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कोविड-19 के बीच रोबोट असिस्टेड प्रक्रियाएं अस्पतालों में सर्जरी को बना रही हैं सुरक्षित
कोलकाता से आए कोलोरेक्टल कैंसर से पीड़ित 54 वर्षीय मरीज़ में की गई सफल रोबोट असिस्टेड सर्जरी
जुलाई, 2020, नई दिल्लीः कोविड-19 की शुरूआत के बाद से लोग वायरस के डर से कोई भी इलाज कराने से बच रहे हैं और इसके चलते मरीज़ों की मुष्किलें बढ़ रही हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए रोबोट असिस्टेड सर्जरी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, क्योंकि इस तरह की सर्जरी में मरीज़ को अस्पताल में कम समय के लिए रूकना पड़ता है,
इसमें खून का नुकसान कम होता है, साथ ही सोषल डिस्टेंसिंग को बनाए रखते हुए मरीज़ और स्टाफ के बीच न्यूनतम संपर्क को सुनिष्चित किया जा सकता है क्योंकि इस प्रक्रिया में सर्जन अलग कमरे में बैठकर रोबोटिक उपकरणों को मार्गदर्षन देते हुए सर्जरी कर सकता है।
साथ ही चूंकि इसमें मरीज़ को अस्पताल में कम समय के लिए रूकना पड़ता है, इसलिए इन्फेक्षन की संभावना भी कम हो जाती है। यह प्रक्रिया उन अस्पतालों के लिए उपयोगी है जिनके 30-40 फीसदी बैड्स का इस्तेमाल कोविड-19 मरीज़ों के इलाज के लिए किया जा रहा है।
हाल ही में, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स में कोलकाता से 54 वर्षीय व्यक्ति की सफल रोबोट असिस्टेड सर्जरी की गई, वे कोलोरेक्टल कैंसर से पीड़ित थे। मल के साथ खून आने, वज़न में तेज़ी से कमी और बोवल मुवमेन्ट्स में बदलाव जैसे लक्षणों के बाद इसी साल फरवरी में उनमें कैंसर का निदान किया गया था।
वे कोलकाता में कीमोथेरेपी एवं रेडिएषन के ज़रिए इलाज करा रहे थे, मई माह में उनकी सर्जरी की जानी थी। कोलकाता में लगे प्रतिबंधों और महामारी की मुष्किलों के चलते परिवार उलझन में था। इसी बीच परिवार ने वीडियो कन्सलटेषन के ज़रिए अपोलो नई दिल्ली में सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलोजी के सीनियर कन्सलटेन्ट डाॅ अरूण प्रसाद से सलाह ली।
डाॅ प्रसाद ने बिना देरी किए सर्जरी की सलाह दी, अन्यथा कैंसर पेट के अन्य हिस्सों में फैल सकता था। गंभीर परिणामों की संभावनाओं को देखते हुए परिवार दिल्ली आया और 18 जून को मरीज़ को इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स में भर्ती किया गया, जिसके 24 घण्टे के अंदर रोबोट असिस्टेड सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
डाॅ अरूण प्रसाद, सीनियर कन्सलटेन्ट, सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलोजी एण्ड बैरिएट्रिक सर्जरी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स, नई दिल्ली ने कहा, ‘‘आज के दौर में रोबोट असिस्टेड सर्जरी सबसे सुरक्षित प्रक्रिया है। इसके न केवल सकारात्मक परिणाम होते हैं, बल्कि इसमें जटिलताओं की संभावना भी कम होती है।
इस तरह की सर्जरी में सर्जन का नियन्त्रण बेहतर रहता है, हम एक कम्प्यूटर आॅपरेटेड कंसोल के ज़रिए मार्गदर्षन देते हैं। इसमें चिकित्सक के हाथों के बजाए रेाबोट की आम्र्स ज़्यादा सटीकता से सर्जरी को अंजाम देती हैं।’’
‘‘इन दिनों कोविड-19 के बीच रोबोटिक सर्जरी के द्वारा मरीज़ एवं स्टाफ के बीच न्यूनतम संपर्क को सुनिष्चित किया जा सकता है। इसे रोबोट इन्ड्यूस्ड सोषल डिस्टेंसिंग कहा जाता है। इसके अलावा मरीज़ के शरीर से प्लम निकालने के लिए विषेष स्मोक इवैक्यूएटर्स का इस्तेमाल कर सर्जरी को सभी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी सुरक्षित बनाया जा सकता है।’’
‘‘इस मामले में जनरल एनेस्थेसिया देकर दो घण्टे के अंदर मरीज़ की रेक्टम से कैंसर को निकाला गया। पारम्परिक सर्जरी के बजाए रोबोट असिस्टेड सर्जरी से हमने सुनिष्चित किया किया इन्फेक्षन, खून के नुकसान, चीरा लगाना- इन सब की संभावना को कम से कम किया जाए। सर्जरी के बाद एक सप्ताह के अंदर मरीज़ को छुट्टी दे दी गई, उन्हें कुछ भी खाने-पीने से मना नहीं किया गया है।’’ उन्होनंे कहा।
छुट्टी के दिन मरीज़ ने अस्पताल स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मैं इन्द्रप्रस्थ अपोलो होस्पिटल्स की टीम के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने मुझे नया जीवन दिया है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि कैंसर की सर्जरी इतनी आसानी से की जा सकती है। मेरे शरीर में कोई बड़ा चीरा नहीं लगाया गया है, न ही मैं बीमार या कमज़ोर महसूस कर रहा हूं। पांच दिनों केे अंदर मैं खुद चलकर अपने घर जा रहा हूं।’’
शराब और तंबाकू, रैड मीट और प्रोसेस्ड फूड, एयरेटेड ड्रिंक्स का सेवन करने से मोटापा और डायबिटीज़ की संभावना बढ़ती है, ये अन्य गैर-संचारी रोगों के साथ-साथ कोलोरेक्टल कैंसर के मुख्य कारण हैं।