‘ऊं गणानां… महागणपतये नम:’ दस दिनी सदी के सबसे विशालतम महायज्ञ का ‘श्रीगणेश’

5 हजार कलश सिद्ध होंगे श्री विश्वशांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृध्दि कलश अनुष्ठान में

कृष्णगिरी। ऊं गणानां त्वा गणपतिं हवामहे कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्। ज्येष्ठराजं ब्रह्मणाम् ब्रह्मणस्पत आ न: शृण्वन्नूतिभि:सीदसादनम्।। महागणपतये नम:….’ सरीखे गणपति मंत्रों की गूंज 108 प्रकांड पंडितों द्वारा दिनभर गूंजती रही मां महालक्ष्मी की अति दिव्य प्रतिमा के समक्ष। मौका था प्रत्येक भारतवासी की समृद्धि, स्वास्थ्य और सुरक्षा का लेकर संकल्प, देश पर आए संकट के निवारण को लेकर राष्ट्रसंत श्री वसंत विजयजी महाराज के पावन सानिध्य में सदी के सबसे विशालतम महायज्ञ के ‘श्रीगणेश’ का।

तमिलनाडू के कृष्णगिरी श्री पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम में विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान 23 जुलाई तक चलेगा। यज्ञ कुटीर में 5 हजार कलश को मंत्रों, आहूतियों के बीच सिद्ध किया जा रहा है। इस अनुष्ठान को लेकर मां पद्मावती की अति दिव्य कृपा और ऊर्जा से ओतप्रोत श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम पर बाकायदा 40 हजार वर्गफुट के विशाल यज्ञ मंडप में 108 प्रकांड पंडितों द्वारा अतिदिव्य मंत्रों के जाप के बीच पूजन अनुष्ठान कराया जा रहा है।

‘जीवन में कभी न कोरोना हो, न रोना हो ; दोनों भग जाएं धनवंतरी देवा’ : वसंतविजयजी म.सा.

राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजय जी म.सा. ने श्रद्धालूओं की साक्षी में धनवंतरी देवा की संपूर्ण भारत से कोरोना की मुक्ति के लिए आह्वान किया। उन्होंने देश से कोरोना भाग जाए, विश्व से कोरोना भाग जाए और भारत से रोना भी भाग जाए की बात के साथ धनवंतरी देव का आह्वान किया कि सभी स्वस्थ रहें। वे बोले कि धनवंतरी का नाम मात्र लेने से रोग मिट जाता है और परोपकार के साथ कार्य किया जाए तो वह निश्चित सफल होता ही है। पूर्ण भक्ति के साथ किए गए अनुष्ठान के बाद मां लक्ष्मी अपने भक्तों पर कृपा बरसाएगी। देवता आकर्षित होकर आएंगे, इस दौरान हजारों किलो गूगल, खजूर, विभिन्न मेवे पदार्थों के साथ महालक्ष्मी का हवन भी शुरु हुआ।

भीमसेनी कपूर का लाखों रुपयों का पहुंचा भंडार

विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान में सम्मिलित करने के लिए भीमसेनी कपूर का लाखों रुपयों का भंडार पहुंच गया है साथ ही हीलिंग स्टोंस का अंबार लग गया। इसके अलावा घर को स्वर्ग बनाने वाले दिव्य कलशों को महालक्ष्मी कुबेर मंत्रों से 1 करोड़ कुमकुम पूजन के बीच 10 लाख हवन आहूतियां दी जा रही है। साथ ही 25 लाख धन्वंतरि कुबेर जाप के साथ सिद्ध किया जा रहा है। वहीं इस कलश में अति दिव्य औषधियां, जड़ी बूटियां, नवरत्न के अलावा 106 वैष्णव तीर्थों का दिव्य कुंकुम, सिद्ध दिव्य यज्ञ भस्म, मूल्यवान धातुएं डाली जाएंगी।

आहूतियों को सिद्ध करने के लिए प्रतिदिन कुण्ड में डालेंगे 1-1 लाख सुपारी, काजू व अन्य सामग्रीयां

राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. की निश्रा में आयोजित हो रहे सदी के सबसे बड़े महायज्ञ में प्रतिदिन कुण्ड मेें 1 लाख सुपारी, 1 लाख काजू मेवे, 1 लाख मुट्टी कमल गट्टे आहूतियों को सिद्धि करने के लिए डाले जाएंगे। साथ ही हजारों किलो खजूर, प्रतिदिन एक लाख आहूति, हर एक नाम में खजूर, हल्दी के साथ आहूति दी जाएगी। दस दिनों में दस लाख चीजों के साथ हवन कुण्ड सामग्री डालेंगे। परम सिद्ध होने वाली दिव्य वस्तुओं में 10 कुण्डों में 10-10 पंडित विराजमान होकर महायज्ञ को सम्पन्न कर रहे हैं। यज्ञ कुटीर में 5 हजार कलश स्थापित हैं।

10 दिन बाद अमृत और दिव्य बन जाएगा कलश

राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने बताया कि दस दिनों तक चलने वाले इस सदी के सबसे बड़े अनुष्ठान में समस्त सिद्धी की दिव्य वस्तुएं यहां उपस्थित है। पंडित विराजमान होकर जब कलश को आहूति से सिद्ध करेंगे तो 10 दिन बाद कलश अमृत और दिव्य कलश बन जाएगा। पंडित जब स्थापित करेंगे तब समस्त कलशों में वैभव प्रकट होगा। उन्होंने भक्तों से कहा कि दिव्य कलश आराधना में सभी जुड़े रहें और देखें कि मां पद्मावती, भगवान धनवंतरी देव, कुबेर देव की कृपा बरस रही है।

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