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इंदौर में हुआ मध्यप्रदेश का पहला लाईव डोनर लीवर ट्रांसप्लांट
सीएचएल हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक किया संपन्न
इन्दौर. सीएचएल हॉस्पिटल में प्रदेश का पहला लाईव डोनर लीवर ट्रासंप्लांट का ऑपरेशन संपन्न हुआ. शहर के डॉ. विनित गौतम, डॉ. अमित गांगुली, दिल्ली के डॉ वासुदेवन एवं टीम के सहयोग से इस पहले सफल लाईव लीविंग डोनर लीवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन को किया गया. इंदौर में लाईव डोनर लीवर ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन होने के बाद अब मरीजो को इसके लिए महानगरों का रुख नही करना पड़ेगा. इससे उनके समय और धन की बचत होगी.
उपरोक्त जानकारी सीएचएल हॉस्पीटल के चेयरमेन राजेश भार्गव ने पत्रकारवार्ता में दी. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि मरीज तेज सिंह मेवाड़ा लंबे समय से लीवर की समस्या से पीडि़त होकर पेट में बार-बार पानी भरने की समस्या से परेशान थे. उनका ईलाज डॉ. अमोल पाटील से चल रहा था. इस बीमारी का ईलाज दवाईयों द्वारा संभव नहीं था इसलिए उन्हें डॉ. विनित गौतम से सम्पर्क करने को कहा गया.
उन्होंने मरीज को लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी. सारी प्रक्रिया समझने के बाद मरीज श्री मेवाड़ा की पत्नी श्रीमती लाडकुंवर ने अपने लीवर का हिस्सा देने की सहमति जताई. उसके बाद मरीज एवं उनकी पत्नी की सभी जाँचे सी.एच.एल. में हुई. तत्पश्चात 16 जुलाई को उनके परिवारजनों की सहमति से लाईव डोनर लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई.
लाईव डोनर लीवर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन पूर्णत: सफल रहा एवं मरीज की पत्नी श्रीमती लाड़कुंवर मेवाड़ा 1 सप्ताह में पूर्णत: स्वस्थ हो कर घर जा चुकी है. 2 सप्ताह बाद मरीज भी श्री तेज सिंह मेवाड़ा स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जा रहे है. यह मप्र में इन्दौर का प्रथम सफल लीविंग डोनर लीवर ट्रांसप्लांट है.
इससे पहले भी सी.एच.एल. अस्पताल में 4 केडेवर लीवर ट्रांसप्लांट, 13 लाईव किडनी ट्रांसप्लांट और 10 केडेवर किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक हो चुके है. प्रदेश का पहला हृदय ट्रांसप्लांट भी सीएचएल अस्पताल में हुआ था. डॉ. ज्योति बिंदल, डीन (एम.जी.एम. मेडीकल कॉलेज, इन्दौर) एवं अंग प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति, गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल के सहयोग एवं अनुमति से ही यह संभव हो पाया ।