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प्रभु वेंकटेश के विवाहोत्सव में खूब झूमे भक्त
श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग हजारों श्रद्धालु बने विवाह के साक्षी
इंदौर. शहनाई वादक की धुन सखियों द्वारा गीतों का मधुर गान पधारे गोदाजी के द्वार रंगजी, कोई गोदा की नजऱ उतारो रे, जादो मत डालो, मुझे रंगनाथ की दुल्हन बना दो…
भगवती गोदाम्बजी को कंकड़, चुदा, कुदाल, बाजूबंद, रत्न जडि़त मालाएं, रत्नों से जडि़त मुकुट, कमरबंद, पायल और भी कई अति सुभाषित अलंकारो से गोपियाँ द्वारा श्रंगारित कर श्रीश्रीदेवी व् श्रीभूदेवी सजीधजी टोकनी में विराजित कर नागोरिया पीठाधिपति स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के साथ जोधपुर के राधाकृष्ण महाराज, अयोध्या के राघवाचार्य, रंगनाथचार्य लेकर विवाह मंडप में पधारी.
वही प्रभु रंगनाथ स्वर्ण मंगलगिरी पर सजधज पर गदा, पदम्, कटार, धराकर दूल्हा बन के गोविंदा – गोविंदा के जयघोष के साथ बारात में निकले साथ ही बाजे गाजे व् ढोलक की थाप पर युवक-युवतियों की टोली, डांडिया, मटकी, रास करने में मध्मस्त थे. ऐसा लग रहा था देवस्थान में हर कदम नाच रहा था. समिति के महेंद्र नीमा, पुखराज सोनी ने बताया की श्री वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के आचार्य व् विध्यार्तीयो द्वारा गोदा स्तोत्र , गुरु परंपरा , अल्वान्दर स्तोत्र , वेंकटेश स्तोत्र , तिरुपावे का पाठ किया गया जा रहा था. धुन पर झूम रहे थे मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो प्रभु श्री रंगनाथ जी को हल्दीकी पीठी लगाई गयी महिलाये चुंदरी की वेशभूषा में ठाकुरजी की बरात में भजनों का मधुर आनंद ले रही थी वधु पक्ष द्वारा पुष्प व् मालाओं, इत्र गुलाबजल द्वारा स्वागत किया गया.
यह अदबुध नज़ारा था पवन सिद्ध धाम लक्ष्मीवेंकटेश देवस्थान, छत्रीबाग मेेंं चल रहे श्री ब्रम्होत्सव एव रथयात्रा महोत्सव में आज पंचम दिवस पर प्रभु वेंकटेश के कल्याण उत्सव का जहा पर प्रभु रंगनाथ ने तोरणलगाकर विवाह मंडप में बारातियों के साथ प्रवेश किया वधु पक्ष द्वारा भगवती श्रीगोदाम्बजी को गोपियों द्वारा सजाधजा कर विवाह मंडप में विराजमान किया गया. भटर स्वामीकी समूह के साथ पुजारी सुदर्शनाचर्या, नितिन, दीपक जी द्वारा भगवन को रक्षा सूत्र बंधने के साथ दक्षिण भारतीय पद्दति से शुरू हुई विवाह की सभी रस्मे जिसने मामेरा बरना , वस्त्रों का आधान प्रधान वरमाला व् साथ फेरो के साथ विवाह की अभी रस्मे देवस्थान के पुजारी श्री राम्गोपजी शर्मा द्वारा पूरी कराई गयी.
गुलाल लगाकर बांटी मिठाई
विवाह पश्चात सभी ने एक दुसरे के साथ गुलाल लगा कर होली खेली श्री स्वामीजी महाज द्वारा भक्तो को बधाई बाटी गयी साथ ही भक्तो के बिच मखाने , काजू , बादाम, टॉफ़ी उड़ाई गयी भक्तों का उत्साह इतना चरम पर था हर भक्त जैसे ठाकुर के विवाह में नाचने में मग्न हो गया था कल्याण उत्सव के वर -पक्ष प्रभुदयाल तोतला व वधु पक्ष के यजमान हैदराबाद से पधारे नागोरिया शिष्य मंडल साथ ही अन्य यजमान के द्वारा संकल्प लेकर विवाह की सभी रस्मे संपन्न कराई।
निकली अश्व वाहन पर सवारी
रात्रि के सत्र में प्रभु वेंकटेश की अश्व वाहन पर सवारी निकली व परकाल लीला हुई जिसमें डाकू द्वारा भगवान को लूट कर पुन: भगवान को समर्पण कर दिया जाता है. साथ ही जोधपुर से आए गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने एकली कड़ी रे मीराबाई मोहन आओ तो सही,सवारियों हे सेठ,सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी जिस पर सभी भक्त खूब झूम कर नाचे। बंसीलाल भूतड़ा,कल्याण मंत्री,आशीष बाहेती,मधुर लड्डा,संदीप चंडक, लछु लड्डा,जयप्रकश, लाहोटी,रामेश्वरलाल सोमानी,शरद पसारी अनिल मंत्री राम सोमानी,पंकज सोमानी मौजूद थे।