- मणिपाल हॉस्पिटल्स ने पूर्वी भारत का पहला एआई-संचालित इंजेक्टेबल वायरलेस पेसमेकर सफलतापूर्वक स्थापित किया
- Manipal Hospitals successfully performs Eastern India’s first AI-powered injectable wireless pacemaker insertion
- Woxsen University Becomes India’s First Institution to Achieve FIFA Quality Pro Certification for RACE Football Field
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने यू – जीनियस राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी फिनाले में प्रतिभाशाली युवाओं का किया सम्मान
- Union Bank of India Celebrates Bright Young Minds at U-Genius National Quiz Finale
वरिष्ठ एक्टर प्रेम चोपड़ा ने ताजा कीं आज़ादी से पहले की लाहौर की यादें
क्यों उत्थे दिल छोड़ आए’ की टीम को दी शुभकामनाएं एवं प्यार
मुम्बई. भारत के लोगों के लिए पार्टीशन यानी कि ‘विभाजन’ एक ऐसा शब्द है, जो अब भी उनके ज़ेहन में कुछ मीठी और कुछ कड़वी यादें ताजा कर देता है। जहां हमारे बड़े बुजुर्गों को देश के विभाजन से पहले के दिन अच्छी तरह याद हैं, वहीं 1947 के इस बंटवारे से सदमे और तबाही का मंजर भी जुड़ा है। इससे हमें सही मायनों में समझ आता है कि हमें बंटवारे के दौर की क्या कीमत चुकानी पड़ी!
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का आगामी शो ‘क्यों उत्थे दिल छोड़ आए’ 1947 के लाहौर यानी भारत के बंटवारे से पहले की कहानी है। यह तीन जवान लड़कियों – अमृत, वाश्मा और राधा के सपनों और प्यार की कहानी है, जिन्होंने अपनी उम्मीदों और अरमानों को सहेजने का साहस किया, जबकि उनके आसपास की दुनिया ‘विभाजन’ के नाम पर बिखर रही थी।
इस शो के प्रोमोज़ को अब तक दर्शकों का बहुत प्यार मिला और अब इसे एक नया प्रशंसक मिल गया है। वैसे वरिष्ठ एक्टर प्रेम चोपड़ा को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। यह मशहूर एक्टर चार दशक से ज्यादा समय से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे हैं। श्री चोपड़ा का जन्म भी लाहौर में हुआ था और उन्होंने विभाजन और आजादी के दिनों को जिया है, तो ऐसे में उन्होंने भी उन दिनों की अपनी निजी यादें साझा कीं।
उस दौर को याद करते हुए एक्टर प्रेम चोपड़ा ने कहा, “क्यों उत्थे दिल छोड़ आए, मुझे अपने बचपन की यादों में ले जाता है। यह मुझे खुशी और बीती बातों से भर देता है। मेरा परिवार लाहौर में रहता था, तो मुझे याद है हम लोग अपने पड़ोस में स्थित अनारकली बाजार जाते थे, जहां हम लोग चाट खाते थे और पतंगों से खेलते थे।
मेरी मां हम सभी के लिए जायकेदार खाना बनाती थीं। मैं एक संयुक्त परिवार में रहता था और चूंकि मेरे दादाजी के तीन बेटे थे, तो उन्होंने एक बिल्डिंग में हर बेटे को एक फ्लोर दे रखा था, ताकि सारा परिवार हमेशा साथ रहे। क्यों उत्थे दिल छोड़ आए देखना उन यादों की गलियों में खो जाने के जैसा है। मैं इस शो की पूरी टीम को ढेर सारा प्यार और शुभकामनाएं देना चाहता हूं।“