राजपूताना शानौ-शौकत का रंग दिखा केसरिया प्रदर्शनी में

इन्दौर।  राजपूती पोशाख जिन पर खूबसूरत कारीगारी और शिफॉन की सुंदर साडिय़ा जिसे पारंपरिक हेंड वर्क से और भी अलहदा लुक देने की कोशिश।
राजपुतानी परिधानों और ज्वेलरी का यह खूबसूरत कलेक्शन राजपूत लेडिस क्लब द्वारा आयोजित दो दिनी प्रदर्शनी में नजर आ रहा है। होटल इनफिनिटी में इस प्रदर्शनी में जयपुर, उदयपुर, पाली, जोधपुर, लखनऊ, बीकानेर आदि स्थानों की ज्वेलरी और परिधान शामिल हैं।
राजपूत लेडिज क्लब इन्दौर की अध्यक्ष आभा राणावत, सचिव गीतांजलि राणावत, रागिनी भदौरीया, सुनीता साचोरा, एवं मीना ज्वेल ने जानकारी देते हुए बताया कि होटल इनफिनिटी में आयोजित इस दो दिवसीय केसरिया प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर लोगों की भीड़ उमड़ी।
राजपूती पोशाकों, स्टोन ज्वैलरी, कढ़ाई की चादर, पीतल, कलमकारी पेंटिंग, सोने व चांदी के वर्क, सहित अन्य सामग्रियों को खरीदने के लिए दिन भर ही महिलाओं और युवतियों का तांता लगा रहा।
हर स्टॉल पर भीड़ नजर आ रही थी। आलम यह रहा कि समापन तक स्टॉल्स के सारे स्टॉक समाप्त तक हो गए। यह प्रदर्शनी महिलाओं को सशक्त बनाने व स्वरोजगार से जुडऩे के लिए प्रेरित करने के लिए लगाई गई है।
यहां पर 56 स्टॉल्स लगाए गए हैं। जिनमें  महिलाओं के द्वारा महिलाओं के लिए आयोजित की गई इस एक्जीबिशन में इस बार जयपुर की मंजू राठौर जयपुरी कोटी लेकर आई है। रिवर्सेबल इस कोटी को मेल और फिमेल कोई भी पहन सकता है।
इसके अलावा रंजना राणावत बाजूबंद में लगाने वाली जयपुरी लूम, जोधाबाई की बड़ी रखड़ी और कुछ अलग डिजाइन्स के बाजूबंद लेकर आई हैं। यहां जयश्री राठौर चांदबाई का चूड़ा लेकर आई हैं जोकि लाख और सीपी से बनता है और उसपर बारिक गोल्डन वर्क किया जाता है। करवाचौथ को देखते हुए इस चूड़े की खासी मांग बनी हुई है। इसके अलावा उतार-चढ़ाव का चूड़ा भी यहंा पसंद किया जा रहा है। पूनम सिंह एन्टीक ज्वेलरी लेकर आई हैं।
चांदी पर जडाउ और मीनाकारी वाली यह ज्वेलरी पुरानी डिजाइन्स लिए हुए है और इनकी खासीयत यह है कि यह काली नहीं पड़ती। पोशख के साथ इस तरह की ट्रेडिशनल ज्वेलरी अच्छा कॉम्बीनेशन दे रही है। बात अगर घर सजाने की करें तो भोपाल से आई रश्मी तिलकवार छत्तीसगढ़ की माढिय़ा जनजाती की कला को लेकर आई है। इन्होंने इस जनजाती की बारात को धातू पर उतारकर पेश किया है। इसके अलावा यहां माहेश्वरी और सूती सडिय़ों के साथ जॉर्जट, शिफॉन की साडिय़ां भी हैं।

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