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दो दशक बाद सोमवती व हरियाली अमावस का संयोग: आचार्य शर्मा

देवताओं के साथ पितरों की कृपा प्राप्त होगी
इंदौर. दो दशक बाद सावन सोमवार को सोमवती व हरियाली अमावस का संयोग बन रहा है. इस दिन देवताओं के साथ पितरों की भी कृपा प्राप्त होगी. शिवजी को पांच बिल्वपत्र चढ़ाएं, जोड़े से शिव पार्वती की पूजा करें. चारों पुरुषार्थ प्राप्त होंगे.
उक्त बात भारद्वाज ज्योतिष व आध्यात्मिक शोध संस्थान के शोध निदेशक आचार्य पंडित रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने कही. उन्होंने बताया कि इस वर्ष भोले की भक्ति का सावन मास कुछ विशेष योग संयोग में मन रहा है। पांच सोमवार के संयोग में सावन का तीसरा सोमवार दो दशक के बाद विशेष ज्योतिषीय व धार्मिक योग संयोग के साथ आ रहा है.
20 जुलाई को सावन सोमवार, सर्वार्थ सिद्धि योग, हरियाली व सोमवती अमावस्या के साथ इस दिन को कुछ विशेष बना रहे है. अमावस्या पितृ कृपा का दिन है, सावन सोमवार व सोमवती योग देवाधिदेव की कृपा का भी दिन है. अत: इस दिन भोले के भक्तों पर शिवजी के साथ पितरों का भी आशिर्वाद प्राप्त होगा.
योग की बात है कि नवग्रहों में से पांच ग्रह चन्द्रमा, बुध, गुरु, शुक्र व शनि अपनी अपनी राशियों में ही रह कर इस दिन को और भी कुछ खास बनाएंगे. इससे शिव भक्तों को ग्रहों की कृपा भी प्राप्त होगी.
आचार्य शर्मा वैदिक ने बताया कि आज के दिन जो भक्त परिवार सहित शिव परिवार की पूजा अर्चना करता है उसे चारों पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस विशेष संयोग में पितृ कृपा हेतु वृक्षारोपण का विशेष महत्व है. 21 जुलाई 2000 में भी इस प्रकार का योग बना था.
आचार्य पंडित रामचन्द्र शर्मा वैदिक ने बताया कि विगत वर्षों जब सावन सधिक मास के रूप में आया था उस समय भी 16 वर्ष पूर्व सोमवती अमावस्या का योग निर्मित हुआ था. शिव परिवार की प्रसन्नता हेतु सोमवार को उपवास, जलाभिषेक, अर्क पुष्प व नम: शिवाय के साथ जो पांच बिल्वपत्र शिवजी को चढ़ाता है बाबा उसकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी करते है।इस वर्ष सावन सोमवार से ही शुरू हुआ व सोमवार को ही समाप्त होगा।