स्किन का रंग कभी बदला नहीं जा सकता-डॉ. शेट्टी

डर्माजोन वेस्ट 2024 और 29वीं क्यूटिकॉन एमपी कॉन्फ्रेंस का रविवार को हुआ समापन

इंदौर। भारतीय डर्माटोलॉजी वेनेरियोलॉजी और लेप्रोलॉजी सोसाइटी (आईएडीवीएल) मध्य प्रदेश के तत्वावधान में डर्माजोन वेस्ट 2024 और 29वीं क्यूटिकॉन एमपी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।

कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन रविवार को सेलिब्रिटी डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ.रश्मि शेट्टी ने कहा कि इन दिनों लोग अच्छी स्किन का ट्रेंड चल रहा है लोग पूरे दिन ग्लो करना चाह रहे हैं इसके लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना जरूरी है। स्किन सिर्फ जिन्स की वजह से ही नहीं बल्कि उस स्थान के वातावरण पर भी निर्भर करती है जहां आप रहते हैं। किसी भी व्यक्ति का स्किन कलर कभी भी नहीं बदलता है इसलिए इसके लिए प्रयास नहीं करना चाहिए। सोशल मीडिया और टीवी पर जो भी दिखता है उसमें लाइट, मेकअप और पोस्ट प्रोडक्शन के बाद होने वाली एडिटिंग का बहुत बड़ा हाथ होता है। इसलिए इस तरह की चीजों से इम्प्रेस होने के बजाए क्वालिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

अगर आप स्किन के लिए घर के ही प्रोडक्ट इस्तेमाल करना चाहते है तो चंदन और मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल कर सकते है। ये आपको इवेन टोंड स्किन प्रदान करेंगे, हाइड्रेशन के लिए दूध, दही और शहद का इस्तेमाल कर सकते है। कांफ्रेंस के पैट्रोन और मुख्य सलाहकार डॉ. अनिल दशोरे ने बताया कि आईएडीवीएल मध्य प्रदेश ब्रांच का प्रेसिडेंट इंदौर के डॉ. मीतेश अग्रवाल और सेक्रेटरी डॉ. अक्षत वर्मा को चुना गया है। ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ. मीतेश अग्रवाल ने बताया बतौर प्रेसिडेंट हमारा आने वाले समय का एजेंडा स्टेरॉयड के इस्तेमाल को कम से कम करना और मरीज सही डॉक्टर तक पहुंचे इसके लिए उचित कदम उठाना रहेगा।

स्कैल्प साफ रखने से स्किन रहेगी हेल्दी
कॉन्फ्रेंस के साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ. कैलाश भाटिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी की एडवाइज को आप अपना रहे है तो इस बात का ध्यान रखें कि वह क्वालिफाइड है कि नहीं। सबका स्किन टाइप अलग होता है। हो सकता है कि जो टिप्स किसी व्यक्ति के लिए बेहद कारगर रही हो वह आपकी स्किन को नुकसान भी पहुंचा सकती है। अगर आप अपने स्किन और हेल्दी रखना चाहते है तो अपने स्कैल्प को साफ रखें और बॉडी हाइजीन का विशेष ध्यान रखें।

ऑर्गेनाइज़िंग चेयरपर्सन डॉ. दिलीप हेमनानी ने बताया कॉन्फ्रेंस में नई तकनीक के साथ-साथ स्पीकर्स ने जटिल केसेस डिस्कस किया और उनके इलाज पर गंभीरता से चर्चा हुई। बायोलॉजी को लेकर अब डॉक्टरों का नजरिया भी बदल रहा है और तेजी से इसका उपयोग सब स्वीकार कर रहे हैं।ऑर्गनाइजिंग टीम से डॉ शुकेन दशोरे ने बताया कई बार लोग अपनी बीमारी को सोशल मीडिया की गलत सलाह से बढ़ा लेते हैं जिससे चर्मरोग का इलाज महंगा हों जाता है। यदि स्किन की प्रॉब्लम डायरेक्ट स्किन स्पेशलिस्ट से लेंगे तो इलाज का खर्चा कम होगा और इलाज आसान होगा।

