इंदौर में स्थापित होंगे 29.88 मेट्रिक टन की क्षमता के 44 ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर ऑक्सीजन आपूर्ति के किये जा रहे है पुख्ता इंतजाम

इंदौर . आशंकित कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में कलेक्टर श्री मनीष सिंह के निर्देशन में इंदौर जिला आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर है। सीएमएचओ डॉ. बी.एस. सैत्या ने ऑक्सीजन प्लांट के संबंध में जानकारी देते हुये बताया है कि इंदौर में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 44 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य तेजी से जारी है। इसमें से 19 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्त 19 अस्पतालों में स्थापित किये गये ऑक्सीजन प्लांट की कुल क्षमता 25.31 मेट्रिक टन है।

सीएमएचओ डॉ. बी.एस. सैत्या ने बताया है कि 15 अगस्त के पहले जिले में 4.57 मेट्रिक टन की क्षमता के कुल पांच और ऑक्सीजन प्लांट सेवाकुंज हॉस्पिटल, गीताभवन हॉस्पिटल, लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल, सिद्धार्थ हॉस्पिटल तथा विशेष जुपिटर हॉस्पिटल में स्थापित किये जायेंगे। इसी तरह शेष 14 ऑक्सीजन प्लांट अगस्त माह में तथा 6 ऑक्सीजन प्लांट सितम्बर माह में स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि 44 अस्पतालों में स्थापित किये जा रहे इन ऑक्सीजन प्लांटस की कुल क्षमता 29.88 मेट्रिक टन रहेगी।

वर्तमान में जिन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये जा चुके है उनमे बॉम्बे हॉस्पिटल, सी3 मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सेन्ट फ्रांसेस हॉस्पिटल, चोइथराम हॉस्पिटल, मेदांता हॉस्पिटल, सीएचएल हॉस्पिटल, इंडेक्स हॉस्पिटल, एसएनजी हॉस्पिटल, एसएमएस एनर्जी हॉस्पिटल, वर्मा यूनियन हॉस्पिटल, क्योरवेल हॉस्पिटल, आनंद हॉस्पिटल, आरविंदो हॉस्पिटल, डॉ. बीआर अम्बेडकर हॉस्पिटल महू, चेस्ट वार्ड, एमआरटीबी हॉस्पिटल, एमटीएच हॉस्पिटल, पीसी सेठी हॉस्पिटल एवं इएसआई टीबी हॉस्पिटल शामिल है।

उल्लेखनीय है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के कार्य को द्रुतगति तथा गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के लिये कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा ऑक्सीजन प्लांट समीक्षा समिति का गठन किया है। गठित समिति द्वारा विभिन्न अस्पतालों का भ्रमण कर नियमित रूप से अस्पतालों में लगाये जा रहे ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया जा रहा है। समिति में शामिल सीएमएचओ डॉ. सैत्या ने बताया कि सभी प्लांट शुरू हो जाने से जिले में पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता रहेगी। जरूरत पड़ने पर निजी क्षेत्र के अनेक उद्योगिक संस्थानों से भी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलेगी। जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी।

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