- सोनिक द हेजहॉग 3’ में अपनी भूमिका के बारे में जिम कैरी ने मजाक में कहा, ‘‘मुझे बहुत देर से अहसास हुआ कि मैं एक ही भुगतान के लिए दोगुना काम कर रहा था’’
- “Until I realized I was doing twice the work for the same pay,” says Jim Carrey jokingly about his role in Sonic the Hedgehog 3
- स्टेबिन बेन से लेकर अरिजीत सिंह तक: 2024 के यादगार लव एंथम देने वाले सिंगर्स पर एक नज़र!
- अक्षय कुमार और गणेश आचार्य ने "पिंटू की पप्पी" फ़िल्म का किया ट्रेलर लॉन्च!
- Sonu Sood Graced the Second Edition of Starz of India Awards 2024 & Magzine Launch
मध्यप्रदेश में अब आधुनिक स्माइल तकनीक दिलाएगी चश्मे से छुटकारा
इन्दौर । भारत के नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणी अस्पताल सेंटर फॉर साइट ने आंखों का चश्मा हटाने की सबसे अत्याधुनिक तकनीक स्माईल की शुरुआत की हैं । इस तकनीक पुरी तरह ब्लेड फ्री है। और सबसे ज्यादा सुरक्षित तकनीकों में से एक है।
सेंटर फॅार साईट के विजयनगर स्थित केंद्र पर इस तकनीक का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री, म.प्र. शासन तुलसी सिलावट, राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा एवं विधायक विशाल पटेल ने सेन्टर फॉर साइट की नेत्र विशेषज्ञों की टीम की उपस्थिति में इस नवीनतम तकनीक का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए डॉ. महिपाल सिंह सचदेव ने कहा कि स्माइल परंपरागत लेसिक तकनीक से काफी उन्नत है। यह प्रक्रिया पूरी तरह कम्प्युटरराइज्ड है। यह प्रक्रिया 100 प्रतिशत लेजर, ब्लेड फ्री एवं फ्लैप फ्री है। इससे पतले कॉर्निया वाले एवं उच्च पावर वाले मरीजों का इलाज भी संभव है एवं प्रक्रिया से उन्हे बेहतर दृष्टि परिणाम एवं शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
डॉ. प्रतीप व्यास (मेडिकल डायरेक्टर – सेन्टर फॉर साइट, इन्दौर) ने बताया कि दृष्टि सुधार प्रक्रिया की तीसरी नवीनतम है । यह तकनीक चश्मा उतारने हेतू ज्यादा श्रेष्ठ है, साधारण लेसिक की तुलना में । उन्होने बताया की हर साल इंदौर में ही आंखो से चश्मा उतरवाने के लिए सालाना 2500 ऑपरेशन हो रहे है जिनमें से ज्यादातर युवा है। अब तक स्माईल तकनीक के लिए लोगों को दिल्ली , मुंबई जाना पडता था ।
डॉ. शरदिनी व्यास (एडिषनल मेंडिकल डायरेक्टर – सेन्टर फॉर साइट, इन्दौर) ने स्माइल के लाभ बताए । उन्होंने कहा कि ब्लेड रहित फेम्टो लेसिक से बेहतर है। क्योकि फ्लैप निर्मित नहीं किया जाता इस लिए फ्लैप संबंधित कोई खतरा नहीं होता। ऑखे कम शुष्क होती है। इसमे कॉर्निया का बेहतर बायोमेकैनिक्स होता है। और ज्यादा सटीकता एवं स्थिरता बनी रहती है।
सेन्ट फॉर साइट के बारे में डॉ. महिपाल सिंह सचदेव ने बताया कि 1996 में शुरुआत के बाद से सेन्टर फॉर साइट देश के लोगो तक ऑखो की श्रेष्ठतम देखभाल एवं सुविधाएं पहुॅचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सेन्टर फॉर साइट के पास दुनिया के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों से प्रतिक्षित अनुभवी नेत्र विशेषज्ञों की चुनिंदा टीम मौजूद है। नई तकनीकों एवं विष्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त 48 केन्द्रों के साथ सेन्टर फॉर साइट भारत का अग्रणी आई केयर नेटवर्क एवं एक प्रतिष्ठित नेत्र चिकित्सा ब्राण्ड बनने के अपने मिशन में सफल रहा है।