नितिन गडकरी ने अमेज़न इंडिया के इलेक्ट्रिक वाहनों के बेड़े को हरी झंड़ी दिखायी

‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत को मजबूती प्रदान करते हुए, अमेज़न इंडिया 2025 तक 10,000 ईवी का अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए और अधिक भारतीय ओईएम्स को शामिल करेगा।

नेशनल, अप्रैल, 2021: अमेज़न इंडिया ने आज श्री नितिन गडकरी, अमेज़न इंडिया के लीडर्स और प्रमुख ओईएम्स के सीईओ के साथ, एक वर्चुअल कार्यक्रम में नॉन-रिन्यूएबल संसाधनों पर अपनी निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से दूर-दराज के इलाकों के लिए अपने डिलिवरी बेड़े के इलेक्ट्रिफिकेशन करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। अमेज़न इंडिया ने हाल ही में अपने डिलिवरी बेड़े में और अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को जोड़ने के लिए महिंद्रा इलेक्ट्रिक के साथ काम करने की घोषणा की है।

आज, हीरो इलेक्ट्रिक के अलावा, स्टार्ट-अप्स जैसे ईवीएज (EVage) अमेज़न इंडिया के साथ मिलकर कंपनी के ईवी बेड़े का विस्तार कर रहे हैं ताकि अमेज़न ग्राहकों के ऑर्डर की सस्टेनेबल डिलीवरी कर सके। अमेज़न इंडिया के डिलीवरी सर्विस पार्टनर्स पहले से ही दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर, भोपाल, इंदौर और कोयम्बटूर सहित भारत के 20 से अधिक शहरों में मल्टिपल फॉर्मेट वाले ईवी का परिचालन कर रहे हैं।

यह सहयोगी प्रयास 2025 तक अपने डिलिवरी बेड़े के हिस्से के रूप में 10,000 ईवी को शामिल करने की अमेज़न इंडिया की प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है। ये ईवी अमेज़न द्वारा हस्ताक्षर की गई जलवायु प्रतिज्ञा (क्लाइमेट प्लेज) में घोषित 100,000 ईवी के डिलिवरी बेड़े से अतिरिक्त हैं। अमेज़न इंडिया के डिलीवरी सर्विस पार्टनर ईवी बेड़े में अब भारत में डिज़ाइन किये गये और बनाये गये 2-व्हीलर, 3-व्हीलर और 4-व्हीलर वाहन शामिल हैं, जिन्हें कंपनी के डिलीवरी पार्टनर नेटवर्क में तैनात किया जाएगा।

सम्भव 2021 में ईवी के बेड़े को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए, माननीय केंद्रीय एमएसएमई, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि “भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश करने के साथ ही, हमें ग्रीन एवं सस्टेनेबल भारत के लिए अपने सामूहिक प्रयासों पर ध्यान देने की जरूरत है। पेरिस समझौते के लक्ष्य से 10 साल पहले, पूरे कारोबार में नेट ज़ीरो कार्बन की प्रतिबद्धता घोषित करके जलवायु प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करने वाली पहली कंपनी बनने के लिए अमेज़न को बधाई देना चाहता हूं।

यह एक उल्लेखनीय और ऐतिहासिक योगदान है। मुझे यह जानकर वास्तव में प्रसन्नता हुई कि अमेज़न इंडिया ने 2025 तक अपने डिलिवरी बेड़े में 10,000 ईवी शामिल करने की शपथ ली है। अमेज़न और भारतीय ओईएम्स जैसे महिंद्रा इलेक्ट्रिक, हीरो इलेक्ट्रिक और ईवीएज के बीच सहयोग एक स्वागतयोग्य कदम है, जो ई-मोबिलिटी इंडस्ट्री में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति की पुष्टि करता है।”

भारतीय ई-मोबिलिटी इंडस्ट्री ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें भारत सरकार ने ईवी को अपनाने के लिए प्रोत्साहन देने पर ध्यान केंद्रित किया है। अमेज़न इंडिया के बेड़े में ईवी को शामिल करना, भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की और अधिक प्रगति को मजबूती प्रदान करना है और ‘मेक इन इंडिया’ ईवी पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए काम करना है।

“अमेज़न इंडिया में हमऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने वाली और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार सप्लाई चेन बनाने के अपने प्रयास में लगातार सक्रिय हैं। ये इलेक्ट्रिक वाहन हमारे पर्यावरणीय सस्टेनेबल लक्ष्यों को प्राप्त करने में केंद्रीय भूमिका निभाएंगे और साथ ही, एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे”, प्रकाश कुमार दत्ता, वाइस प्रेसिडेंट, फुलफिलमेंट सेंटर एंड सप्लाई चेन ऑपरेशंस, अमेज़न इंडिया ने कहा।

अमेज़न ने 2019 में जलवायु प्रतिज्ञा (द क्लाइमेट प्लेज) की सह-स्थापना की है, जो पेरिस समझौते के लक्ष्य से 10 साल पहले और 2040 तक नेट-ज़ीरो कार्बन होने की प्रतिबद्धता है। इस प्रतिज्ञा में अब 53 हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें इन्फोसिस, आईबीएम, यूनिलीवर, वेरिज़ोन, सीमेंस और माइक्रोसॉफ्ट शामिल हैं। अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए, अमेज़न वास्तविक व्यावसायिक कदम उठाते हुए अपने सभी ऑपरेशंस में उत्सर्जन को कम करना जारी रखेगा और कंपनी के 2030 के मूल लक्ष्य से पांच साल पहले ही 100% रिन्यूएबल ऊर्जा के साथ अपने ऑपरेशंस को पावर प्रदान करने की राह बनाएगा। इसके लिए, अमेज़न 2030 तक 50% नेट-ज़ीरो कार्बन के साथ सभी शिपमेंट को नेट-ज़ीरो कार्बन बनाने के लिए अपने शिपमेंट ज़ीरो विज़न के आधार पर काम करेगा, 100,000 इलेक्ट्रिक डिलीवरी वाहन खरीदेगा, जो इलेक्ट्रिक डिलीवरी वाहनों का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है और इसके साथ ही, जलवायु प्रतिज्ञा फंड के जरिये डिकार्बोनाइजिंग सेवाओं और समाधानों के विकास के लिए 2 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा।

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