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संवेदनशीलता, धैर्य और अपनत्व के साथ कोरोना संक्रमितों को पहुंचाया अस्पताल
संजीवनी -108 एम्बुलेंस सेवा के क्रू मेबर्स भी हैं कोरोना योद्धा
इंदौर. कोरोना संक्रमण के दौरान विभिन्न विभाग अलग-अलग आयामों में अपना दायित्व निभा रहे हैं। कोविड-19 के अंतर्गत ऐसा ही एक उजला पक्ष संजीवनी 108 एम्बुलेंस का है । कोविड-19 के दौरान कोरोना मरीज का चिन्हांकन होने के बाद सबसे पहली आवश्यकता मरीज को अस्पताल पहुँचाने की होती है।
कोरोना संभावितों को उनके लिये चिन्हित श्रेणी के अस्पतालों तक पहुँचाना, संपर्क में आए लोगों को क्वारेंटाइन करना या क्वारंटाइन सेंटर से अस्पताल पहुँचाना ही सबसे पहली प्राथमिकता होती है और इस सबके लिए सबसे पहली जरूरत होती है एम्बुलेंस की। एम्बुलेंस के पहुँचते ही मरीज को यह विश्वास होने लगता है कि अब उसे इलाज मिलना शुरू हो जाएगा।
संजीवनी 108 के सभी क्रू मेंबर्स संवेदनशीलता व धैर्य के साथ कोरोना संकट काल में काम कर रहे हैं। जिन संक्रमित व्यक्तियों को छूने में परिजन भी हिचकिचाते हैं, वहां 108 के क्रू मेंबर्स बड़े प्यार के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए मरीजों को अस्पतालों में लेकर जाते हैं। वे मरीज को सांत्वना देते हैं एवं जल्दी ठीक होने का विश्वास भी दिलाते हैं।
अपनत्व के साथ मरीज को अस्पताल छोड़ना, उनकी बात को सुनना, उनकी समस्याओं को जानना भी उनकी सेवा का ही एक अंग है। निरंतरता के साथ 24×7 कार्य करना संजीवनी 108 के क्रू मेंबर्स की विशेषता है। इन्होंने कोरोना काल में दिन-रात एक कर इंदौर जिले के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई है।
अपने परिवार, व्यक्तिगत समस्याओं तथा भावनाओं को परे रखते हुए केवल और केवल कार्य को प्राथमिकता दी। वे दया, सेवा, साहस, अथक परिश्रम के गुणों के साथ निरंतर सेवा पथ पर अग्रसर है। धार, झाबुआ, देवास, बुरहानपुर एवं उज्जैन के 108 के क्रू मेंबर्स ने इंदौर को अपनी सेवाएं दी है।