ऑर्गनाइजिंग टीम से डॉ.अतुल कांथेड़ ने बताया कॉन्फ्रेंस में स्क्रीन से संबंधित लगभग सभी बीमारियों पर चर्चा हुई साइंटिफिक सेशन में बच्चों से संबंधित तीन बड़े सेशन रखे गए क्योंकि देखा जा रहा है बच्चों का एग्जिमा तेजी से बढ़ रहा है।

सर्वांगासन करने बढ़ेगी बालों की ग्रोथ
डॉ. योगेश झंवर ने बताया कि बालों की झड़ने की समस्या अब साधारण नहीं रह गई है और यह तेजी से बढ़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण लाइफस्टाइल में आया बदलाव है। अच्छी और हेल्दी डाइट से भी बाल झड़ने की समस्या को कम किया जा सकता है। इसके लिए आयरन और विटामिन से भरपूर खाना खाने की जरूरत है। इसमें आंवला- गुड़ और मूंगफली की पट्टी, च्यवनप्राश, हरी सब्जी, दाल आदि को शामिल किया जा सकता है। सर्वांगासन करने से सिर के ऊपरी हिस्से में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इससे बालों का झड़ना कम होता है और बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है। सर्वांगासन करने से सर में पोषक तत्वों से भरपूर रक्त पहुंचता है, जिससे बालों की जड़ों में ऑक्सीजन और पोषण की आपूर्ति होती है। यह आसन हार्मोनल स्तर को संतुलित करता है, जो बालों को स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

हर व्यक्ति को हेयर ट्रांसप्लांट की जरूरत नहीं
डॉ. अक्षत वर्मा ने बताया कि कोविड के बाद से हेयर फॉल की समस्या भी बढ़ी है। हेयर का जाना किसी भी यंग इंसान के लिए बड़ी समस्या हो गई है। इसके लिए काफी सारे ट्रीटमेंट अवेलेबल है पर किस व्यक्ति के लिए कौन सी दवा और कौन सा ट्रीटमेंट इफेक्टिव है यह एक क्वालिफाइड डॉक्टर ही तय कर सकता है। बालों के झड़ने से यदि रोकना है तो इसके लिए सबसे पहली मेडिसिन है लाइफस्टाइल में सुधार करना। बाल झड़ने की समस्या से परेशान व्यक्ति को यह समझना होगा कि हर व्यक्ति को हेयर ट्रांसप्लांट की जरूरत नहीं होती है और न ही हैवी मेडिसिन की।

बहुत सारे पेशेंट को डैंड्रफ या पोषक तत्वों की कमी के कारण भी हेयर फॉल होता है जिसे साधारण दवा से ठीक किया जा सकता है। वहीं कुछ मेडिसिन ऐसी भी है जो सर के उस हिस्से में ब्लड फ्लो को बढ़ाती है जिससे बालों की ग्रोथ बढ़ती है। इसके अलावा हार्मोनल इश्यू को दूर करने के लिए मेडिसिन अवेलेबल है। ऐसे कई सारी थेरेपी को एक साथ इस्तेमाल करके पेशेंट को घने बाल उगाए जा सकते है। किस पेशेंट में कौन-कौन सी थेरेपी का कॉम्बिनेशन काम करेगा यही फैसला लेना एक एक्सपर्ट का काम है।

छूने से नहीं फैलती सफेद दाग की बीमारी
कलकता के आए वरिष्ठ डॉ. कौशिक लहिरी सफेद दाग की बीमारी को लेकर काफी सारी भ्रांति है कि यह छुने से फैलती है पर वास्तव में ऐसा नहीं है। पूरी दुनिया में 1 से 4 प्रतिशत लोगों ये होता ही है। यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है। इसमें हमारे स्किन का जो कलर या पिगमेंटेशन है वो चला जाता है। इसको पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए दवा, क्रीम, सर्जरी, लेजर थेरेपी आदि कई तरह के ऑप्शन अवेलेबल है। 20 परसेंट केस में यह एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन में ट्रांसफर होता है।ऑर्गेनाइज़िंग को-चेयरपर्सन डॉ. जयेश कोठारी ने बाहर से आए डेलिगेट्स और स्पीकर्स का आभार माना, उन्होंने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस 15 साल बाद शहर में हुई है जिसमें सभी राज्यों से अच्छी संख्या में डॉक्टर ने हिस्सा लेकर डर्मेटोलॉजी के नवीन इलाज को समझा है।

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