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महिलाओं को दक्षता अनुसार मुहैया करायेंगे रोजगार
वन स्टॉप सेंटर की जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति की बैठक संपन्न
इंदौर. महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले वन स्टॉप सेंटर की जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति की बैठक आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री मनीष सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ सी. एल. पासी, अपर कलेक्टर बी.बी.एस. तोमर, वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक डॉ वंचना सिंह, विशेष अभियोजक, समस्त परियोजना अधिकारी आदि उपस्थित थे.
कलेक्टर श्री सिंह ने वन स्टॉप सेंटर द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान केंद्र संचालन से संबंधित महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए. उन्होंने बलात्कार, पोक्सो एक्ट के अंतर्गत आने वाले प्रकरणों की गोपनीयता को बनाए रखने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि केंद्र पर परामर्श तथा अन्य सहायता के लिए आई महिलाओं की दक्षता के अनुसार सूची तैयार की जाए.
इस आधार पर महिलाओं को उनकी रूचि एवं दक्षता के अनुसार रोजगार मुहैया कराया जाएगा. कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि, पीसी सेठी अस्पताल से एक महिला चिकित्सक को वन स्टॉप सेंटर से संबद्ध किया जाएगा।
महिलाओं द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुसार पीसी सेठी अस्पताल में इलाज भी कराया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा आदि से संबंधित प्रकरणों का सूक्ष्मता से परीक्षण किया जाकर डी.आई.आर. अर्थात डोमेस्टिक इंसीडेंस रिपोर्ट भरी जानी चाहिए.
बैठक में डॉ. सी.एल. पासी ने बताया कि, कोई भी पीडि़त महिला खासकर बलात्कार, घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा, एसिड अटैक हिंसा से पीडि़त है तो वह वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर से तत्काल मदद ले सकती है. वन स्टॉप सेंटर, सखी केंद्र के नाम से भी जाना जाता है. यहां तत्कालिक मानसिक तथा भावनात्मक परामर्श, पुलिस सहायता, कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सेवा, आपातकालीन मदद आदि उपलब्ध कराई जाती है.
कोविड संक्रमण को ध्यान रखते हुए बनाया गया पृथक वॉर्डवन स्टॉप सेंटर की प्रशासक डॉ वंचना सिंह ने बताया कि, कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए छावनी स्थित वन स्टॉप सेंटर परिसर में 2 बेड का पृथक वॉर्ड बनाया गया है.
उल्लेखनीय है कि 2020-21 में वन स्टॉप सेंटर में कुल 93 प्रकरण दर्ज किए गए. जिनमें से 20 प्रकरणों का निराकरण समझौते के आधार पर हुआ, 20 महिलाओं को विधिक सहायता दी गई, 7 महिलाओं को पुलिस सहायता, 6 महिलाओं को चिकित्सकीय सहायता तथा 15 महिलाओं को आश्रय दिया गया।