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बड़े कष्ट उठाने पड़ते हैं अगर मध्यमा उंगली हो चपटी

डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ

अनामिका और तर्जनी उंगली के मध्य में जो उंगली होती है उसे मध्यमा उंगली कहते हैं। इस उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। शनि पर्वत ही वह स्थान है जिसे हस्तरेखा विज्ञान में भाग्य स्थान कहा गया है। हस्त रेखा विज्ञान के अनुसार जिनकी हथेली में मध्यमा उंगली के नीचे का भाग अधिक उठा हुआ होता है उनका जीवन असाधारण होता है।
तर्जनी उंगली से मध्यमा उंगली की लंबाई एक चौथाई से अधिक होना शुभ माना जाता है। जिनकी मध्यमा उंगली ऐसी होती है वह विवेकशील और दूरदर्शी होते है। ऐसे लोग सोच-समझकर धन खर्च करते हैं। धर्म-कर्म में इनकी रूचि होती है। लेकिन मध्यमा का तर्जनी से अधिक बड़ा होना अच्छा नहीं होता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है। कई बार निराशावादी विचारों के कारण दुःख प्राप्त करते हैं।
मध्यमा अधिक लंबी होने के साथ चपटी भी हो तो जीवन में कई बार अपमानित होना पड़ता है। इन्हें जीवन में बड़े कष्ट उठाने पड़ते हैं। जिनकी मध्यमा और तर्जनी उंगली बराबर होती है उनकी सोचने-समझने की शक्ति सामान्य से कम होती है। ऐसे लोगों में भोग-विलास की भावना अधिक पायी जाती है।
जिस व्यक्ति की मध्यमा उंगली और तर्जनी उंगली के मध्य दूरी होती है वह स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं। लेकिन मध्यमा और अनामिका के बीच दूरी होने पर व्यक्ति लापरवाह होता है। मध्यमा उंगली का झुकाव अगर हथेली की ओर हो तो व्यक्ति धर्म-कर्म एवं मान्यताओं में विश्वास नहीं करता है। ऐसे लोग भौतिकवादी होते हैं और कोई भी काम काम काफी सोच-विचार कर करते हैं। जबकि मध्यमा ऊपर की ऊपर उठी हुई होने पर व्यक्ति सिद्धांतवादी होता है।