कान्ह नदी सफाई प्रोजेक्ट में आई तेजी

गुरुवार को प्रशासन की टीम ने सीमांकन का कार्य शुरू किया

इंदौर. इंदौर की कान्ह (खान) और सरस्वती नदी के किनारे सीमांकन का कार्य गुरूवार से प्रारंभ हो गया है। आज अपर कलेक्टर श्री कैलाश वानखेड़े व एसडीएम ने खुद मौके पर जाकर टीम के काम और मौके की चुनौतियों का निरीक्षण किया।

अपर कलेक्टर श्री वानखेड़े ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गठित टीमों द्वारा नदी के दोनों किनारे का अतिक्रमण और शासकीय भूमि का चिन्हांकन करने के साथ ही मुनारे लगाने का काम आज से प्रारंभ हो गया है।

      उन्होंने बताया कि कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव के द्वारा नदियों के सीमांकन और सफाई प्रोजेक्ट के लिये चार टीमें गठित की गई हैं। गठित टीमें अलग-अलग स्थानों से सीमांकन का कार्य कर रही है।

गुरूवार को अपर कलेक्टर श्री वानखेड़े के दिशा-निर्देश एवं एसडीएम श्री राकेश शर्मा के मार्गदर्शन पर राजस्व निरीक्षक श्रीराम राठौर और श्री अभय भटोरे एवं पटवारी द्वारा पिपल्याराव रिजनल पार्क से नहर भंडारा (राजीव गांधी चौराहे) तक लगभग 338 मीटर की लंबाई में नदी का सीमांकन किया गया। इस दौरान 70 अतिक्रमणकारी भी चिन्हित किये गये।

दूसरी टीम में राजस्व निरीक्षक श्री हेमंत उइके एवं पटवारी द्वारा तीन इमली चौराहे से पालदा काकड़ की ओर 500 मीटर लंबाई में सीमांकन किया गया। इसी तरह कलेक्टर द्वारा गठित अन्य दो टीमों ने भी अपने क्षेत्र में सीमांकन का कार्य किया।

      ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पालन जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की मंशा है कि इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदी अतिक्रमण, प्रदूषण और गंदे पानी से पूरी तरह मुक्त हो और अपने प्राचीन स्वरूप में प्राकृतिक पानी से कल-कल बहे।

इंदौर जिले के कई जनप्रतिनिधि और समाजसेवी संगठन भी चाहते हैं कि कान्ह नदी प्रदूषण से मुक्त हो। कान्ह नदी के प्रदूषण से मुक्त होने पर स्वच्छता में देश में नंबर वन शहर इंदौर की गरिमा और स्तर बढ़ेगा। इस दिशा में आयुक्त इंदौर संभाग और राज्य शासन भी प्रयत्नशील है। इसी दिशा में प्रशासन ने नदी सफाई प्रोजेक्ट में कार्य प्रारंभ कर दिया है। उक्त कार्य समय-सीमा में संपन्न करवाया जायेगा।

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