- Ananya Panday, Ahsaas Channa to Taaruk Raina: Actors who delivered immortal OTT characters
- Get ready to experience the story of unabashed love and revenge in Disney+ Hotstar’s Thukra Ke Mera Pyaar releasing on 22nd November
- डिज़्नी+ हॉटस्टार के ‘ठुकरा के मेरा प्यार’ में देखिये बेबाक प्यार और बदले की कहानी
- PC Jeweller Ltd. Board Approves Allotment of equity shares against Conversion of Warrants
- पीसी ज्वेलर लिमिटेड के बोर्ड ने कन्वर्जन ऑफ वारंट्स के खिलाफ इक्विटी शेयरों के अलॉटमेंट को दी मंजूरी
निःशक्तजनों की पहचान के लिये होगा सर्वे
दिव्यांगजनों के हितार्थ संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न
इंदौर. जिले में निःशक्तजनों की पहचान के लिये सर्वे कराया जायेगा. यह सर्वे ग्राम पंचायत स्तर तक होगा. शहर में घर-घर जाकर निःशक्जजनों की जानकारी एकृत्रित की जाएगी. साथ ही जिले के सभी शासकीय तथा अशासकीय स्कूलों के बच्चों का हेल्थ चेकअप होगा. इस हेल्थ चेकअप के आधार पर उनकी हेल्थ बुक तैयार की जाएगी. इससे जहां एक ओर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी संकलित होगी और दूसरी ओर बच्चों में निःशक्तता का पता भी चलेगा.
यह जानकारी आज यहां कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई दिव्यांगजनों के हितार्थ संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक में दी गई. बैठक में दिव्यांगजन केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. सुकुमार, कलेक्टर मनीष सिंह, आयुक्त निःशक्तजन संदीप रजक, राष्ट्रीय दृष्टिबाधित संस्थान के डॉ. पवन स्थानक तथा नेशनल ट्रस्ट ऑफ इण्डिया के स्टेट कॉ-आडिनेटर पंकज मारू विशेष रूप से मौजूद थे.
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती सुचिता तिर्कि बेक, अनिल भंडारी सहित अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे. कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि निःशक्तजनों के लिये विभिन्न सुविधाओं से युक्त जिला पुनर्वास केन्द्र बनाया जा रहा है. जल्द ही जिले में निःशक्तजनों की पहचान के लिये सर्वे कराया जायेगा. साथ ही जिले के सभी शासकीय तथा अशासकीय स्कूलों के बच्चों का हेल्थ चेकअप होगा.
बैठक में बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के अंतर्गत 40 प्रतिशत या उससे अधिक के दिव्यांग बच्चों जिनकी आयु 6 से 18 वर्ष तक है को, निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है बैठक में निर्देश दिये गये कि इस प्रावधान का पालन कराया जाये. बैठक में बताया गया कि लीगल गार्जियनशिप अधिनियम का प्रभावी पालन कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत दिव्यांग बच्चों को विधिक संरक्षक का प्रावधान है. बैठक में 14 दिव्यांगजनों को लीगल गार्जियनशिप के प्रमाण-पत्र दिये गये.