपोषित है।
आयकर विभाग (आई-टी) ने कर चोरी के संबंध में विनोद जातिया ग्रुप के कई परिसरों पर भी तलाशी ली थी। यह ग्रुप स्टॉक और सर्कुलर ट्रेडिंग के व्यवस्थित हेरफेर और बैंकों को गलत जानकारी देने में शामिल था। आई-टी विभाग ने भी इस ग्रुप से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की मांग की है।