योग को घर-घर पहुंचाए बिना भारत को फिर  से विश्व गुरू बनाने का स्वप्न पूरा नहीं होगा

इंदौर। व्यस्त होती जा रही हमारी जीवन शैली के कारण हम अपनी सेहत के प्रति कुछ ज्यादा ही उदासीन होते जा रहे हैं। योग भारतभूमि का ऐसा अनमोल उपहार है, जिसे आज सारी दुनिया अपना रही है । 21 वीं सदी के इस विज्ञान और इंटरनेट के युग में योग की महत्ता और अधिक बढ़ गई है। देश को एक बार फिर विश्वगुरू बनाने की बातें तो बहुत हो रही है, लेकिन यह तभी संभव है जब हम घर-घर तक योग को पहुंचाने का स्वप्न साकार कर दिखायेंगे।
ये प्रेरक विचार है वैष्णव विद्यापीठ वि.वि. के कुलपति डॉ. उपेन्द्र धर के, जो उन्होने हरि ओम योग केंद्र के 48 वां स्थापना दिवस समारोह में चोईथराम कॉलेज परिसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। योग केंद्र के संस्थापक डॉ. आरसी वर्मा ने इस गरिमापूर्ण समारोह की अध्यक्षता की। डॉ. अश्विनी वर्मा, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. रीता जैन, डॉ. श्याम वर्मा एवं डॉ. श्रीमती धर विशिष्ट अतिथि थे। प्रारंभ में ऋतु श्रीवास्तव ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत संयोजक ओपी जायसवाल, डॉ, निर्मल महाजन,पारस जैन, बालकृष्ण भल्लिका, डॉ. पीएन श्रीवास्तव, डॉ. प्रकाश फणसे , श्याम शर्मा, डॉ. संजय लोंढे, हेतराम चौकसे, डॉ. आरके वाजपेयी आदि ने किया। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
 इस अवसर पर चोईथराम कॉलेज से वर्ष 2017-18 के स्नातकोत्तर योग डिप्लोमा के छात्रों का दीक्षांत समारोह भी  आयोजित किया गया। अतिथियों ने सभी उत्तीर्ण छात्रों एवं शहर में हरि ओम योग केंद्र के माध्यम से वर्षों से योग विधा को समर्पित भाव से जन-जन तक पहुंचा रहे 55 योग गुरूओं का सम्मान भी किया। इसके पूर्व पारस जैन एवं शंकर लड्ढा के निर्देशन में दिया शर्मा ने तांडव नृत्य का प्रभावी प्रदर्शन किया, वहीं  .ऋतु श्रीवास्तव एवं रेखा जैन ने योगासनों के प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध बनाए रखा । इस अवसर पर गुरू पूर्णिमा के उपलक्ष्य में शहर के वरिष्ठतम योग गुरू डॉ. आरसी वर्मा का भी आत्मीय सम्मान किया गया। संचालन डॉ. निर्मल महाजन एवं ओपी जायसवाल ने किया। आभार माना डॉ. आरके वाजपेयी ने । समारोह में बड़ी संख्या में शहर के योग प्रेमी एवं योग संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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