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शहरी क्षेत्रों का सतत्, संतुलित विकास राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता: कमलनाथ
इंदौर शहर के अगले 50 वर्ष हेतु विजन डाक्युमेंट बनाने के संबंध में अभ्यास मंडल के कार्यक्रम में परिचर्चा
इंदौर. मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा है कि शहरी क्षेत्रों का सतत्, संतुलित एवं समेकित विकास राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। शहरीकरण का प्रबंधन बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का सामना सामुहिक प्रयासों एवं समन्वित कार्ययोजना के माध्यम से हो सकता है। शहरीकरण की चुनौती से निपटने के लिये शहरी बुनियादी सुविधाओं तथा संसाधनों के सुधार तथा विस्तार हेतु समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ आज इंदौर में अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित इंदौर के विकास के लिये 50 वर्ष के विजन डाक्युमेंट बनाने के संबंध में आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश के गृह मंत्री तथा इंदौर जिले के प्रभारी श्री बाला बच्चन, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, श्रीमती शोभा ओझा तथा अभ्यास मंडल के श्री रामेश्वर गुप्ता और श्री मुकुंद कुलकर्णी भी विशेष रूप से मौजूद थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि शहरों के विकास के लिये गंभीर चिंतन होना चाहिए। शहरों के विकास का कार्य नये नजरिया से किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिस मान से शहरीकरण हो रहा है, उसके हिसाब से शहरी सीमाओं का विस्तार भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे कई समस्याओं से निजात मिल सकती है।
उन्होंने इंदौर को मेट्रो पॉलिटीन सिटी के रूप में विकसित करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि जहाँ शहरी क्षेत्रों का भौतिक विस्तार होगा तो वहाँ जनसंख्या एवं आवश्यकता के अनुरूप अधोसंरचना का विकास भी करना होगा। आवास, शिक्षा,पेयजल, सार्वजनिक परिवहन सेवा, यातायात सुधार, विद्युत आदि की समुचित व्यवस्था भी करना होगी। राज्य सरकार इस दिशा में समन्वित कार्ययोजना बनाकर शहरों के विकास के लिये आगे बढ रही है।
उन्होंने शहरों को स्थानीय स्तर पर सोलर उर्जा के माध्यम से विद्युत के क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने की बात पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता बडी समस्या है। इस समस्या से निजात पाने के लिये नदियों को पुनर्जीवित करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नदियों को पुनर्जीवित करने के लिये उसके स्त्रोत को ठीक करवाने के प्रयास कर रही है।
श्री कमलनाथ ने शहरों के विकास के लिये बनने वाले मास्टर प्लान के लिये एडवायजरी कमेटी बनाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने शहर के विकास के लिये बनने वाली कार्ययोजना में सभी से सहयोग लेने की बात कही।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के मायने शहरों की आवश्यकता के अनुरूप समझना होगा। हर शहर की आवश्यकता के अनुरूप नये संदर्भ में स्मार्ट सिटी की अवधारणा पर नई तकनीकी और नई सोच के साथ काम करना चाहिये। कार्यक्रम के प्रारंभ में अभ्यास मंडल के श्री मुकुंद कुलकर्णी ने इंदौर शहर के विकास के लिये आगामी 50 वर्ष हेतु बनाये जाने वाले विजन डाक्युमेंट के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने भविष्य के इंदौर की जरूरतों को बताया।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर श्री मुकेश चौहान ने पेयजल की उपलब्धता तथा भविष्य की आवश्यकता और जल प्रबंधन की जानकारी दी। उन्होंने शहरों में वाटर ऑडिट का प्रावधान रखने की माँग की। एसजीएसआईटीएस के प्रो0 श्री संदीप नावलेकर ने यातायात में सुधार, यातायात प्रबंधन, यातायात के लिये सिविल वर्क, सिग्नल प्रणाली, सार्वजनिक परिवहन सुविधा को बेहतर बनाने के लिये उपाय आदि के संबंध में जानकारी दी।