मेडिका सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल पूर्वी भारत के पहले आर्टिफिशियल हार्ट ट्रांसप्लांटेशन (LVAD) को सफलतापूर्वक पूरा किया

छत्तीसगढ़ के 54-वर्षीय मरीज को एक नया जीवन मिला

कोलकाता, 25 मार्च, 2021: पूर्वी भारत में निजी अस्पतालों के सबसे बड़े समूह, मेडिका ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के कोलकाता में स्थित मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 6 घंटे तक ऑपरेशन की बेहद नाजुक प्रक्रिया के बाद छत्तीसगढ़ के 54 साल के एक सज्जन को नया जीवन मिला है। मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने इस ऑपरेशन के दौरान पूर्वी भारत में पहली बार किसी मरीज के आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लांट को सफलतापूर्वक पूरा किया – और पूर्वी भारत में पहली बार LVAD (लेफ्ट वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस) के माध्यम से हार्ट इम्प्लांट का कारनामा कर दिखाया।

अस्पताल के कार्डियक सर्जरी, CTVS और कार्डियोलॉजी विभागों के अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने साथ मिलकर इस असाधारण काम को पूरा किया। इस टीम ने मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्डिएक सर्जरी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, निदेशक एवं प्रमुख, डॉ. कुणाल सरकार के नेतृत्व में साथ मिलकर इस सर्जरी को पूरा किया। प्रो. डॉ. राबिन चक्रवर्ती, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की अगुवाई वाली कार्डियोलॉजी टीम; डॉ. दिलीप कुमार, वरिष्ठ सलाहकार एवं निदेशक, कैथ लैब सर्विसेस, कार्डियोलॉजी विभाग; डॉ. सप्तर्षि रॉय, वरिष्ठ सलाहकार एवं कार्डियक सर्जन; तथा डॉ. अर्पण चक्रवर्ती और डॉ. दीपांजन चटर्जी की अनुभवी CTVS टीम ने अपना भरपूर सहयोग दिया, और इस तरह 22 मार्च, 2021 को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई।

मरीजों की देखभाल में उच्चतम मानदंडों का पालन करने वाले मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हार्ट फेल्योर और हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए एक विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त विभाग मौजूद है। कोलकाता का यह हॉस्पिटल दिल के मरीजों के सर्वोत्तम इलाज के लिए जाना जाता है, और अब पूर्वी भारत के पहले आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लांट प्रोग्राम को सफलतापूर्वक पूरा करते हुए यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अब कन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर के मरीजों को बचाने और उनके इलाज के विकल्पों का दायरा और बढ़ गया है।

सुधीर कुमार सिंह (नाम बदल दिया गया है) को 12 हफ्ते पहले गंभीर रूप से दिल का दौरा पड़ा था, जिसने उनके हृदय के बहुत से हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया था।

इस मौके पर डॉक्टरों की टीम की अगुवाई करने वाले डॉ. कुणाल सरकार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, निदेशक और मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्डियक सर्जरी के प्रमुख, ने कहा, “मरीज को काफी गंभीर अवस्था में यहाँ लाया गया था, क्योंकि उनके दिल की धड़कन तेजी से कम हो रही थी और स्वास्थ्य बिगड़ता ही जा रहा था। उस स्थिति में हार्ट ट्रांसप्लांट या आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लांट की सलाह देने के अलावा हमारे पास कोई और चारा नहीं था। चूंकि देश के इस हिस्से में पहली बार इस प्रकार से उपचार किया जाना था, इसलिए हमने ज्यादा सावधानी बरती। सर्जरी की सफलता के बाद फिलहाल हम उनकी सेहत पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं।”

डॉ. सरकार ने जानकारी देते हुए बताया, “आर्टिफिशियल हार्ट डिवाइस (हार्टमेट 2) दरअसल रूबी बियरिंग्स के साथ टाइटेनियम इम्पेलर पंपवाली एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो प्रति मिनट 9000-12000 रिवॉल्यूशन की दर से खून को पंप करता है। यह बिजली के साथ-साथ पहनने योग्य बैटरी पर काम करता है जिसे हर 12 घंटे में रिचार्ज करने की जरूरत होती है। ठीक होने के बाद मरीज कहीं भी आने-जाने और पहले की तरह काम करने में सक्षम हो जाते हैं। हमारा उद्देश्य दक्षिण एशिया में एडवांस्ड कार्डियोपल्मोनरी सपोर्ट के सबसे बड़े केंद्रों में से बनना है।”

भारत सहित पूरी दुनिया में हार्ट फेल्योर एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। दुनिया भर में तकरीबन बीस मिलियन लोग हार्ट फेल्योर से पीड़ित हैं, तथा भारत में हर साल दो मिलियन नए मामले सामने आते हैं। इनमें कम-से-कम एक तिहाई मरीजों की जान बचाने के लिए उन्नत चिकित्सा की आवश्यकता होती है। हार्ट फेल्योर का पता चलने के एक साल के भीतर ऐसे मरीजों की मृत्यु दर 30-40% है, और यह आंकड़ा काफी बड़ा है। भारत में हार्ट फेल्योर के मरीजों की चिकित्सा वास्तव में मेडिकल थेरेपी, रिवास्कुलराइजेशन थेरेपी (हृदय को रक्त की आपूर्ति की समस्या ठीक करना/ बढ़ाना), वॉल्व की सर्जरी और कार्डिएक रीसिंक्रनाइजेशन (हार्ट पेसिंग) थेरेपी तक ही सीमित है।

फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष तथा मेडिका ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के अध्यक्ष, डॉ. आलोक रॉय ने कहा, “विज्ञान एवं चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति से हार्ट ट्रांसप्लांटेशन बेहद सुरक्षित हो गया है, तथा हार्ट फेल्योर की अंतिम अवस्था से गुजरने वाले मरीजों को ठीक करने के लिए सबसे बेहतर विकल्प बन गया है। मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्डियक केयर की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं और यह देश में दिल के मरीजों के लिए सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक है। अपने देश में मरीजों को सर्वोत्तम इलाज व देखभाल सुविधाएं मुहैया कराना ही हमारा सबसे प्रमुख लक्ष्य है। इसके लिए हम डॉ. कुणाल सरकार के नेतृत्व वाली अत्यधिक कुशल डॉक्टरों की अपनी टीम की विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता, अभूतपूर्व प्रतिभा और संसाधनों का बेहतर ढंग से उपयोग करते हैं। मैं मेडिका की ओर से पूर्वी भारत में पहले LVAD के इस कारनामे की सराहना करता हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि हम उत्कृष्टता का केंद्र बनने में सक्षम होंगे, जिसका फायदा अनगिनत मरीजों को होगा और उन्हें अब हार्ट फेल्योर की स्थिति में इलाज के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा।”

यह मेडिका के एडवांस्ड हार्ट लंग सपोर्ट प्रोग्राम का एक हिस्सा है, जिसके अंतर्गत 100 से अधिक ECMO, बहुत से मरीजों का हार्ट ट्रांसप्लांट और अब, पहली बार आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लांट को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।

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