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महाराज प्रताप राव खीची की जीवन प्रेरणादायक
इंदौर. चित्रा नगर में गढ़ गागरोन के महाराजा प्रताप राव खीची, जो आगे चलकर सन्त पीपा महाराज के नाम से विश्व विख्यात हुए, आज उनकी जयंती के अवसर पर महाराणा प्रताप यूथ ब्रिगेड द्वारा माल्यार्पण कर उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया जो अत्यंत प्रेरणादायक है.
महाराणा प्रताप यूथ ब्रिगेड के एड. के पी सिंह खीची ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वीर भक्तराज पीपाजी का जन्म विक्रम संवत 1380 में राजस्थानमें कोटा से 45 मील पूर्व दिशा में गागरोन में हुआ था। वे चौहान गौत्र की खींची वंश शाखा के प्रतापी राजा थे. सर्वमान्य तथ्यों के आधार पर पीपानन्दाचार्य जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिम, बुधवार विक्रम संवत 1380 तदनुसार23 अप्रैल 1323 को हुआ था. उनके बचपन का नाम प्रतापराव खींची था. उच्च राजसी शिक्षा-दीक्षा के साथ इनकी रुचि आध्यात्म की ओर भी थी, जिसका प्रभाव उनके साहित्य में स्पष्ट दिखाई पड़ता है. किवदंतियों के अनुसार आप अपनी कुलदेवी से प्रत्यक्ष साक्षात्कार करते थे व उनसे बात भी किया करते थे. पिता के देहांत के बाद संवत 1400 में आपका गागरोन के राजा के रूप में राज्याभिषेक हुआ. अपने अल्प राज्यकाल में पीपाराव द्वारा फिरोजशाह तुगलक, मलिक जर्दफिरोज व लल्लन पठान जैसे योद्धाओं को पराजित कर अपनी वीरता का लोहा मनवाया. आपकी प्रजाप्रियता व नीतिकुशलता के कारण आज भी आपको गागरोन व मालवा के सबसे प्रिय राजा के रूप में मान सम्मान दिया जाता है. इस अवसर पर वार्ड 31 की पार्षद श्रीमती सरोज चौहान जी , श्री राघवेंद्र सिंह जी , श्री मानसिंह जी राजावत ,कुँवर जय सिंह जी पवार कृष्णपाल सिंह जी बामनियाखेड़ी , दीपक कुशवाहा जी, किशोर सिंह ,
राजा जी सेंगर , अमित बैस आदि मौजूद रहे ।