- तृप्ति डिमरी और शाहिद कपूर पहली बार करेंगे स्क्रीन शेयर - विशाल भारद्वाज करेंगे फिल्म का निर्देशन
- बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ जिन्होंने सर्दियों के स्टाइल में कमाल कर दिया है
- Akshay Kumar Emerges as the 'Most Visible Celebrity' as Celebrity-Endorsed Ads Witness a 10% Rise in H1 2024
- Madhuri Dixit's versatile performance in 'Bhool Bhulaiyaa 3' proves she is the queen of Bollywood
- PC Jeweller Ltd.Sets December 16 as Record Date as 1:10 Stock Split
हिंदी में रचा मानव शरीर रचना विज्ञान, ताकि हिंदी में चिकित्सा शिक्षा हो आसान
शहर के प्रख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक और आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी हिंदी में चिकित्सकीय अध्ययन को आसान बनाने में दे रहे अहम योगदान
इंदौर। मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा, हिंदी भाषा की सुविधा उपलब्ध करने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस तारतम्य में इंदौर के जाने-माने होम्योपैथी चिकित्सक और केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी की हिंदी में लिखी गई किताब मानव शरीर रचना विज्ञान
है। जिसे मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी
द्वारा प्रकाशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों से एमबीबीएस (प्रथम वर्ष) में वर्तमान सत्र से ही एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो-केमिस्ट्री जैसे विषयों को अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी पढ़ाये जाने पर सहमति बन चुकी है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का प्रयास है कि शिक्षा का माध्यम मातृभाषा ही हो। विद्यार्थी बेशक, अंग्रेजी सीखें लेकिन उन्हें ये गलतफहमी न रहे कि मेडिकल की शिक्षा अंग्रेजी में ही संभव है।
पुस्तक मानव शरीर रचना विज्ञान
के प्राक्कथन में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस बिंदु को विशेष रूप से उल्लेखित किया है कि भाषा के माध्यमगत दबाव के चलते अनेक विद्यार्थी विषयगत वैशिष्ट्य अर्जित नहीं कर पाते हैं। इसके विपरीत मातृभाषा में शिक्षा सहज ग्राह्य और संप्रेष्य होती है। इसलिए चिकित्सा की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हिंदी पुस्तकों की नितांत आवश्यकता है ।
लेखक डॉ. द्विवेदी बताते हैं कि हिंदी भाषा में मेडिकल की उच्च शिक्षा की पुस्तक लिखने की प्रेरणा उन्हें हिंदी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रामदेव भारद्वाज और मध्य प्रदेश चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. आर.एस. शर्मा से मिली। उनके ही आग्रह पर हमने पुस्तक को सरल हिंदी भाषा में लिखने का कठिन लक्ष्य रखा और अंततः उसे प्राप्त करने में सफल रहे।
करीब पौने तीन सौ पेज की इस पुस्तक में मुख्य रूप से मानव शरीर परिचय, अस्थि संस्थान, संधियां, पेशीय संस्थान, तंत्रिका तंत्र, अंतःस्त्रावी संस्थान, रक्त परिसंचरण संस्थान, लसिकीय संस्थान, श्वसन संस्थान, पाचन, उत्सर्जन और प्रजनन संस्थान आदि अध्यायों को समाविष्ट किया गया है।
इस पुस्तक को प्रकाशित करने में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति श्री खेमसिंह डेहरिया एवं मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के निदेशक श्री अशोक कड़ेल जी का महत्वपूर्ण सहयोग रहा.
डॉ ए के द्विवेदी जी के साथ इस पुस्तक को लिखने एवं बनाने में डॉ वैभव चतुर्वेदी एवं डॉ कनक चतुर्वेदी जी के महत्वपूर्ण सहयोग को भुलाया नहीं जा सकता