पांच माह में विवाह के केवल पांच मुहूर्त: आचार्य रामचंद्र शर्मा

इंदौर. पांच माह में विवाह के मात्र पांच मुहूर्त है. मलमास, गुरू शुक्र का तारा अस्त के चलते ये सब हुआ है. विवाह योग्य युवक युवतियों का धैर्य टूटा है. मुहूर्त के साथ वैश्विक महामारी की मार झेलना पड़ ही है. देव उठनी एकादशी के साथ मुहूर्त शुरू हो गए हैं.

यह बात मध्यप्रदेश ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पण्डित रामचंद्र शर्मा वैदिक ने कही. आचार्य शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 में अभी 36 दिन शेष है और 23 अप्रैल तक विवाह के 5 शुद्ध मुहूर्त पञ्चाङ्ग कारों ने निर्धारित किये है, पांच माह में विवाह के मात्र पांच ही शुभ मुहूर्त है. विवाह योग्य युवक एवं युवतियों के धैर्य का बांध टूट रहा है.

पंचांगों की माने तो 23 अप्रैल 2021 तक विवाह के मुहूर्त सिर्फ 5 ही है. दिसंबर 2020 में 25 व 30 नवंबर को विवाह की तिथियों के साथ ही दिसम्बर 2020 में 7, 9 व 11 दिसम्बर को विवाह के मुहूर्त है. आगे शेष दिसम्बर, जनवरी, फरवरी, मार्च व 23 अप्रैल 2021 तक विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है. 16 फरवरी को वसन्त पंचमी पर शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह योग्य युवक युवतियां घोर निराशा में है.

वसन्त पंचमी का अबूझ मुहूर्त माना जाता है किंतु शुक्र के तारा अस्त होने से सब मजा ही बिगड़ गया. देव उठनी एकादशी के साथ देव उठते ही विवाह आदि मङ्गल कार्यों का सिलसिला शुरू हो गया है. शहनाइयों की गूंज सुनाई देने लगी है. जिन विवाह योग्य युवक युवतियों की विवाह की तारीख नही निकल रही है उन्हें शुभ मुर्हूत के अनुसार तैयारी करना होगी.

यह है कारण

आचार्य पण्डित रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने बताया कि 150 दिनों में मात्र 5 ही विवाह की तिथियां होने के कौन कौन से ज्योतिषीय कारण है. 15 दिसम्बर 20 से 14 जनवरी 21 तक धनु संक्रांति अर्थात मलमास है. आगे गुरु व शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह के मुहूर्त नही है।,17 जनवरी 2021 से 13 फरवरी 21 तक गुरु का तारा अस्त होने से विवाह के मुहूर्त नहीं है.

वहीं 14 फरवरी से 18 अप्रैल 21 तक शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह आदि मांगलिक कार्यों के मुहूर्त पञ्चाङ्ग कारों ने निर्धारित नही किये है. आगे 24 अप्रैल से विवाह आदि शुभ कार्य हो सकेंगे. इसक्च प्रकार आज से आगे पांच माह तक मलमास, गुरु शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह आदि शुभ कार्यों के मुहूर्त नही बन रहे है. अब निगाहे 2021 अप्रैल पर, टिकी है।

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